संस्थान के बारे में: ग्रुप 3 वर्षों से जीव दया और सेवा कार्यों में जुटा है। बेसहारा बीमार गोवंश के लिए विशेषकर तत्पर

मानव सेवा के क्षेत्र में भी ग्रुप ने सराहनीय कदम उठाए हैं। शहर में 5 स्थानों पर वाटर स्टैंड लगाए गए हैं, जिनमें 10-10 केन की क्षमता है। इन स्टैंड्स से प्रतिदिन 70 केन ठंडा पानी की खपत होती है। बीमार गायों की देखरेख के लिए गोपाल कृष्ण गोशाला से सहयोग लिया जाता है, जिसमें एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध है। बीमार गायों को वहां उपचारित किया जाता है। इस सप्ताह... जियो और जीने दो ग्रुप जालोर | भीनमाल में सक्रिय ‘जियो और जीने दो’ ग्रुप पिछले 3 वर्षों से जीवदया और सेवा कार्यों में निस्वार्थ भाव से जुटा है। इस संस्था की स्थापना 13 मई 2022 को नरेन्द्र दोशी की ओर से की गई थी, जिनकी अगुवाई में यह ग्रुप आज 350 से अधिक नियमित भीनमाल जैन समाज के भामाशाहों के आर्थिक सहयोग से संचालित हो रहा है। संस्था का मुख्य उद्देश्य बेसहारा, बीमार व त्यागे गए गोवंश की सेवा करना और उन्हें जीवन की मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है। आज के समय में लोग दूध देने के बाद गायों को सड़कों पर छोड़ देते हैं। ऐसी अवस्था में भूखी-प्यासी गायें भटकती हैं। इन्हीं लावारिस पशुओं की सेवा के उद्देश्य से ग्रुप ने भीनमाल में 2 गोमंदिरों की स्थापना की है—श्री वराहा श्याम गो मंदिर और श्री नीलकंठ महादेव गो मंदिर। इन दोनों स्थलों पर लगभग 120-120 गायों की सेवा हो रही है। उनकी देखरेख के लिए एक-एक परिवार को नियुक्त किया है। अभी जुंजाणी में गोचर पर एक और गो मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जीव दया : रोज 5 से 6 टैंकर पानी भरवाया जा रहा भीनमाल व आसपास के गांवों में 8 पक्षी घर बनाए गए हैं। वहीं गर्मियों में लगभग 500 कुंडियां पक्षियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए निशुल्क वितरित की जाती हैं। अब तक करीब 100 अवाळे (पानी के गड्ढे/टांके) बनाए जा चुके हैं, जिनमें रोज 5 से 6 टैंकर पानी भरवाया जाता है। भीनमाल में 2 गो मंदिरों की स्थापना की है—श्री वराहा श्याम गो मंदिर और श्री नीलकंठ महादेव गो मंदिर। इन दोनों स्थलों पर लगभग 120-120 गायों की सेवा हो रही है। यदि आप इस पुण्य कार्य से जुड़ना चाहते हैं या किसी जरूरतमंद गोवंश की मदद करना चाहते हैं, तो ‘जियो और जीने दो’ ग्रुप, भीनमाल से संपर्क करें। मोबाइल: 9328615423