दो घंटे के बाद किया धरना समाप्त:आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग, सूरजगढ़ में फौजी विक्रम की पीट-पीटकर हत्या का मामला

दो घंटे के बाद किया धरना समाप्त:आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग, सूरजगढ़ में फौजी विक्रम की पीट-पीटकर हत्या का मामला
सूरजगढ़ थाना क्षेत्र के अमरपुरा कलां गांव (पालोता का बास) फौजी की हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर चल रहा धरना समाप्त हो गया है। धरना सुबह से चल रहा था। पुलिस के अश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है। पुलिस ने हत्या के मामले दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। परिजनों की मांग है कि रिपोर्ट में नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। मांग को लेकर धरना शुरु कर दिया, इसके बाद समझाइस की गई, सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया। इससे पहले विक्रम सिंह सोमरा के बड़े भाई विनोद कुमार ने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है। थानाधिकारी हेमराज मीणा के मुताबिक रिपोर्ट में अविनाश उर्फ घघला, मनीष उर्फ सोनू, अविनाश की मां जानकी देवी, छोटी बहन, अविनाश के चाचा कर्ण सिंह, कर्ण सिंह की पत्नी मुकेश, अविनाश के पिता अनिल, अविनाश के ताऊ हरिसिंह, निकेतन, राजेश, प्रियंका व दो तीन अन्य पर हत्या का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में विक्रम सिंह की लाठी डंडों, सरियों व धारदार हथियारों से मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में बताया कि उसका भाई विक्रम सिंह 10 जून को शाम 6 बजे ड्यूटी पर जाने के लिए अपनी गाड़ी से निकला था। बड़सरी का बास शराब ठेके के पास ज्योंही पहुंचा तो वहां पर शराब ठेके के पास स्कॉर्पियो में बैठे आरोपियों ने रोक कर अपनी गाड़ी में अपहरण कर अमरपुरा कलां ले गए। वहां घर ले जाकर मारपीट की। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विक्रम अपने भतीजे के दशोठण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पांच दिन की छुट्‌टी लेकर अपने गांव आया हुआ था। लेकिन छुट्टी के दूसरे ही दिन उसे जान से हाथ धोना पड़ा। विक्रम को घायल अवस्था में सूरजगढ़ अस्पताल ले गए। वहां से उसे बीडीके अस्पताल झुंझुनूं रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सूरजगढ़ अस्पताल के पास शव रखकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना था कि जब देश की सुरक्षा करने वाला सैनिक ही अपने गांव में सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों का क्या होगा। उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे सेना के जवानों को भी नहीं छोड़ रहे। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों व ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। करीब दो घंटे की लंबी समझाइश के बाद परिजन माने और धरना समाप्त किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामले में अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है। वहीं अन्य आरोपियों की तलाश में टीमें गठित की गई हैं। सूरजगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आपसी कहासुनी और रंजिश का प्रतीत होता है, लेकिन पूरी घटना की गहन जांच की जा रही है। विक्रम सिंह सेना की 8 ग्रेनेडियर यूनिट में हवलदार के पद पर तैनात थे और करीब 10 साल पहले वे रिटायर होकर डिफेंस सर्विस कोर (DSC) में सेवा दे रहे थे।