पुलिस और अपराधियों का गठजोड़:बदमाश संदीप ने पुलिस पर फायरिंग के बाद कांस्टेबल रामप्रसाद को लगाया था फोन, उसने किसी को नहीं बताया, अब तक फरार

साउथ जिले के बाद अब ईस्ट जिले में पुलिस और अपराधियों का गठजोड़ सामने आया है। रामनगरिया थाना इलाके में पुलिस पर फायरिंग करने वाले आरोपी संदीप का मालमपुरा गेट थाने के कांस्टेबल रामप्रसाद पुरी से कनेक्शन मिला है। कांस्टेबल आरोपी संदीप को इंस्टाग्राम पर फॉलो करता है। ये नहीं संदीप ने फायरिंग के बाद सबसे पहले रामप्रसाद को ही कॉल किया था, लेकिन उसने आलाअफसरों को नहीं बताया। जांच के बाद इसका खुलासा होने पर अधिकारियों ने कांस्टेबल को पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया। इस मामले की जांच अब आदर्श नगर एसीपी लक्ष्मी सुथार करेंगी। बता दें कि अब तक संदीप फरार है। पुलिस को भारी मात्रा में मिले फर्जी पट्टे पुलिस को संदीप के घर एवं ऑफिस की तलाशी में भारी मात्रा में फर्जी पट्टे भी मिले हैं। क्योंकि संदीप आगरा रोड पर जमीनों का काम करता था। उसने गायत्री नगर कॉलोनी में कल्प राज नाम से ऑफिस खोल रखा था। वारदात के बाद एक टीम को उसके आगरा रोड स्थित कार्यालय पर भी छापेमारी की थी। जहां से भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जाएगी। लंबे समय से डीएसटी में रहने के कारण टीम को बदला डीएसटी ईस्ट में लंबे समय से बदलाव नहीं होने के कारण एएसआई अशोक सिंह को प्रताप नगर, राम प्रसाद पुरी को मालपुरागेट, धर्मसिंह को बजाज नगर, बबलू को रामनगरिया, रामनिवास को आदर्श नगर, अविनाश को प्रताप नगर थाने में लगा दिया था। एएसआई छीतर, हैडकांस्टेबल तुलसी और विजय कांस्टेबल को टीम में ही रखा था, ताकि इनकी मदद से सूचना पुलिस को पहले की तरह मिलती रहे। अब इस टीम की भूमिका की भी जांच होगी। क्योंकि रामप्रसाद पुरी जब भी संदीप की स्कॉर्पियो को लेकर जाता था, उस दौरान ये भी सभी साथ में रहते थे। पिस्टल के साथ पकड़ा गया था संदीप, तब रामप्रसाद से हुई दोस्ती ये था फायरिंग का मामला - 1 जून को रामनगरिया थाना इलाके में बजाज नगर थाना पुलिस पर संदीप राज शर्मा ने फायरिंग कर दी थी। फायरिंग के बाद वह घर से फरार हो गया था। उसके घर की तलाशी में 53 कारतूस, 1 हथकड़ी और 1 तलवार मिली थी। उस दौरान गोली रामोतार की अंगुली को छूते हुए निकल गई थी। डीएसटी ने कुछ माह पहले संदीप सहित तीन बदमाशों को 5 पिस्टल के साथ पकड़ा था। संदीप के पास 2 पिस्टल मिली थी। जिसे आदर्श नगर थाने में बंद किया गया था। उसके अन्य साथियों को कानोता और खोह नागोरियान थाने में बंद किया था। उस दौरान रामप्रसाद डीएसटी ईस्ट में तैनात था, तभी उसकी संदीप से मुलाकात हुई और फिर दोस्ती हो गई। यहां तक कि रामप्रसाद डीएसटी की कार्रवाई के दौरान संदीप की गाड़ी लेकर गया था। इस गठजोड़ का पता उच्चाधिकारियों को चला तो उन्होंने पुरानी डीएसटी टीम के एएसआई छीतर, हैंड कांस्टेबल तुलसी, कांस्टेबल विजय और मालपुरा गेट के रामप्रसाद पुरी को लगाया गया। उनको चेतावनी देते हुए कहा कि या तो बदमाश संदीप को पकड़कर लाओ, नहीं तो कार्रवाई होगी।