ब्लास्ट से 11 लोगों की मौत की जांच अटकी:मदान मार्केट हादसे के 1 माह बाद भी नहीं हटा मलबा, 11 लोगों की मौत की जांच अटकी

सिटी कोतवाली पुलिस थाने के सामने पांच मंजिला मदान मार्केट के बेसमेंट में ब्लास्ट से 11 लोगों की मौत की जांच अटक गई है। हादसे के एक माह बाद भी मौके से मलबा नहीं हटाया गया है जिससे पुलिस बेसमेंट में जांच-पड़ताल नहीं कर सकी है। 7 मई को सिटी कोतवाली पुलिस थाने के सामने मदान मार्केट के बेसमेंट में गैस सिलेंडर लीक होने से ब्लास्ट हुआ और दुकानों की पट्टियां गिर गईं। इससे वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए और 11 लोगों की मौत हो गई थी। आईजी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की थी और 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा था। लेकिन, हादसे के एक माह बाद भी दोषी लोगों पर कार्यवाही नहीं हो पाई है, बल्कि पुलिस की जांच ही अटक गई है। प्रशासन की ओर से अब तक मौके से मलबा ही नहीं हटाया गया। बेसमेंट में मलबा पड़ा होने के कारण पुलिस वहां छानबीन नहीं कर सकी और जांच अटकी पड़ी है। मार्केट में ज्यादातर दुकानें ज्वेलरी की थी। हादसे होने पर दबे लोगों के शव निकालने के दौरान एसडीआरएफ को पुलिस को सोने-चांदी के जेवरात बरामद भी हुए। एक तिजोरी भी मिली जिसे उसके मालिक को दिया गया। लेकिन संबंधित लोगों का कहना है कि अब भी बेसमेंट में उनका माल दबा पड़ा है जो मलबा हटाने पर ही सामने आएगा। पुलिस को मलबा हटने का इंतजार है और इसके लिए नगर निगम को बार-बार पत्र भी लिखे गए हैं। जिस मदान मार्केट में ब्लास्ट से हादसा हुआ, वह नगर निगम के रिकॉर्ड में ही नहीं है। उसका मालिक कौन है, इसका भी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने हादसे के बाद नगर निगम को पत्र लिखकर मदान मार्केट के मालिक, भवन निर्माण की अनुमति, सुरक्षा सहित सात बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। निगम की ओर से इसके जवाब में पुलिस को लिखा गया है कि मदान मार्केट का नाम उनके रिकॉर्ड में ही नहीं है और ना ही इस नाम से निर्माण की अनुमति दी गई है। पुलिस ने इन बिंदुओं पर मांगी थी नगर निगम से जानकारी आईजी ने एसआईटी गठित कर 15 दिन में मांगी थी रिपोर्ट, पुलिस लिख रही निगम को बार-बार पत्र