अरुणा रॉय बोलीं- भोजन और अन्य सुविधाएं फ्रीबीज नहीं:नागरिकों का संवैधानिक अधिकार हैं, रोजी-रोटी अभियान का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

अरुणा रॉय बोलीं- भोजन और अन्य सुविधाएं फ्रीबीज नहीं:नागरिकों का संवैधानिक अधिकार हैं, रोजी-रोटी अभियान का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
जयपुर के डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के परिसर में शनिवार (24 मई) को रोज़ी रोटी अधिकार अभियान का आठवां राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने इस तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा- भोजन और अन्य मूलभूत सुविधाएं फ्रीबिज नहीं है। यह नागरिकों का संवैधानिक अधिकार हैं। संविधान ने हमें गरिमा के साथ जीने का हक दिया है। उसमें भोजन का अधिकार सबसे बुनियादी जरूरत है। समाज में सबसे गरीब व्यक्ति को रोटी तो मिले अरुणा रॉय ने बताया- राशन और रोटी के अधिकार की यह चर्चा सन 2001 से शुरू हुई थी। उन दिनों हम स्टैच्यू सर्किल पर आंदोलन किया करते थे। हमारी यह मांग थी कि खाद्य सुरक्षा के लिए कानून बनना चाहिए। ताकि कम से कम समाज में जो सबसे गरीब व्यक्ति है उसे रोटी तो मिले, खाना तो मिले। इसी क्रम में यह राष्ट्रीय अभियान शुरू हुआ था। इसे होते हुए 7 साल हो गए हैं। इसी से हमनें खाद्य सुरक्षा के लिए कानून बनवाया। सुप्रीम कोर्ट में केस किए। सम्मेलन में रीतिका खेड़ा, अमृता जोहरी, शाहू पटोले, दीपा सिंह जैसे प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार रखे।