गर्मी से व्याकुल नजर आए यात्री:आरटीओ फ्लाइंग ने 3 घंटे तक रोकी बस, कई यात्रियों की तबीयत बिगड़ी

भरतपुर में परिवहन विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। बुधवार को खाटूश्यामजी से मथुरा जा रही एक निजी ट्रेवल्स की बस को भरतपुर के लुधावई टोल प्लाजा पर परिवहन विभाग की फ्लाइंग टीम ने करीब तीन घंटे तक रोककर रखा। बस में सवार यात्रियों ने आरोप लगाया कि अफसरों ने सभी दस्तावेज देखने के बावजूद बस को छोड़ा नहीं और जबरन परेशान किया गया। बस में करीब 25-30 यात्री सवार थे, जो गर्मी में सड़क किनारे बस के अंदर फंसे रहे। इस दौरान कई यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई और उल्टियां होने लगीं। पीड़ित यात्रियों ने बताया कि बस में छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी थे, जिनकी हालत काफी खराब हो गई थी। जानकारी के अनुसार बस सुबह 10:30 बजे खाटूश्याम जी से रवाना हुई और शाम 7:30 बजे भरतपुर के लुधावई टोल प्लाजा पर पहुंची। यहीं पर परिवहन विभाग की टीम ने बस को रोका। ड्राइवर ने बताया कि उसने परिवहन निरीक्षक कमल दुबे को गाड़ी के सभी कागजात दिखा दिए थे, जो पूरे और वैध थे। डीटीओ अभय मुदगल का कहना है कि बस कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के तहत संचालित हो रही थी, जिसके तहत वह केवल खाटूश्याम से मथुरा तक के यात्रियों को ही ला सकती थी। लेकिन बस ने जयपुर से भी यात्रियों को बिठाया, जो परमिट की शर्तों का उल्लंघन है। वहीं मामला तूल पकड़ने लगा और यात्रियों ने विरोध जताना शुरू किया, तब परिवहन निरीक्षक ने 15 हजार रुपए का चालान काटा और बस को छोड़ दिया। पहले बस को सीज करने और यात्रियों को दूसरी बस से भेजने की बात की जा रही थी। राजनीतिक दबाव का आरोप... मामले में नया मोड़ तब आया जब यह जानकारी सामने आई कि बस को एक सत्ताधारी दल से जुड़े ट्रेवल ऑपरेटर के कहने पर रोका गया। आरोप है कि यह ऑपरेटर खुद को राजनीतिक पहुंच वाला बताते हुए परिवहन विभाग में अपनी मर्जी चलवाता है।