जैन मुनि आचार्य विद्यानंद महाराज का जन्म शताब्दी समारोह:PM मोदी ने डाक टिकट, सिक्के जारी किए; कहा- आचार्य विद्यानंद का जीवन त्याग की मिसाल

जैन मुनि आचार्य विद्यानंद महाराज का जन्म शताब्दी समारोह:PM मोदी ने डाक टिकट, सिक्के जारी किए; कहा- आचार्य विद्यानंद का जीवन त्याग की मिसाल
पीएम मोदी शनिवार को जैन मुनि आचार्य विद्यानंद महाराज के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आचार्य विद्यानंद का डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इस कार्यक्रम का आयोजन भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट की ओर से किया गया। ट्रस्ट ने पीएम को 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि से सम्मानित किया। इस मौके पर मोदी ने कहा, "मैं खुद को इस उपाधि के योग्य नहीं मानता, लेकिन हमारी संस्कृति में यह परंपरा है कि संतों से जो भी मिलता है, हम उसे प्रसाद मानकर स्वीकार करते हैं। इस वजह से मैं इस सम्मान को प्रसाद रूप में विनम्रता से स्वीकार करता हूं और इसे मां भारती को समर्पित करता हूं।" PM ने कहा- आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 28 जून 1987 को आचार्य विद्यानंद मुनिराज को 'आचार्य' की उपाधि दी गई थी। यह सिर्फ एक सम्मान नहीं था, बल्कि जैन संस्कृति को विचारों, संयम और करुणा से जोड़ने वाली एक पवित्र धारा भी थी। जब हम आज उनके जन्म के 100 साल मना रहे हैं, तो वह ऐतिहासिक पल फिर याद आता है। आचार्य विद्यानंद महाराज का जन्म शताब्दी समारोह पूरे साल भर चलेगा। इस दौरान जैन समाज की ओर से देशभर में जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। PM मोदी की 2 बड़ी बातें... कौन थे आचार्य विद्यानंद महाराज? आचार्य विद्यानंद महाराज जैन धर्म के संत, विद्वान और समाज-सुधारक थे। उनका जन्म 22 अप्रैल 1925 को शेदबल गांव, बेलगावी (अब कर्नाटक) में हुआ था। बहुत कम उम्र में उन्होंने संन्यास ले लिया और पूरी जिंदगी संयम, साधना और सेवा में लगा दी। वे जैन धर्म के सबसे बड़े विद्वानों में माने जाते हैं। उन्होंने 8,000 से ज्यादा जैन ग्रंथों के श्लोक कंठस्थ कर रखे थे। उन्होंने जैन दर्शन, नैतिकता और प्राकृत भाषा पर 50 से अधिक किताबें लिखीं। आचार्य विद्यानंद जी ने देशभर में कई पुराने जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जीवनभर नंगे पांव यात्रा की और कठोर तप, ब्रह्मचर्य और ध्यान का पालन किया। जैन ध्वज के निर्माता आचार्य विद्यानंद जी महाराज साल 1975 में भगवान महावीर के 2,500वें निर्वाण महोत्सव के समय, उन्होंने सभी जैन संप्रदायों की सहमति से आधिकारिक जैन ध्वज और अहिंसा प्रतीक तैयार किया। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें.... विश्व नवकार महामंत्र दिवस: 108 देशों में एक साथ जाप:पीएम मोदी ने किया वर्चुअल संबोधन, जीतो गिनीज बुक में दर्ज कराएगा रिकॉर्ड बुधवार को जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जीतो) की ओर से विश्व नवकार महामंत्र दिवस मनाया गया। दुनिया के 108 देशों में एक साथ नवकार महामंत्र का जाप किया गया। खातेगांव के श्रीमुनि सुव्रतनाथ जिनालय में सुबह 8:01 बजे से जाप शुरू हुआ। यह 9:36 बजे तक चला। इस 1 घंटा 35 मिनट के जाप में जैन समाज के कई लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया गया। पूरी खबर पढ़ें...