कनिष्ठ न्यायिक सहायक के 900 में से 500 पद खाली:हाईकोर्ट में 4 साल से भर्ती नहीं, अफसर बने बाबू और कर्मचारी ट्रॉली खींच रहे

राजस्थान हाई कोर्ट में कनिष्ठ न्यायिक सहायक के स्वीकृत 900 पदों में से 500 से ज्यादा पद खाली हैं। इससे जहां हाई कोर्ट का प्रशासनिक व न्यायिक काम प्रभावित हो रहा है, वहीं पदोन्नत कर्मचारियों को मौजूदा पदों पर ही काम करना पड़ रहा है। अफसरों को निजी सचिव व बाबू का काम करना पड़ रहा है। कर्मचारी कोर्ट फाइलों की ट्राॅली खींच रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का काम संविदा पर कार्यरत होमगार्ड संभाल रहे हैं। इसका कारण राजस्थान हाई कोर्ट में 2021 के बाद से मंत्रालयिक कर्मचारियों-कनिष्ठ न्यायिक सहायक की भर्ती नहीं होना है, जबकि हाई कोर्ट प्रशासन को अपने भर्ती कैलेंडर के अनुसार खाली हुए पदों को हर साल भरना जरूरी है। यानी हाई कोर्ट प्रशासन ही अपने कैलेंडर का पालन नहीं कर रहा। बता दें कि हाई कोर्ट में 2015 की भर्ती से न्यायिक सहायक पद पर नियुक्त हुए 200 कर्मचारी अन्य सेवा में चयन के बाद नौकरी छोड़ चुके हैं। इसके बाद भी नई सेवा में नियुक्ति होने पर कर्मचारियों का नौकरी छोड़ना जारी है। असिस्टेंट व डिप्टी रजिस्ट्रार कर रहे स्टांप रिपोर्टर व कोर्ट मास्टर का काम हाई कोर्ट प्रशासन ने अफसरों को प्रशासनिक अधिकारी न्यायिक से असिस्टेंट रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रार से डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर पदोन्नति तो दे दी, लेकिन ये अब भी ऑफिस का काम ही कर रहे हैं। असिस्टेंट रजिस्ट्रार को स्टांप रिपोर्टर का काम दे रखा है, जबकि डिप्टी रजिस्ट्रार को कोर्ट मास्टर का काम दे रखा है। कुछ असिस्टेंट रजिस्ट्रार को निजी सचिव बना रखा है। अफसरों को बाबूगिरी व ऑफिस काम देने के चलते प्रशासनिक कार्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है। भर्ती कैलेंडर के अनुसार यह करना था हाई कोर्ट के नियमों के अनुसार हाई कोर्ट प्रशासन को हर साल 1 अप्रैल तक कनिष्ठ न्यायिक सहायक के खाली पदों व खाली होने वाले पदों की गणना कर उनका निर्धारण करना होता है। इसके बाद खाली पदों के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी कर आवेदन प्राप्त करने होते हैं। बाद में भर्ती परीक्षा आयोजित कर योग्य अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें नियुक्ति देनी होती है, लेकिन चार साल से भर्ती नहीं निकाली गई।