राजस्थान में डेढ़ साल में 50 स्टूडेंट्स ने की आत्महत्या:अभिभावक संघ बोला- स्टूडेंट्स को बचाने के लिए आयोग का हो गठन, जिम्मेदारों के खिलाफ हो कार्रवाई

राजस्थान में डेढ़ साल में 50 स्टूडेंट्स ने की आत्महत्या:अभिभावक संघ बोला- स्टूडेंट्स को बचाने के लिए आयोग का हो गठन, जिम्मेदारों के खिलाफ हो कार्रवाई
राजस्थान में स्टूडेंट की बढ़ती आत्महत्या को देखते हुए संयुक्त अभिभावक संघ ने चिंता व्यक्त की है। संघ की ओर से कोचिंग सेंटर को लेकर एक आयोग के गठन की मांग की गई है। इसमें अभिभावकों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, संचालकों और प्रशासन को एक समान स्थान देकर विद्यार्थियों को बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। शिक्षा माफिया के दबाव में नियमों की पालना नहीं हो पा रही है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा- जनवरी 2024 में केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में कोचिंग सेंटर को लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी। इसका पालन नहीं होने के कारण डेढ़ साल में 50 से अधिक स्टूडेंट्स ने आत्महत्या कर ली। अभिभावकों और विद्यार्थियों के सपनों का मजाक उड़ाया इसके बाद राजस्थान सरकार ने विधानसभा में कोचिंग सेंटरों को नियंत्रण में लाने के लिए एक बिल इस साल सदन में लेकर आई। इसमें अभिभावकों और विद्यार्थियों के सपनों का मजाक उड़ाया गया। बिल का संयुक्त अभिभावक संघ ने इसलिए विरोध किया क्योंकि बिल के अनुसार चौथी आत्महत्या पर विचार कर कोचिंग सेंटर की मान्यता रद्द करने का प्रावधान किया था। दूसरा सबसे बड़ा कारण अभी तक जितनी आत्महत्याएं हुई हैं। उन सभी में राज्य सरकार, प्रशासन, कोचिंग संचालक इत्यादि ने केवल अभिभावकों को दोषी ठहराया है। संघ ने मांग की थी कि अगर केवल अभिभावक ही अपने बच्चों की आत्महत्या के दोषी हैं। उनको सजा देने का प्रावधान कौन करेगा? अभिभावकों पर कार्रवाई कौन करेगा। अगर सजा और कार्रवाई का प्रावधान हो जाए तो कोचिंग संचालकों और सरकार की सांठ गांठ सामने आ जाएगी। इसलिए अभिभावकों को दोषी तो ठहरा दिया जाता है। माफियाओं के दबाव में आकर न कोई ठोस कानून बनाएं जा रहे हैं। न ही कोई कड़ी सजा का प्रावधान किया जा रहा है। प्रशासन आत्महत्या करने वाले विद्यार्थी की पहचान तो करवा देता है किंतु कभी भी उनके अभिभावकों को सामने नहीं लाता। जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान होना चाहिए। राजस्थान उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने विद्यार्थियों और अभिभावकों से अपील करते हुए कहा है कि अगर उन्हें किसी शिक्षण संस्थान से कोई शिकायत है। कोई समस्या आ रही है, कोई तनाव है या कोई मदद चाहिए तो संस्था में संपर्क कर सकते हैं। इस नंबर के माध्यम से संयुक्त अभिभावक संघ प्रत्येक विद्यार्थी और अभिभावक की आवाज बनकर मदद करने का संपूर्ण प्रयास करेगा।