सरकार की लापरवाही:सरकार ने कहा था सस्ती बजरी मिलेगी, हकीकत में 1 साल से बंद, 12 लीजों को 9 माह से पर्यावरण स्वीकृति का इंतजार

बाड़मेर-बालोतरा जिले में एक साल से वैध बजरी खनन बंद है। इससे आमजन की जरूरत के निर्माण कार्य बंद है। हाल ये है कि बजरी बंद होने से गुजरात या जोधपुर से महंगे दामों से बजरी मंगवानी पड़ रही है। एक ट्रक बजरी जो 17-18 हजार में मिलता था उसके अब 28-30 हजार रुपए देने पड़ रहे हैं। सरकार की लापरवाही से पहली बार एक साल बीत जाने के बाद भी बजरी खनन शुरू नहीं हुआ है। सरकारी निर्माण कार्यों में रेत का उपयोग कर रहे हैं। जुलाई 2024 में बजरी की पुरानी लीज खत्म हुई थी। इसके बाद नई लीज सरकार की नई बजरी पॉलिसी के अनुसार जारी की गई। इसी पॉलिसी पर 100 हेक्टेयर से कम की लीज ऑक्शन की गई। बाड़मेर में 12 लीज की ऑक्शन को करीब 9 माह बीत चुके है, लेकिन अब तक इनकी पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है। इसी वजह से एक साल से बजरी खनन बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को बजरी खनन पर राजस्थान में रोक लगा दी थी। 31 मार्च 2018 को बजरी खनन के लिए सभी एलओआई को निर्धारित अवधि पूरा होने पर खत्म कर दिया। इसके बाद से बजरी महंगी हो गई। 2023-24 में बजरी 400-450 रुपए प्रति टन थी। इसके भाजपा सरकार बनने के बाद बजरी की नई पॉलिसी लागू की है। बड़े पट्टों को छोटा करते हुए 100 हेक्टेयर तक देने के लिए पॉलिसी लागू की। इससे अब छोटे-छोटे ब्लॉक में बजरी खनन शुरू हो सकेगा। अब 50 रुपए रॉयल्टी प्रति टन के हिसाब से बजरी के भाव होंगे। ऐसे में लोडिंग सहित अन्य टैक्स मिलाकर 150-200 रुपए टन तक बजरी मिलेगी। जबकि गुजरात में बजरी के दाम सस्ते हैं। ^बाड़मेर-बालोतरा में 12 लीज ऑक्सन की गई है, लेकिन पब्लिक हियरिंग और पर्यावरण स्वीकृति के कई स्टेप पेडिंग है। इसी वजह से बजरी का खनन शुरू नहीं हुआ है। -वेद प्रकाश, एमई, खनन विभाग, बाड़मेर । बाड़मेर. खुडासा इलाके में लूणी नदी का बजरी खनन क्षेत्र। 1. सिणधरी-गुड़ामालानी: लूणी नदी के सिणधरी से लेकर गुड़ामालानी तक 5151.68 हेक्टेयर में बजरी खनन की लीज थी, जो मार्च 2024 में खत्म हो गई है। यह लीज वर्ष 2017 में हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक होने के बावजूद राहत मिलने पर सरकार ने 13 माह बजरी खनन की अनुमति दी थी। 2. पचपदरा : पचपदरा से लेकर सिणधरी तक 3056.31 हेक्टेयर में बजरी खनन की लीज थी, जिसका 13 माह यानि दिसंबर 2023 में लीज अवधि खत्म हो गई। यह भी वर्ष 2017 की लीज थी। अब यहां भी बजरी खनन बंद है। बाड़मेर-बालोतरा जिले में 12 लीज ऑक्शन हो चुकी है। इनमें बालोतरा जिले के कनाना में 5 लीज, सराना में 2, बिठूजा में 1, पायला खुर्द में 1, पायला कला में 1, आदर्श सड़ा में 1 लीज है। ये सभी लीज अगस्त 2024 से अक्टूबर 2024 तक ऑक्शन हो चुकी है। इन लीज के लिए पर्यावरण एनओसी के लिए आवेदन किए भी 9 माह बीत गए हैं, लेकिन मंजूरी नहीं दी है। इसी वजह से एक साल से पूर्णतया बजरी खनन बंद है। इन 11 पट्टों में करीब 964 हेक्टेयर पर खनन शुरू होना है।