विधायक गणेश घोघरा आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने:घोघरा के इलाके में बीएपी बड़ी चुनौती, आदिवासी वोट बैंक पर सेंध को रोकने का टास्क

डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को कांग्रेस ने आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने घोघरा की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। घोघरा इससे पहले यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। घोघरा पूर्व सीएम अशोक गहलोत के समर्थक हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने घोघरा को बधाई दी है। जूली और डोटासरा ने घोघरा को बधाई देते हुए एक्स पर लिखा- घोघरा प्रदेश में आदिवासियों की आवाज बनकर कांग्रेस संगठन को और मजबूत करेंगे। सियासी संकट के समय बनाया था यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा को जुलाई 2020 के सियासी संकट के वक्त यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। उस वक्त मुकेश भाकर को हटाकर गणेश घोघरा को जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद दिसंबर 2023 में पायलट समर्थक विधायक अभिमन्यू पूनिया को यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। घोघरा के इलाके में बीएपी बड़ी चुनौती, डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी गणेश घोघरा डूंगरपुर जिले से हैं और वे डूंगरपुर से लगातार दूसरी बार विधायक है। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और सलूंबर क्षेत्र में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) का प्रभाव है। बीएपी का बढ़ता प्रभाव कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। गणेश घोघरा को आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के नाते अब इस इलाके में पार्टी को फिर से खड़ा करने की चुनौती है। इसके साथ ही मेवाड़- बागड़ के आदिवासी वोट बैंक में लगी सेंध के बाद अब डेमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी घोघरा के जिम्मे रहेगी। राजस्थान में एक सियासी कहावत है, जो पार्टी मेवाड़- वागड़ जीतती है, सरकार उसी की बनती है। बिना यह इलाका जीते राजस्थान में सरकार नहीं बनती। कांग्रेस के लिए अब यह इलाका चुनौती से कम नहीं है।