3.50 करोड़ की टैक्स चोरी, चुकाने पड़ेंगे 4.20 करोड़:नहीं चुकाए तो दोनों डॉक्टरों से 7-7 करोड़ की वसूली, जोधपुर के निजी हॉस्पिटल पर रेड

जोधपुर के दो डॉक्टर्स के बीच एक प्राइवेट हॉस्पिटल की बिल्डिंग के 7 करोड़ के सौदे में इनकम टैक्स की बड़ी चोरी सामने आई है। इसका खुलासा शुक्रवार रात को हुई इन्वेस्टिगेशन विंग की छापेमारी में हुआ। विभाग की यह कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही और इसमें टीम को मौके पर ही साढ़े तीन करोड़ रुपए की नकदी भी मिली। जोधपुर में अब तक का यह पहला मामला है, जिसमें खरीदार और बेचानकर्ता दोनों एक साथ कार्रवाई की जद में आए हैं। काली कमाई के इस लेन-देन के साक्ष्य मिलने के बाद दोनों से ही इस अवैध लेन-देन पर टैक्स वसूली की कार्रवाई की जाएगी। दिलचस्प ये है कि 3.50 करोड़ की टैक्स चोरी के लिए दोनों डॉक्टरों को मिलाकर 4.20 करोड़ चुकाने होंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो प्रत्येक से 7 करोड़ की वसूली की जाएगी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन की मिली थी सूचना
दरअसल, आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग को सूचना मिली थी कि रातानाडा में वरदान हॉस्पिटल की बिल्डिंग का सौदा हुआ है। सौदे में बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन किया गया है। इसमें खरीदार की ओर से करोड़ों रुपए लेकर पहुंचने तक की सटीक सूचना मिलते ही टीम ने शुक्रवार रात करीब 7 बजे वहां छापा मारा। आयकर सूत्रों के अनुसार टीम को मौके पर सूटकेस और थैलों में भरे नोटों के बंडल मिले। इन्हें गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी। काउंटिंग में यह राशि करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए थी। यहां प्रॉपर्टी बेचने वाले डॉ. पीके गुप्ता और खरीदार के रूप में डॉ. लक्ष्मण देथा भी मिले। विभाग की टीम देर रात से लेकर शनिवार देर शाम तक नकद राशि के बारे में पूछताछ में जुटी रही। नए कानून में दोनों पर कार्रवाई का प्रावधान
आयकर कानून के विशेषज्ञ बीएम कोठारी एंड कंपनी के सीए अमित कोठारी ने बताया– साल 2024 में आयकर कानून में संशोधन किया गया था। इसमें यदि किसी प्रॉपर्टी के सौदे को लेकर आयकर विभाग की छापेमारी हुई है और दोनों पक्ष स्वयं मौके पर मिले हैं, तो उस स्थिति में कानूनन दोनों पर कार्रवाई होगी। क्योंकि आयकर कानून में बिना दस्तावेजी साक्ष्यों के करोड़ों रुपए कैश में लेना और देना दोनों ही अपराध माना गया है। इस केस में कार्रवाई के दो विकल्प नजर आ रहे हैं। विकल्प 1: दोनों मिलकर 4.20 करोड़ चुकाएं
मौके पर मिले साढ़े तीन करोड़ रुपए को दोनों पक्ष अपने आयकर रिटर्न का हिस्सा बनाए और इसे स्वीकार करते हुए नए कानून के मुताबिक 60-60 प्रतिशत राशि बतौर टैक्स भरे। इसके लिए विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स को विशेष परिस्थितियों में ‘ब्लॉक रिटर्न’ के रूप में विकल्प दिया जाता है कि वो अपने पिछले 6 साल के रिटर्न में से किसी में भी यह राशि अपनी आय में दर्शाकर बकाया टैक्स जमा करवा सकते हैं। यानी, खरीदार और बेचानकर्ता को अपने-अपने हिस्से के 2 करोड़ 10 लाख रुपए टैक्स राशि जमा करानी होगी। इस तरह विभाग को अघोषित आय पर कुल 4 करोड़ 20 लाख रुपए का राजस्व मिलने पर कार्रवाई खत्म हो सकती है। विकल्प 2 : दोनों से 7-7 करोड़ रुपए की वसूली
यदि दोनों ही पक्ष इस राशि को अपनी आय का हिस्सा नहीं मानते हुए आयकर रिटर्न में शामिल नहीं करते हैं, तो उस स्थिति में आयकर विभाग दूसरे विकल्प के अनुसार कार्रवाई करता है। उसमें साढ़े तीन करोड़ रुपए पर 80 प्रतिशत टैक्स और सरचार्ज के रूप में 2.80 करोड़ रुपए और अघोषित आय पर लगने वाले टैक्स पर 200 प्रतिशत पेनल्टी के रूप में 4 करोड़ 20 लाख रुपए सहित (2.80 + 4.20 = 7 करोड़) कुल 7 करोड़ रुपए प्रत्येक से वसूली की कार्रवाई कर सकता है। नकदी का सोर्स बताना होगा
सीए अमित कोठारी के अनुसार– मौके पर जितनी भी राशि मिली है, उसमें से खासकर खरीदार को यह साबित करना होगा कि यह नकदी कहां से लाया है। इसमें हाल ही में यदि राशि बैंक से निकाली गई हो या अन्य सोर्स से लिए हों, उसे विभाग में बताना होगा। अन्यथा उस राशि को अघोषित आय ही माना जाता है। खरीदार की पत्नी भी डॉक्टर, हो सकती है उनकी भी जांच
डॉ. मंगला रेलवे अस्पताल जोधपुर में लंबे समय से कार्यरत थीं। यहां रेलवे हॉस्पिटल में लोकल दवा खरीद की प्रभारी भी रही है। रेलवे कर्मचारियों के मेडिकल बोर्ड से जुड़े मामलों की कमेटी में भी शामिल रही हैं। फिलहाल, रेलवे अस्पताल अजमेर में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। आयकर विभाग की टीम अब उनकी आय से जुड़े स्रोत भी खंगालने में जुटी है। इतना ही नहीं, खुद डॉ. देथा के भी जोधपुर के एमडीएम हॉस्पिटल में कार्यरत होने को लेकर विभाग अब पति-पत्नी दोनों के सरकारी स्रोत से आय के दस्तावेज भी खंगाल रहा है। विभाग के रडार पर ये भी
आयकर सूत्रों के अनुसार दोनों डॉक्टर्स के बीच तकरीबन 7 करोड़ रुपए के इस सौदे में एक करोड़ रुपए एडवांस में ही नकदी देने के साक्ष्य मिले हैं। इतना ही नहीं, इस डील में 1 करोड़ 70 लाख रुपए चेक से भुगतान किए जाने की जानकारी भी सामने आई है। इसके अलावा भी कुछ भुगतान और होना भी बताया जा रहा है। विभाग की टीमों को दोनों पक्षों के बीच हुए इस सौदे से जुड़े कई अहम साक्ष्य भी मिले हैं, जिनमें खरीदार और बेचानकर्ता के बीच ब्लैक मनी के लेन-देन की पुष्टि होना बताया जा रहा है।