ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब:मिलिट्री ग्रेड यूरेनियम का स्टॉक बढ़ाया, UN की निगरानी एजेंसी का दावा

ईरान परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA ने एक गोपनीय रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान ने मिलिट्री ग्रेड यानी 60% तक शुद्ध यूरेनियम का स्टॉक बढ़ा दिया है। यह यूरेनियम परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब माना जाता है। एजेंसी ने ईरान से सहयोग बढ़ाने और अपनी नीति में बदलाव की अपील की है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने की कोशिशें चल रही हैं। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत हो रही है, लेकिन अभी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। वहीं, इजराइल ने कहा कि IAEA की रिपोर्ट दिखाती है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की पूरी तैयारी कर चुका है। इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे तुरंत रोकने की अपील की है। अगर ईरान परमाणु हथियार बना लेता है तो वह ऐसा करने वाला 10वां देश होगा। दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस के पास हैं। फरवरी से मई के बीच 50% की वृद्धि IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) ने कहा है कि 17 मई तक ईरान के पास 60% शुद्धता वाला करीब 408.6 किलो यूरेनियम था। यह मात्रा फरवरी की तुलना में 50% ज्यादा है। यूरेनियम को जब ज्यादा शुद्ध किया जाता है, तो वह हथियार बनाने के लायक बन जाता है। 90% शुद्ध यूरेनियम को हथियार-ग्रेड यानी परमाणु बम बनाने लायक माना जाता है। 60% पर पहुंच जाने का मतलब यह है कि ईरान अब उस स्तर से सिर्फ एक कदम पीछे है। IAEA ने यह भी बताया कि अगर ईरान 60% वाले करीब 42 किलो यूरेनियम को और ज्यादा शुद्ध कर दे, तो उससे एक परमाणु बम बनाया जा सकता है। फिलहाल ईरान के पास कुल मिलाकर 9247.6 किलो समृद्ध यूरेनियम है। हालांकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम बम बनाने के लिए नहीं बल्कि शांतिपूर्ण उद्देश्यों, जैसे बिजली बनाने या चिकित्सा के लिए है। ईरान ने रिपोर्ट को गलत बताया ईरान के विदेश मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा संगठन ने इस रिपोर्ट को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट अविश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है और इसे राजनीतिक दबाव में तैयार किया गया है। ईरान ने यह भी कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम इस्लामिक सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शांतिपूर्ण है। उसने अपने सर्वोच्च नेता खामेनेई के उस फतवे का जिक्र किया जिसमें परमाणु हथियारों को इस्लाम के खिलाफ बताया गया है। ईरान ने यह आरोप भी लगाया कि 2018 में जब अमेरिका परमाणु समझौते से बाहर हुआ, तब IAEA चुप रहा। अमेरिका ने ईरान को नया प्रस्ताव दिया ओमान के विदेश मंत्री तेहरान पहुंचे और उन्होंने अमेरिका का एक नया प्रस्ताव ईरानी विदेश मंत्री को सौंपा। यह प्रस्ताव परमाणु कार्यक्रम सीमित करने और अमेरिकी प्रतिबंधों में राहत से जुड़ा है। हाल ही में रोम में अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत का पांचवां दौर हुआ, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। IAEA की जांच में क्या मिला? IAEA ने सदस्य देशों को एक और गोपनीय रिपोर्ट भेजी है जिसमें बताया गया है कि ईरान जांच में सहयोग नहीं कर रहा, खासकर उन जगहों पर जहां बिना जानकारी के यूरेनियम के अंश पाए गए हैं। IAEA को शक है कि 2000 के दशक की शुरुआत में ईरान का एक गुप्त सैन्य परमाणु कार्यक्रम था। जांच में यह बात तीन पुरानी साइटों (तुर्कुजाबाद, वरामिन और मरीवान) के बारे में सामने आई है। चौथी साइट लाविसान-शियान को ईरान ने 2003 के बाद ध्वस्त कर दिया और वहां IAEA को जाने ही नहीं दिया। दुनिया के 90% परमाणु हथियार अमेरिका-रूस के पास
स्वीडन के थिंक टैंक SIPRI ने जून 2024 में परमाणु हथियारों से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके मुताबिक दुनियाभर में अभी 3904 परमाणु हथियार मिसाइल या एयरक्राफ्ट तैनात हैं। भारत, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया भी अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों पर परमाणु वॉर हेड तैनात करने की तैयारी में हैं। SIPRI ने बताया कि दुनिया के 90% परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास हैं। .................................................. ईरान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... अफगानिस्तान के बाद अब ईरान को साध रहा है भारत:NSA डोभाल की ईरान की सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव से बातचीत; पाकिस्तान की घेराबंदी तेज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने 18 मई 2025 को ईरान के सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (SNSC) के सचिव अली अकबर अह्मदियान से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत में भारत-ईरान रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। इस दौरान चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) पर जोर दिया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें...