भारत अर्थव्यवस्था में जापान से आगे, लेकिन कमाई 12-गुना कम:आम लोगों के लिए क्या बेहतर, बड़ी इकोनॉमी या प्रति व्यक्ति आय? समझें पूरा गणित

नीति आयोग के CEO के अनुसार जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हालांकि, प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत अभी काफी पीछे है। जापान की तुलना में देश की आय 12 गुना कम है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना हमारे देश और आम लोगों के लिए बेहतर है या प्रति व्यक्ति आय बेहतर होना। यह समझने के लिए दोनों के प्रभावों की तुलना जरूरी है, क्योंकि ये दोनों ही अलग-अलग इकोनॉमिक इंडिकेटर हैं। इनका आम लोगों पर अलग-अलग असर होता है। GDP और प्रति व्यक्ति आय में आम आदमी के लिए क्या बेहतर है, 5 सवाल-जवाब में समझें... सवाल 1. भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का क्या मतलब है? जवाब: बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मतलब है कि भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। ये भारत को विदेशी निवेश आकर्षित करने की क्षमता देता है। फायदे: सीमाएं: सवाल 2. प्रति व्यक्ति आय यानी पर-कैपिटा इनकम का क्या मतलब है? जवाब: प्रति व्यक्ति आय का मतलब है देश की कुल आय (GDP) को उसकी जनसंख्या से विभाजित करके मिली औसत आय। यह दर्शाता है कि औसतन एक व्यक्ति को कितनी आय मिलती है। फायदे: सीमाएं: सवाल 3: प्रति व्यक्ति आय में जापान से क्यों पीछे है भारत ? जवाब: इसका मुख्य कारण है: सवाल 4. चीन की जनसंख्या भी तो ज्यादा है फिर वहां प्रति व्यक्ति आय क्यों अधिक है? जवाब: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ अनूप मिश्रा ने कहा- चीन और भारत की आबादी लगभग समान है, लेकिन जीडीपी में काफी आंतर है। चीन की जीडीपी 19 ट्रिलियन डॉलर के करीब है जबकि भारत की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। इसी वजह से उनकी प्रति व्यक्ति आय भारत की तुलना में 4 गुना ज्यादा है। यानी, जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय को बेहतर तरीके से देखने के लिए भारत का कंपेरिजन चीन से करना होगा। सवाल 5. आम लोगों के लिए GDP या प्रति व्यक्ति आय में से क्या ज्यादा जरूरी? जवाब: आम लोगों के लिए प्रति व्यक्ति आय का ज्यादा होना अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीधे उनके जीवन स्तर और पर्चेजिंग पावर को प्रभावित करता है। जापान जैसे देश में हायर पर कैपिटा इनकम के कारण आम लोग बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और जीवनशैली का आनंद लेते हैं, जबकि भारत में कम प्रति व्यक्ति आय के कारण अधिकांश आबादी को बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हालांकि, बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सरकार को संसाधन उपलब्ध कराता है, जिससे लॉन्ग टर्म में इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, और सामाजिक कल्याण योजनाएं बेहतर हो सकती हैं। लेकिन इसका लाभ आम लोगों तक तभी पहुंचता है, जब सरकार समावेशी विकास पर ध्यान दे। भारत में आय असमानता और कम प्रति व्यक्ति आय के कारण जीडीपी ग्रोथ का लाभ अभी पूरी तरह से आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। ----------------------------- ये खबर भी पढ़े... भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था:जापान को पीछे छोड़ा, 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचेगा भारत आधिकारिक तौर पर जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। नीति आयोग के CEO बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। भारत ने यह उपलब्धि अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी के कारण हासिल की है। पूरी खबर पढ़े...