काशी में पहलवान लस्सी की दुकान पर चला बुलडोजर:भावुक मालिक हाथ जोड़कर खड़े रहा; चाची की कचौड़ी सहित 30 दुकानें ढहाईं

काशी में पहलवान लस्सी की दुकान पर चला बुलडोजर:भावुक मालिक हाथ जोड़कर खड़े रहा; चाची की कचौड़ी सहित 30 दुकानें ढहाईं
वाराणसी की मशहूर‘पहलवान लस्सी की 75 साल पुरानी दुकान मंगलवार देर रात ढहा दी गई। बुलडोजर पहुंचा तो दुकान के मालिक मनोज यादव भावुक हो उठे। वह दुकान के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए। थोड़ी देर तक मन ही मन प्रार्थना की, फिर जमीन को प्रणाम किया और दूर खड़े होकर टकटकी लगाए अपनी दुकान को टूटते देखते रहे। इसके अलावा, 103 साल पुरानी 'चाची की कचौड़ी' समेत कुल 30 दुकानें भी तोड़ी गईं हैं। 2 तस्वीरें देखिए- जानिए, क्यों तोड़ीं गईं दुकानें वाराणसी के लहरतारा से भिखारीपुर तिराहा, लंका चौराहा होते हुए भेलूपुर विजया माल तक 9.512 किमी लंबी फोरलेन सड़क बनाई जा रही है, जिसकी लागत 241.80 करोड़ रुपए है। इस परियोजना की जद में लंका चौराहे के पास स्थित ये 30 दुकानें आ रही थीं। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने नपाई करने के बाद मकानों और दुकानों पर लाल निशान लगाकर करीब एक महीने पहले ही नोटिस दे दिया था। ये सभी दुकानें संकट मोचन मंदिर के महंत के परिवार की थीं, जिन्हें किराए पर दुकानदारों को दिया गया था। जिनकी दुकानें टूटी हैं, उन्हें प्रशासन की ओर से मुआवजा दिया जाएगा। अब बुलडोजर एक्शन की 4 तस्वीरें देखिए दुकानदार बोले- अब रोजगार कैसे चलेगा दुकानदारों ने कहा- आगे हमारा रोजगार कैसा चलेगा, इसका पता नहीं है। आज के समय हर जगह दुकान 20 से 25 हजार रुपए किराए पर मिल रही है, लेकिन हम चाह कर भी इन दुकानों को टूटने से रोक नहीं पा रहे हैं। अब फेमस दोनों दुकानों के बारे में जानिए 1.) पहलवान लस्सी...73 साल पुरानी दुकान; योगी-शाह भी थे दीवाने काशी में एक कहावत थी, 'चाय पीए के होए त अस्सी, अ नाहीं त पहलवान के लस्सी'। हालांकि, अब पहलवान लस्सी की दुकान टूट चुकी है। अभी दूसरी जगह इन्होंने अपना ठिकाना नहीं बनाया। पहलवान लस्सी कुल्हड़ में दही, मलाई-रबड़ी के खास कॉम्बिनेशन से तैयार होती थी। इस स्वाद को चखने के लिए सिर्फ काशी के लोग ही नहीं, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान से लेकर दुनियाभर के लोग पहुंचते थे। ये खास जायका योगी आदित्यनाथ, अमित शाह, स्मृति ईरानी से लेकर अखिलेश यादव तक को पसंद रहा। पहलवान लस्सी की दुकान लंका चौराहे से थोड़ा-सा अस्सी की तरफ बढ़ने पर थी। दुकान 75 साल पुरानी थी। यहां 8 वैरायटी की लस्सी यहां मिलती थी, जिनके रेट 30 रुपए से शुरू होकर 180 रुपए थे। 2.) हींग-दाल वाली 108 साल पुरानी 'चाची की कचौड़ी' की दुकान भी टूटी 'चाची की कचौड़ी' वाराणसी की 108 साल पुरानी डिश थी। चाची इस दुनिया में नहीं हैं। अब दुकान भी टूट गई है। चाची की कचौड़ी' का स्वाद लेने के लिए सड़क पर लंबी लाइन लगती थी। ब्यूरोक्रेट्स, पॉलिटिकल हस्तियां, फिल्मी दुनिया के सितारे, यूट्यूबर्स, मास्टरशेफ भी यहां आते थे। यहां की खासियत थी कि हींग-दाल की डबल लेयर कचौड़ी के साथ सीताफल वाली सब्जी और मटका जलेबी भी दोने-पत्तल में परोसी जाती थी। 10 मिनट में बड़े चाव से लोग 5-10 कचौड़ियां खा जाते थे। यह दुनिया की एकमात्र ऐसी दुकान थी, जहां पर कचौड़ी के साथ गाली भी परोसी जाती थी। वाराणसी में ऐसा ट्रेंड चला कि अगर चाची कचौड़ी खिलाते समय गाली दे-दें, तो तकदीर के ताले ही खुल जाएं। ------------------------ ये खबर भी पढ़िए मोरारी बापू बोले- सत्य अकेले रहता है, इसलिए चुप हूं: शंकराचार्य ने चैलेंज किया, VIDEO में जानिए कथावाचक बार-बार माफी क्यों मांग रहे? 'सत्य हमेशा अकेले रहता है, इसलिए चुप हूं...।' ये बातें कथा वाचक मोरारी बापू ने मंगलवार को वाराणसी में कहीं। माफी मांग लेने के बाद भी काशी के संतों, विद्वानों में मोरारी बापू के खिलाफ आक्रोश कम नहीं हुआ है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी मोरारी बापू को शास्तार्थ करने की खुली चुनौती दी। यह भी कहा, यमराज मोरारी बापू को दंड देंगे। सीएम योगी ने भी मोरारी बापू से मुलाकात की। VIDEO में जानिए विवाद क्या है, जिस पर मोरारी बापू बार-बार माफी मांग रहे हैं। क्लिक कर वीडियो देखें