पिता की मौत के बाद अस्पताल में बिलखते रहे मासूम:सीने में दर्द उठा था, इलाज के दौरान मौत; ढाई साल पहले मां भी घर से चली गई थी

पिता की मौत के बाद अस्पताल में बिलखते रहे मासूम:सीने में दर्द उठा था, इलाज के दौरान मौत; ढाई साल पहले मां भी घर से चली गई थी
3 बच्चों का पिता उन्हें इस दुनिया में अकेला छोड़कर चला गया। मासूमों ने अस्पताल में आस पड़ोसियों और परिजनों को परेशान देखा तो रोने लगे। जो आता उससे लिपट जाते और रोने लग जाते। मासूमों को अब तक नहीं पता कि उनके पिता अब वापस नहीं लौटेंगे। ढाई साल पहले मां भी 3 मासूमों को छोड़कर उनकी एक बहन को लेकर घर से चली गई थी। अब संकट है कि इन्हें पालेगा कौन? पहले जान लीजिए आखिर हुआ क्या? 3 बच्चे हुए अनाथ पूरा मामला भरतपुर के अटलबंद थाना इलाके का है। यहां तिलक नगर लोकमन में रहने वाले घनश्याम (42) के सीने में अचानक दर्द उठा था। पड़ोसी उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर लिया। घनश्याम के साथ उसके 3 बच्चे भी रहते थे, जो अब अनाथ हो चुके हैं। ढाई साल पहले मासूमों को छोड़ गई थी मां अटलबन्द बंद थाने के कॉन्स्टेबल रघुवीर सिंह ने बताया- घनश्याम (42) निवासी कुम्हेर भरतपुर में किराए के मकान रहता था। उसके साथ पत्नी राधा (37), 4 बच्चे पवन (7), पायल (6), विष्णु (5) और लक्ष्मी (3) भी रहते थे। करीब ढाई साल पहले पारिवारिक कारणों से पत्नी राधा अपनी 3 साल की बेटी लक्ष्मी के साथ घर से चली गई थी। इसके बाद से घनश्याम के साथ पवन, पायल और विष्णु रह रहे थे। तस्वीरों में देखिए अस्पताल में बिलखते मासूम हलवाई का काम करता था सिंह ने बताया- घनश्याम भरतपुर में हलवाई का काम करता था। वह मिस्त्री का काम भी जानता था। ऐसे में, जब हलवाई का काम नहीं मिलता था तो वह मिस्त्री का काम कर अपने तीनों बच्चों को पाल रहा था। जब वह घर से बाहर रहता तो पड़ोस में रहने वाली पुष्पा बच्चों की देखभाल करती थी। शनिवार को देर रात घनश्याम की तबीयत खराब हो गई थी। उनके सीने में दर्द की शिकायत थी। सीने में दर्द हुआ था सिंह ने बताया- पड़ोस के लोग उन्हें तुरंत भरतपुर के सरकारी अस्पताल ले आए। यहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना उसके परिजनों को दी गई थी। रघुवीर का भाई राम प्रसाद कुम्हेर से आ गया है। शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। तीनों बच्चों को राम प्रसाद के सुपुर्द कर दिया गया है।