जोधपुर में CI-SI के बीच विवाद:प्रॉपर्टी विवाद की शिकायत की जांच को लेकर हुई हॉट-टॉक, थाना छोड़ निकली एसआई, SHO ने डाली रपट

जोधपुर के कुड़ी भगतासनी थाने में एक जमीनी विवाद की जांच को लेकर थानाधिकारी (SHO) और महिला सब-इंस्पेक्टर (SI) के बीच जमकर हुई कहासुनी ने पुलिस के आंतरिक सिस्टम को चौड़े ला दिया है। इन दो अधिकारियों में मामला इतना बढ़ गया कि उप निरीक्षक नाराज होकर थाने से बाहर निकल गईं, तो एसआई के रवैये से नाराज थानाधिकारी ने पहले तो रोजनामचे में रपट डाली, फिर उच्चाधिकारियों को भी इस बारे में जानकारी दी। क्या है पूरा मामला? पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले पुलिस कमिश्नरेट के एक थाने में जमीनी विवाद से जुड़ा परिवाद आया था। तब थानाधिकारी ने वो परिवाद जांच के लिए महिला एसआई को दिया। एसआई ने सोमवार को दोनों पक्षों को थाने बुलाया, लेकिन उससे पहले ही दूसरे पक्ष ने उस प्रॉपर्टी के ताले तोड़ डाले और वहां कब्जा जमा लिया। थाने में परिवाद देने वाले व्यक्ति को जब इसका पता लगा, तो वह अपनी बुजुर्ग मां के साथ थाने जा पहुंचा और वहां थानाधिकारी से मिलकर शिकायत देने से लेकर अब तक की वस्तुस्थिति सुनाई। उसने नाराजगी जताते हए कहा कि शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, इसीलिए उसकी प्रोपर्टी पर कब्जा हुआ है। पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो ऐसा नहीं होता। एसआई से पूछा, तो हुई कहासुनी दूसरे पक्ष की शिकायत सामने आने के बाद थानाधिकारी ने एसआई से मामले की जानकारी मांगी। परिवादी के सीधे ही एसएचओ से मिलने की बात पता चलने से खफा एसआई ने उल्टा थानाधिकारी पर ही परिवाद की जांच में हस्तक्षेप करने तक के गंभीर आरोप लगा दिए। अपने ही थाने की मातहत अधिकारी के बोलने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए थानाधिकारी ने परिवाद के संबंध में हुए घटनाक्रम के बारे में जानकारी मांगी, तो दोनों के बीच जमकर कहासुनी हो गई। एकबारगी तो पूरे थाने का स्टाफ भी हतप्रभ रह गया। SHO ने की उच्चाधिकारियों से शिकायत थाने में स्टाफ व कुछ अन्य लोगों की मौजूदगी में दोनों अधिकारियों के बीच काफी देर तक बहस चली। इस दौरान एसआई ने मलाईदार मामलों की जांच नहीं देने और अनावश्यक शिकायतों वाली जांच ही देने जैसे आरोप भी लगाने लगी और फिर खुद ही नाराज होकर अपने आईओ रूम में चली गई। यहां से अपने पास रखी सभी तरह की जांच फाइलें थानाधिकारी की टेबल पर पटक कर थाने से बाहर निकल गईं। तब, थानाधिकारी ने रोजनामचे में इसकी रपट लगाने के साथ ही अधिकारियों को भी इस बारे में जानकारी दी। उच्चाधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश गत सप्ताह हुए इस घटनाक्रम के बाद दोनों को ही डीसीपी कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। गुरुवार को आला अधिकारी दोनों अधिकारियों से अलग-अलग और आमने सामने पूछताछ कर अपना पक्ष रखने को कह सकते हैं।