इंदौर की रोहिणी बोली-सांसद चंद्रशेखर ने मुझे इस्तेमाल करके छोड़ा:पीएचडी स्कॉलर ने लिखा-बदला लेकर रहूंगी, सारी बेटियों को इंसाफ दिलाऊंगी

मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की है। इसमें उन्होंने चंद्रशेखर की सताई हुई एक लड़की से बात करने का दावा किया है। रोहिणी ने पोस्ट में लिखा- यह चंद्रशेखर की विक्टिम नंबर 3 है, जिसका चंद्रशेखर और उसके परिवार ने शोषण किया। इस पोस्ट में रोहिणी ने ये भी लिखा कि जैसे इस लड़की के साथ हुआ वैसा ही इसने( चंद्रशेखर) ने मेरे साथ भी किया इसलिए अब मैं सारी बेटियों को इंसाफ दिलाऊंगी। बता दें कि डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली सफाईकर्मी की बेटी हैं। वह 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक दूसरे के संपर्क में आए थे और तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे। लोकसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच खटपट की खबरें भी सामने आई थीं। उस समय भी रोहिणी ने चंद्रशेखर पर आरोप लगाए थे। नए आरोपों को लेकर भास्कर ने रोहिणी और चंद्रशेखर दोनों से संपर्क किया। चंद्रशेखर ने बात करने से इनकार कर दिया। वहीं रोहिणी ने खुलकर अपने आरोप दोहराए। पढ़िए, क्या कहा रोहिणी ने... सवाल: 3 जून 2021 मेरे लिए मनहूस...सोशल मीडिया पर ऐसा क्यों लिखा?
जवाब: इस दिन चंद्रशेखर के साथ मेरे रिलेशनशिप की शुरुआत हुई थी। मैं इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ी थी। मैं वहां देश के सफाईकर्मियों की आवाज उठाना चाहती थी क्योंकि मैं खुद एक सफाईकर्मी की बेटी हूं। मेरी मां इंदौर के अस्पताल में सफाईकर्मी है। उस समय चंद्रशेखर की इमेज वाल्मीकि समाज में पॉजिटिव बनी हुई थी। वे बहुजन समाज के लिए काम कर रहे थे। मैं एक स्टूडेंट थी। मुझे चमक-दमक से कोई मतलब नहीं था। मैं चाहती थी कि एक बहुजन नेता को इसका क्रेडिट मिले कि उन्होंने सफाईकर्मियों की आवाज इंटरनेशनल मंच पर उठाई है। इसी पॉजिटिव सोच के साथ मेरी उनसे बात हुई थी। धीरे-धीरे हम दोनों की सोच मिलने लगी और बातचीत होने लगी। करीब साढ़े तीन-चार साल तक हम दोनों रिलेशनशिप में रहे। सवाल: रिलेशनशिप में दरार क्यों आई?
जवाब: ये बात मुझे अभी तक समझ नहीं आई कि जो व्यक्ति एक समय मेरे लिए इतना ज्यादा समर्पित था, वो अचानक बदल कैसे गया? हमने इस रिश्ते को इसलिए चुना था कि सामाजिक आंदोलन में साथ बढ़ेंगे। समर्पण भाव से हम लोग काम कर रहे थे। उनके हर एक डिसीजन में मैं शामिल रही हूं। वह चाहे संसदीय क्षेत्र नगीना सिलेक्ट करने का मसला हो या कुछ और। मगर, सांसद बनने के 6 महीने पहले नवंबर 2023 के बाद उनका आचरण बदलने लगा। पूरी तरह से एटीट्यूड चेंज हो गया। उन्होंने मुझे एकदम साइडलाइन कर दिया। मुझे कुछ समझ ही नहीं आया। मुझे लगा कि शायद 3 साल तक मुझे अपनी राजनीति के लिए ही इस्तेमाल किया। मुझे तो यहां तक कहा था कि अगर राजनीति में कामयाब नहीं हुआ तो स्विट्जरलैंड आ जाऊंगा। अब इन सारी बातों को रिकॉल करती हूं तो लगता है कि मेरी जिंदगी के साथ खिलवाड़ ही किया है। सवाल: इस स्थिति से बाहर कैसे निकलीं?
जवाब: मैं अवसाद में थी, इसके बाद भी मैंने अपनी पीएचडी पूरी की। हर वक्त मैं सोचती थी कि ऐसा मेरे साथ ही क्यों हुआ? यदि उस इंसान को यही करना था तो फिर वो मेरे साथ रिलेशनशिप में आया ही क्यों? मैं स्विटजरलैंड में अपनी जिंदगी से खुश थी। चंद्रशेखर से मिलने के बाद उसे मैंने आंदोलन को समर्पित कर दिया था। स्विटजरलैंड की लाइफ से पूरी तरह से डिस्कनेक्ट हो गई थी। मैं सोचती थी कि इन्हें आगे बढ़ाना है। हम दोनों को मिलकर बहुत कुछ करना है। इतना करने के बाद अचानक ऐसा कौन सा जैकपॉट उनके हाथ लगा कि मुझे साइडलाइन कर दिया। सवाल: अब आगे क्या करने वाली हैं?
जवाब: बदला तो मैं लेकर रहूंगी। ये चोट मेरे आत्मसम्मान पर है। मैंने सोशल मीडिया पर भी यही बात लिखी है। मैं अबतक इसलिए चुप थी क्योंकि मेरी मां ने कहा था कि तेरी सजा से ज्यादा बड़ी ईश्वर की सजा होगी। इनकी तो औकात ही नहीं थी सांसद बनने की। ये घटिया इंसान जेल में होता। अब इनकी औकात नहीं है कि यह वाल्मीकि या वंचित समाज में अपनी पैठ बना सकें। मैं इन्हें ऐसा करने नहीं दूंगी। ये सब खत्म करने के लिए अब मुझे अपने हाथ गंदे करने ही पड़ेंगे। मैं समाज का और नुकसान नहीं होने दूंगी। सवाल: क्या राजनीति में आने की इच्छा है?
जवाब: नहीं, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। मैं अपने फाउंडेशन के जरिए समाज में जागरूकता और बदलाव लाना चाहती हूं। मैंने जन-पावर फाउंडेशन की शुरुआत की है। ये फाउंडेशन बच्चों को पढ़ाई में मदद करेगा। 12वीं पास स्टूडेंट को गाइड किया जाएगा कि कैसे उन्हें आईआईटी, आईआईएम, यूपीएससी की तैयारी करनी है। हम समाज के सभी वर्ग को जोड़कर इसे मिशन के तौर पर चलाएंगे। सोशल मीडिया के जरिए अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग इस मिशन से जुड़ चुके हैं। 1 जून को हम जन-पावर ऐप भी लॉन्च कर चुके हैं। चंद्रशेखर आजाद ने बात करने से इनकार किया
रोहिणी ने चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ जो पोस्ट की हैं, उसके बाद से ही सोशल मीडिया पर रिएक्शन आ रहे हैं। यूजर्स अलग-अलग तरह से कमेंट कर रहे हैं। हालांकि, सांसद चंद्रशेखर की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया है। भास्कर ने भी जब सांसद चंद्रशेखर आजाद से संपर्क किया तो उन्होंने इस मामले पर किसी भी तरह से बात करने और रिएक्शन देने से इनकार कर दिया।