शेरों से पहले दहाड़ी खामियां:बिना टेंडर 300 मीटर बढ़ा दी फेंसिंग, चौकी अंदर ली, वीवीआईपी ट्रीटमेंट के लिए बदलाव

शेरों से पहले दहाड़ी खामियां:बिना टेंडर 300 मीटर बढ़ा दी फेंसिंग, चौकी अंदर ली, वीवीआईपी ट्रीटमेंट के लिए बदलाव
सज्जनगढ़ सेंचुरी की लाॅयन सफारी में शेर रखे जाने से पहले खामियां दहाड़ रही हैं। भास्कर पड़ताल में खुलासा हुआ है कि 20 हेक्टेयर में लगभग बनकर तैयार इस सफारी में 1900 मीटर लंबी फेंसिंग बनानी थी, लेकिन इसे 2200 मीटर में बनाया गया। सेंचुरी में क्लाउड-9 पर बने निगरानी चौकी के दो कमरों को सफारी में शामिल करने के लिए फेंसिंग की लंबाई बढ़ाई गई। टेंडर में फेंसिंग की लंबाई 1900 मीटर है। इसे बढ़वाने का काम मौखिक तौर पर हुआ। न तो अलग से बजट लिया, न ही टेंडर किए। तय बजट 3.34 करोड़ में से ही 30 लाख का यह काम हुआ। गुणवत्ता गिरी तो 20 मई को क्लाउड-9 के सामने की 100 मीटर लंबी फेंसिंग गिर गई। सवाल ये है कि चौकी को सफारी के भीतर लिया ही क्यों? खुद कर्मचारी ही कह रहे हैं कि वीवीआईपी ट्रीटमेंट के लिए ऐसा किया गया। चौकी का गेस्ट हाउस की तरह इस्तेमाल किया जाता और शेरों को नजदीक से दिखाया जाता। इन दाे कमराें की भी हाल ही मरम्मत कराई है। बाथरूम में फव्वारे और अन्य उपकरण लगाए हैं। बिजली के लिए साेलर प्लेट-बैट्री लगाई है। यह काम अलग बजट से हुआ। हालांकि, शेर रखे जाने के बाद मौजूदा स्थिति में इन कमरों में किसी को ठहराया नहीं जा सकता और निगरानी के लिए भी इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता। अभी कमरों के इर्द-गिर्द सुरक्षा के लिए जाली या अन्य इंतजाम नहीं होने से शेरों के हमला करने की आशंका रहेगी। ऐेसे में इस दावे को मजबूती मिलती है कि भविष्य में इस तरह की व्यवस्था कर इन कमरों का गेस्ट हाउस की तरह इस्तेमाल होता। निगरानी ही करनी होती तो इन्हें सफारी से बाहर रखकर भी यह काम हो सकता था। चौकी से झील का शानदार व्यू सेंचुरी के पूर्व रेंजर सुजान सिंह साेनी बताते हैं कि क्लाउड-9 पर बने कमरे 15 साल पुराने हैं। इन्हें जंगल की निगरानी के हिसाब से बनाया था। पहाड़ी की चाेटी पर स्थित हाेने से फतहसागर झील का शानदार व्यू भी दिखता है। सेंचुरी की निगरानी भी होती है। कर्मचारियाें के रात में रुकने की व्यवस्था भी है। फेंसिंग गिरने की जांच जारी सेंचुरी 5.19 वर्ग किमी में है। 20 हेक्टेयर हिस्से में सफारी बनाई है। 26 जनवरी काे सीएम से उद्घाटन कराने की तैयारी थी। हालांकि, ये टल गया। अगर यह हो चुका होता और सफारी में शेर होते तो अनहाेनी की आशंका थी। फेंसिंग गिरने की जांच सीसीएफ कार्यालय में तैनात डीएफओ सुनील गुप्ता कर रहे हैं। निगरानी चौकी के सामने धराशायी हुई थी फेंसिंग प्रोजेक्ट से जुड़े लाेगों ने बताया कि सफारी को मिला 3.34 करोड़ का बजट खत्म हो चुका। इसके तहत 1900 मीटर लंबी फेंसिंग, ग्रेवल रोड और लॉयन हॉल्डिंग एरिया बनाना था, जो बन चुके। 20 मई को तूफान के दौरान क्लाउड-9 के सामने 100 मीटर फेंसिंग गिरी। मामले को विभाग ने 7 दिन दबाए रखा। भास्कर ने 28 मई को इसका खुलासा किया। इसके बाद 5 जून को खुलासा किया कि मामले की जांच पूरी होने और दोषियों पर कार्रवाई से पहले ही जू विकास ट्रस्ट से फेंसिंग की मजबूती सहित अन्य कामों के लिए 53 लाख रु. मांग लिए गए। ट्रस्ट की बैठक बुधवार को हुई थी। इसमें 2.85 करोड़ के 27 कार्यों को मंजूरी दी गई। अब गार्ड चाैकी, एंट्री गेट और टिकट काउंटर बनाने जैसे काम भी होंगे।