ऑपरेशन साइबर शील्ड:ट्रेडिंग के बहाने 150 लोगों से 5 करोड़ ठगे, भरतपुर पुलिस ने जयपुर-गुरुग्राम से 8 को पकड़ा

ऑपरेशन साइबर शील्ड:ट्रेडिंग के बहाने 150 लोगों से 5 करोड़ ठगे, भरतपुर पुलिस ने जयपुर-गुरुग्राम से 8 को पकड़ा
भरतपुर के लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर 150 लोगों से 5 करोड़ रुपए की ठगी करने के मामले में भरतपुर पुलिस ने जयपुर व गुरुग्राम में दबिश देकर 8 आरोपियों को पकड़ लिया। ये ठग जयपुर में बैठकर लोगों को लुभावने झांसे देकर ठगी कर रहे थे। भरतपुर के कोतवाली थाने में मनीष गर्ग ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि ठगों ने उनसे संपर्क कर नेक्स्ट ट्रेडिंग नाम की कंपनी में करीब 22 लाख रुपए निवेश करवा लिए और उसके बाद यूएसडी क्रिप्टो में निवेश के नाम पर 60 लाख रुपए और हड़प लिए। गतवर्ष अक्टूबर माह में ठगों ने अचानक कंपनी बंद कर दी। जयपुर में ऑफिस भी बंद कर दिया और मोबाइल नंबर भी ​स्विच ऑफ कर लिए। यह गिरोह अब तक 150 लोगों से 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुका है। पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि मामले का तकनीकी अनुसंधान शुरू किया तो एक संदिग्ध नंबर सामने आया। टीम ने नंबर का पीछा किया तो सामने आया कि ये गिरोह भी इसी तरह की ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं और भरतपुर और आस-पास के लोगों को टारगेट कर रहे हैं। इस पर टीम ने जयपुर में आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी तो पूर्व में ठगी कर चुकी नेक्स्ट ट्रेडिंग के दस्तावेज भी मिल गए। ऐसे में टीम ने जयपुर से हरियाणा के रेवाड़ी निवासी सुनील कुमार, उदयपुर निवासी समीर सुथार, तुर्कियाबास निवासी हेमराज रंगेरा, गुरुग्राम निवासी चिराग यादव, चौमूं निवासी दिनेश रजवानिया व जैतपुरा निवासी सौरभ सेठी को पकड़ लिया। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर दूसरी टीम ने गुरुग्राम में दबिश देकर गिरोह के सरगना लोहामंडी निवासी अमित बाबल व नांगल पुरोहितान निवासी सूरज मील को पकड़ लिया। भरतपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक पंकज यादव ने बताया कि गिरोह ने नेक्स्ट ट्रेड नाम से ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म बनाया। ठग ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट करने पर कम समय में डबल रिटर्न देने का वादा करते थे और इनसेंटिव भी देते थे। शुरुआत में कुछ समय तक अच्छा रिटर्न देते थे, जिससे और लोग जुड़े। इस तरह से करीब 150 लोगों से 5 करोड़ रुपए हड़प लिए। ठगी का गिरोह जयपुर से ऑपरेट हो रहा था। नेक्स्ट बंद करने के बाद ठगी की दूसरी कंपनी एसएएचएम खोली जांच में सामने आया कि बदमाशों ने जुलाई 2024 में खोली कंपनी के जरिए दो माह में 150 जनों से ठगी करने के बाद कंपनी बंद कर दी। सभी मोबाइल बंद कर ​दिए और ऑफिस भी बदल लिया। उसके बाद ठगी के लिए एसएएचएम नाम से दूसरी कंपनी खोल ली। इस बीच पुलिस के पास बदमाशों का एक संदिग्ध नंबर हाथ लग गया और पूरे गिरोह का खुलासा हो गया। अब पुलिस बदमाशों के पुराने नंबरों की कॉल डिटेल और बैंक खातों की ट्रांजेक्शन डिटेल खंगाल रही है।