राहत की खबर:पीबीएम में 5 महीने में 710 लोगों की कोविड जांच, एक भी पॉजिटिव नहीं

राहत की खबर:पीबीएम में 5 महीने में 710 लोगों की कोविड जांच, एक भी पॉजिटिव नहीं
पांच साल पहले हाहाकार मचा चुके काेराेना की वापसी काे देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने तैयारियाें शुरू कर दी है। पीबीएम हाॅस्पिटल की एमसीएच बिल्डिंग काे फिर से काेराेना मरीजाें के लिए तैयार किया गया है। वहां 20 बेड का आईसीयू और 100 बेड सामान्य लगाए गए हैं, लेकिन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट दाे साल से बंद पड़ा है। इसका लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए कंपनी काे लिखा गया है। आईसीएमआर के अनुसार देशभर में काेराेना के चार सब वेरिएंट्स और एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में इसकी एंट्री काे देखते हुए चिकित्सा विभाग अलर्ट हाे गया है। एमसीएच बिल्डिंग काे एक बार फिर से काेराेना राेगियाें के लिए तैयार कर दिया गया है। वहां 20 बेड का आईसीयू बनाया गया है। सभी बेड वेंटिलेटर से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा साै बेड सामान्य मरीजाें के लिए रखे गए हैं। वर्ष 2020 और 21 में फैली इस महामारी के दाैरान काेराेना के मरीजाें काे पहले सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक और उसके बाद एमसीएच बिल्डिंग में ही रखा गया था। एमसीएच पीछे मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया, लेकिन दाे साल से उसका लाइसेंस एक्सपायर पड़ा है। उसे रिन्यू करवाने के लिए प्लांट इंस्टाॅल करने वाली कंपनी काे लिखा गया है। इस प्लांट से ऑक्सीजन की सीधी सप्लाई आईसीयू और वार्डाें में है। लाइसेंस रिन्यू में देरी काे देखते हुए मैनीफाेल्ड ऑक्सीजन प्लांट काे तैयार कर दिया गया है। हालांकि चिकित्सकाें का दावा है कि नया वेरिएंट बहुत की नाॅर्मल है। सर्दी, जुकाम, खांसी से ज्यादा कुछ नहीं हाेगा। फिर भी यदि काेई मरीज पाॅजिटिव आता है ताे उसे एमसीएच में ही रखा जाएगा। सभी काे काेविड एडवाइजरी का पालन करना हाेगा। अब तक एक भी पाॅजिटिव केस नहीं पीबीएम हाॅस्पिटल में काेराेना की जांच रुटीन में हाे रही है। इंटरनेशनल फ्लाइट में जाने वाले या गंभीर बीमार राेगियाें की काेराेना जांच कराई जाती है। जनवरी में 236, फरवरी में 191, मार्च में 233, अप्रैल में 38 और मई में अब तक दाे लाेगाें की काेराेना जांच हुई है। राहत की बात ये है कि इनमें से एक भी केस पाॅजिटिव नहीं आया है। पीबीएम अधीक्षक डाॅ. सुरेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार की ओर से पूर्व में जारी एडवाइजरी का ही पालन सभी काे करना है। "कोरोना को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। एमसीएच बिल्डिंग में मरीज रखे जाएंगे। जांच किट और मंगवाई है। दवाइयां पर्याप्त मात्रा में माैजूद हैं। मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए कंपनी काे लिख दिया गया है। हालांकि इसे लेकर डरने की जरूरत नहीं है। अब यह एक सामान्य वायरस मात्र ही है।" -डाॅ. सुरेंद्र कुमार वर्मा, अधीक्षक, पीबीएम हाॅस्पिटल भास्कर एक्सपर्ट- डाॅ. परमेंद्र सिराेही, सीनियर प्राेफेसर, मेडिसिन, पीबीएम हाॅस्पिटल ​​​​​​​नया वैरिएंट खतरनाक नहीं है, बुखार, जुकाम, खांसी हाेने पर डाॅक्टर काे दिखाएं काेराेना का नया वैरिएंट खतरनाक नहीं है। यदि किसी में बुखार, सर्दी, जुकाम व खांसी जैसे लक्षण दिखाई दें तो चिकित्सक से संपर्क करके जांच कराएं। इम्यूनिटी को कमजोर करता है​​​​​ जेएन1 वैरिएंट। यह ओमिक्रॉन के बीए 2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार जेएन1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। जेएन1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कहीं भी रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें काेविड-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।