गहलोत बोले-18 घंटे काम करने वाले गिग-वर्कर्स से सहानुभूति रखें:सरकार वेलफेयर एक्ट लागू करती तो इंटरनेट आधारित कंपनियों की मनमानी रुकती

गहलोत बोले-18 घंटे काम करने वाले गिग-वर्कर्स से सहानुभूति रखें:सरकार वेलफेयर एक्ट लागू करती तो इंटरनेट आधारित कंपनियों की मनमानी रुकती
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इंटरनेट आधारित कंपनियों और क्विक कॉमर्स में डिलीवरी का काम करने वाले गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए कांग्रेस राज में पारित कानून को लागू नहीं करने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने अपने आवास पर गिग वर्कर्स से मिलकर उनकी समस्याओं पर लंबी चर्चा की। हमारी सरकार ने बनाया था गिग वर्कर्स के लिए एक्ट गहलोत ने एक्स पर लिखा- आज आवास पर गिग वर्कर्स से मिलकर उनकी समस्याओं पर चर्चा की। हमारी कांग्रेस सरकार के दौरान देश में पहली बार गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट राजस्थान में बनाया गया था जिसमें गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा का कानून था। इसके तहत बीमा, काम के घंटे तय करने, अकारण नौकरी से निकालने पर रोक लगती। इस कानून में 200 करोड़ रुपए के गिग वर्कर्स वेलफेयर फंड एवं बोर्ड बनाने का प्रावधान था। इस कानून से इंटरनेट आधारित कंपनियों की मनमानी पर भी रोक लगती। लिफ्ट पर रोक होना गलत गहलोत ने लिखा- समाज के तौर पर भी हमें 14-18 घंटे काम करने वाले गिग वर्कर्स के प्रति सहानुभूति का भाव रखना चाहिए। इन्होंने बताया कि कई रेसीडेंशियल सोसाइटी में गिग वर्कर्स को ऊपर जाने के लिए लिफ्ट के इस्तेमाल पर रोक होती है जो उचित नहीं है। वहां रहने वाले लोगों की सेवा के लिए आने वाले इन गिग वर्कर्स को सामान के साथ सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में परेशानी होना लाजिमी है। गहलोत ने लिखा- राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद इस कानून को लागू नहीं किया गया है जिससे गिग वर्कर्स में असंतोष है। भाजपा सरकार ने बजट में फंड की राशि बढ़ाने की घोषणा की पर उसका कोई क्रियान्वयन नहीं हुआ।