10 हजार कर्मचारियों को मिलेगा इंसेंटिव:विद्युत निगम को इस साल 344 करोड़ का मुनाफा, काम के आधार पर तय होगी राशि

10 हजार कर्मचारियों को मिलेगा इंसेंटिव:विद्युत निगम को इस साल 344 करोड़ का मुनाफा, काम के आधार पर तय होगी राशि
राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVPN) अपने करीब 10 हजार कर्मचारियों को इस साल इंसेंटिव देने जा रही है। यह इंसेंटिव 2024-25 के फाइनेंशियल ईयर के लिए तय किए गए परफॉर्मेंस पैरामीटर यानी की-परफॉर्मेंस इंडिकेटर (KPI) के आधार पर दिया जाएगा। निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर ने इस स्कीम को मंजूरी दे दी है। राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम को साल 2024-25 में ₹344.11 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। बोर्ड मीटिंग में पेश हुए आंकड़ों के मुताबिक निगम की कुल कमाई ₹4634.41 करोड़ रुपए और खर्च ₹4290.30 करोड़ रुपए रहा। इस बार प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा किया गया और गैरजरूरी खर्चों में कटौती की गई, जिससे यह फायदा हुआ। निगम की यह योजना साल 2017-18 से लागू इंसेंटिव पॉलिसी के आधार पर तैयार की गई है। इसमें कंपनी और अलग-अलग ट्रांसमिशन एंड कम्युनिकेशन (TC) सर्किलों के KPI के आधार पर अलग-अलग फैक्टर तय किया गया है। इसके आधार पर सभी पात्र कर्मचारियों को इंसेंटिव राशि वितरित की जाएगी। निगम के एमडी नथमल डिडेल ने बताया कि यह इंसेंटिव हर कर्मचारी के काम के आधार पर तय होगा, जिसे KPI स्कोर से आंका गया है। कितनी मिलेगी राशि? कौन कितनी KPI पर पाएगा इंसेंटिव? कैटेगरी A: ट्रांसमिशन एंड कम्युनिकेशन (TC) विंग, मटीरियल प्रिक्योरमेंट, टेस्टिंग एंड स्टोर्स (MPTS), कम्युनिकेशन, लोड डिस्पैच और सिविल विंग के कर्मचारी KPI का 70 प्रतिशत कंपनी लेवल और 30 प्रतिशत संबंधित TC सर्किल लेवल के आधार पर KPI 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा होने पर मिलेगा 100 प्रतिशत इंसेंटिव कैटेगरी B: अन्य कर्मचारी जो A या C में नहीं आते KPI 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा होने पर मिलेगा 90 प्रतिशत इंसेंटिव कैटेगरी C: अन्य सभी विभागों के कर्मचारी KPI 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा होने पर मिलेगा 80 प्रतिशत इंसेंटिव हर कर्मचारी को उसकी तैनाती अवधि के अनुसार इन कैटेगरीज में बंटवारे के आधार पर इंसेंटिव दिया जाएगा। कहां और कैसे करना होगा आवेदन? ESS यूजर्स (SAP पोर्टल उपयोगकर्ता): उन्हें SAP-ERP पोर्टल के जरिए इंसेंटिव क्लेम फॉर्म भरना होगा। Non-ESS यूजर्स: वे कर्मचारी क्लेम फॉर्म भरकर अपने स्थानिक अधिकारी के पास जमा कराएंगे, जो आगे की प्रक्रिया पूरी करेंगे। इंसेंटिव भुगतान के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे। यह पूरी योजना निगम के निदेशक मंडल की मंजूरी के अधीन है। अन्य गाइडलाइंस भी जानिए: