उम्मेद क्लब विवाद: विनय कवाड़ को क्लीन चिट, सदस्यता बहाल:क्लब फंड के दुरुपयोग के आरोप पर सदस्यता खत्म करने का मामला

जोधपुर के प्रतिष्ठित उम्मेद क्लब में पिछले कुछ वर्षों से चले आ रहे विवाद पर आखिरकार विराम लग गया है। क्लब के पूर्व सचिव विनय कवाड़ सहित अन्य सदस्यों पर लगे फंड के दुरुपयोग के आरोपों की पुलिस और क्लब की उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा जांच के बाद आखिरकार क्लीन चिट मिल गई है। इसके साथ ही क्लब की वर्तमान कार्यकारिणी ने विनय कवाड़ की सदस्यता बहाल कर दी है। क्या था मामला? वर्ष 2018-20 की उम्मेद क्लब कार्यकारिणी, जिसमें अनिल भंसाली अध्यक्ष और विनय कवाड़ सचिव थे, पर क्लब फंड के दुरुपयोग और अनियमितताओं के आरोप लगे थे। वर्ष 2021-23 की कार्यकारिणी ने इन आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी। तत्कालीन सहसचिव दीपक गहलोत ने फरवरी 2022 में उदय मंदिर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके आधार पर भंसाली, कवाड़ सहित अन्य सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। जांच में क्या निकला? पुलिस ने मामले की गहन जांच के बाद आरोपों को आधारहीन मानते हुए एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी। इसके बाद क्लब ने भी इंजीनियर, वरिष्ठ प्रोफेसर, डेवलपमेंट ऑफिसर, उद्योगपति और भारत सरकार में रजिस्टर्ड कांट्रेक्टर जैसे विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय कमेटी बनाई। कमेटी ने अगस्त 2023 में अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि आरोप प्रमाणित नहीं हो रहे हैं, अतः किसी भी सदस्य को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। आम सभा में हुई विस्तृत चर्चा वर्ष 2023-25 की कार्यकारिणी ने पुलिस जांच, कमेटी की रिपोर्ट, गवाहों और सभी तथ्यों को क्लब की 91वीं आम सभा में प्रस्तुत किया। चर्चा के बाद आम सभा ने निष्कर्ष निकाला कि 2018-20 की कार्यकारिणी के विरुद्ध लगे आरोप निराधार हैं। इसके बाद क्लब अध्यक्ष को अंतिम निर्णय लेने का अधिकार दिया गया। सदस्यता बहाल, विवाद का पटाक्षेप उम्मेद क्लब अध्यक्ष हरिगोपाल राठी और मानद सचिव विनोद सिंघवी की ओर से कवाड़ के नाम पत्र लिखकर विधिवत सूचना दी है। इसके साथ ही गत 1 फरवरी 2022 को जारी आधिकारिक आदेश UC/2022/3955 को निरस्त करते हुए क्लब की वर्तमान कार्यकारिणी (2025-27) ने विनय कवाड़ की सदस्यता बहाल कर दी है। इसी तरह, पूर्व कार्यकारिणी के अन्य तीन सदस्यों की सदस्यता भी पूर्व में ही बहाल की जा चुकी है।