RCA विवाद को पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया भयावह:कहा- मूकदर्शक बनी राज्य सरकार, वैभव का कार्यकाल रहा शानदार

RCA विवाद को पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया भयावह:कहा- मूकदर्शक बनी राज्य सरकार, वैभव का कार्यकाल रहा शानदार
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में जारी सियासी विवाद में अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एंट्री हो गई है। शुक्रवार को गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में जारी विवादों को निषारजनक बताया। उन्होंने वैभव गहलोत के कार्यकाल को तारीफ करते हुए कहा कि तब राजस्थान में क्रिकेट में कई सकारात्मक काम किए गए। लेकिन फिलहाल हालात भयावह बन गए हैं। सरकार को इसमें हस्तक्षेप कर इसे बंद करवाना चाहिए। ताकि क्रिकेट का विकास हो सके। अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद से ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में चल रहे विवादों से क्रिकेट प्रेमियों में बड़ी निराशा का भाव है। RCA में एडहॉक कमेटी का गठन सरकार ने किया था। लेकिन लगातार चल रहे विवादों के कारण यहां IPL तक का आयोजन चुनौतीपूर्ण हो गया। एडहॉक कमेटी, क्रीडा परिषद और खेल विभाग में विवाद चल रहे हैं। जबकि राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर एडहॉक कमेटी केवल तीन महीने के लिए होती है। जिसके कार्यकाल के दौरान चुनाव करवाने होते हैं। लेकिन डेढ़ साल से राजस्थान क्रिकेट एशोसिएशन के चुनाव नहीं हुए हैं। वैभव गहलोत के RCA अध्यक्ष के कार्यकाल में RCA की चर्चा सकारात्मक कार्यों के लिए हुई। 2019 के बाद BCCI से RCA पर लगा बैन हटा, राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय और IPL मैचों का आयोजन शुरू हुआ, RPL समेत राज्यस्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। जोधपुर के बरकतुल्लाह खां स्टेडियम का जीर्णोद्धार हुआ और वहां RPL और CCL के मैच का आयोजन हुआ। इसके साथ ही वेदांता समूह के साथ जयपुर के पास दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियमों में से एक बनाने की शुरुआत हुई। इस स्टेडियम का काम भी अब बन्द हो गया है। राजस्थान के क्रिकेट और क्रिकेट खिलाड़ियों के भविष्य और लाखों क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार को हस्तक्षेप कर RCA में चल रहे भयावह संघर्ष को बन्द करवाना चाहिए। जिससे राजस्थान में क्रिकेट का विकास हो सके। बता दें कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार के गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कुछ वक्त के लिए धनंजय सिंह को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का कार्यकाल अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन सरकार ने धनंजय सिंह की कार्यकारिणी को भंग कर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया था। पिछले सवा साल से एडहॉक कमेटी का कार्यकाल जारी है। जिसको लेकर इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन के साथ ही विवाद बढ़ गया है। फिलहाल 6 में से चार एडहॉक कमेटी के सदस्य अलग गुट में है जबकि दो सदस्य अलग गुट में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के कामकाज को संचालित कर रहे हैं।