राजस्थान में पंचायत स्तर पर लाइब्रेरी बनेंगी:सबसे ज्यादा ई-लाइब्रेरी नागौर जिले में होंगी, इंटरनेट की सुविधा मिलेगी

राजस्थान में पंचायत स्तर पर लाइब्रेरी बनेंगी:सबसे ज्यादा ई-लाइब्रेरी नागौर जिले में होंगी, इंटरनेट की सुविधा मिलेगी
राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ग्रामीण अंचल के युवाओं को अब लाइब्रेरी के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें पंचायत स्तर पर आधुनिक लाइब्रेरी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। पहले चरण में प्रदेश में दो हजार 126 ग्राम पंचात स्तर पर अटल ज्ञान केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें युवाओं को ई लाइब्रेरी उपलब्ध करवाई जाएगी। उसके बाद चरण बद्ध तरीके से पंचायतों में इसका विस्तार किया जाएगा। सरकार ने यह केंद्र खोलने के लिए गाइडलाइन निर्धारित की है। इसके तहत यह 3 हजार से अधिक जनसंख्या वाले पंचायत मुख्यालयों में ही अटल ज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस योजना के तहत ई पुस्तकों के साथ विभिन्न भाषाओं के पत्र पत्रिकाओं इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध रहेगी। ई-लाइब्रेरी को पंचायत मुख्यालयों में ही भारत निर्माण सेवा केंद्र के कक्ष में संचालित किया जाएगा। इस योजना में बूंदी की 32 ग्राम पंचायत शामिल हैं। सबसे ज्यादा ई-लाइब्रेरी नागौर जिले में 157 व सबसे कम गंगानगर में 2 जगहों पर केंद्र स्थापित होगी। बजट में की गई थी घोषणा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम की ओर से जारी आदेश के अनुसार बजट घोषणा 2025-26 के अन्तर्गत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुशासन दिवस के मौके पर प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर चरणबद्ध रूप से अटल ज्ञान केंद्र बनाने की घोषणा की गई थी। इसमें इन ज्ञान केंद्रों में प्रेरकों द्वारा युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण एवं ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था के साथ-साथ आमजन को विभिन्न विभागों की सेवाएं सुलभ कराने की सुविधा मिलेगी। अटल प्रेरकों का चयन किया जाएगा अटल ज्ञान केंद्रों में अटल प्रेरकों का चयन किया जाएगा। आमजन के लिए आकर्षक एवं उपयोगी बनाने के लिए अटल प्रेरकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। वे आमजन को स्वरुचि के साथ सीखने के लिए प्रेरित कर सकें। इसके साथ ही प्रत्येक अटल ज्ञान केंद्र पर अटल प्रेरकों की नियुक्ति की जाएगी। अटल ज्ञान केंद्र में बनने वाले ई-लाईब्रेरी के लिए भू-तल पर 36 बाय 20 का हॉल का निर्माण होना है। ई-लाइब्रेरी में एक समय पर 20 अभ्यर्थी पढ़ाई कर सकेंगे, जिसमें कम से कम 4 वर्क स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। कम्प्यूटर और फर्नीचर की व्यवस्था भी होगी। जिससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में कोई कठिनाई नहीं हो। यह लाइब्रेरी केवल परीक्षा की तैयारी के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीणों को अपनी रुचि के अनुसार कुछ नया सीखने के लिए भी एक गतिविधि केंद्र के रूप में कार्य करेगी।