बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने ली वैदिक शिक्षा:गुरुकुल पद्धति पर हुआ श्रीमाली समाज का समर कैंप, ज्योतिष शास्त्र-पूजा पद्धति सहित पंचांग विधि भी बताई

बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने ली वैदिक शिक्षा:गुरुकुल पद्धति पर हुआ श्रीमाली समाज का समर कैंप, ज्योतिष शास्त्र-पूजा पद्धति सहित पंचांग विधि भी बताई
श्री श्रीमाली समाज संस्था मेवाड़ द्वारा आयोजित 9 दिवसीय संस्कार शिविर का रविवार को समापन हुआ। इस दौरान गुरुकुल पद्धति के अनुसार बच्चों को शिक्षा दी गई। शिविर में समाज के 5 वर्ष के बच्चों से लेकर 68 वर्ष के बुजुर्ग शामिल हुए। उन्हें ज्योतिष शास्त्र और पूजा पद्धति की जानकारी दी गई। इस मौके पर नई पीढ़ी को भी संस्कारित करने का प्रयास किया गया। साथ ही मंत्रोच्चार का ज्ञान, पूजन की पद्धति, पंचांग देखने की विधि और ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानकारी दी गई। संस्कार भवन में छोटे-छोटे बच्चों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया और समर वेकेशन के दौरान समर कैंप के रूप में संस्कार शिविर आयोजित हुआ। इस शिविर में करीब 50 से ज्यादा बच्चे रजिस्टर्ड हुए। नक्षत्र, ज्योतिष की बारीकियों का कराया अध्ययन संस्कार शिविर के संयोजक कुंदन श्रीमाली ने बताया कि समाज के अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली की अध्यक्षता में यह शिविर लगा। इस दौरान समाजजनों को पंडित मनोहर श्रीमाली ने शास्त्रों की जानकारी दी। साथ ही वैदिक मंत्रोच्चारण का अभ्यास करवाया। ज्योतिष के बारे में आचार्य नरेश श्रीमाली ने शिविरार्थियों को बताया और नक्षत्र सहित ज्योतिष की बारीकियों का अध्ययन करवाया। सहसंयोजक प्रदीप श्रीमाली ने बताया कि शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के बच्चों को सनातन संस्कृति के साथ छोटी उम्र में ही जोडना हैं जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति से जुडाव का अहसास रहे। समाज के अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली ने संस्कार शिविर का आयोजन प्रतिवर्ष करने की बात कही। संस्कार शिविर में बच्चियों ने भी बढ़-चढ़कर वैदिक शिक्षा को ग्रहण किया है। समापन समारोह में मुख्य अतिथि जिला न्यायाधीश महेंद्र दवे, पूर्व राज्य मंत्री जगदीशराज श्रीमाली रहे। कार्यक्रम में कृष्णचंद्र दुर्गावत, गोपालकृष्ण त्रिवेद, नर्बदा शंकर श्रीमाली, तुलजा शंकर श्रीमाली, प्रफुल्ल श्रीमाली, ओमशंकर श्रीमाली, सांस्कृतिक मंत्री जमनालाल श्रीमाली, चैतन्य प्रकाश श्रीमाली उपस्थित रहे।