हरियाणा में एक परिवार के 7 लोगों ने सुसाइड किया:सुसाइड नोट में लिखा- बैंकरप्ट हुए; धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के बाद जहर खाया

हरियाणा में एक परिवार के 7 लोगों ने सुसाइड किया:सुसाइड नोट में लिखा- बैंकरप्ट हुए; धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के बाद जहर खाया
हरियाणा के पंचकूला में सोमवार देर रात कर्ज से परेशान परिवार के 7 लोगों ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया। सभी लोग घर के बाहर खड़ी गाड़ी में थे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वहां एक व्यक्ति जिंदा मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। परिवार पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में किराए के मकान में रह रहा था। मरने वालों का नाम प्रवीण मित्तल, पत्नी रीना, मां विमला, पिता देशराज, जुड़वां बेटी हिमशिखा, दलिशा (11) और बेटा हार्दिक (14) है। प्रवीण मित्तल ने देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार शुरू किया था। वहां उसे घाटा हो गया। सभी सोमवार को बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा में गए थे। वहां से लौटते हुए इन्होंने ये कदम उठाया। गाड़ी से एक सुसाइड नोट भी मिला। जिसमें लिखा है, "मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं।" सुसाइड नोट में जिन लोगों का जिक्र है, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। घटना की 3 तस्वीरें... प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को दी जानकारी कार में 2 पेज का सुसाइड नोट मिला पुलिस ने जांच की तो कार में 2 पेज का सुसाइड नोट मिला। उसमें लिखा हुआ था, "मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं। मेरी वजह से ही ये सब कुछ हुआ है। मेरे ससुर को कुछ मत कहना। अंतिम संस्कार समेत जितने भी रस्में होंगी वो मामा का लड़का निभाएगा।" पूरा सुसाइड नोट पुलिस के अधिकारियों के पास है। ससुर और साली ने कहा- एक करोड़ का लोन लिया था देहरादून के कौलागढ़ में रहता था प्रवीण पुलिस के अनुसार, प्रवीण मित्तल का परिवार लगभग 7-8 महीने पहले तक देहरादून के कौलागढ़ में किराए के मकान में रहता था, बच्चे अभी चंडीगढ़ में पढ़ रहे थे। जिस गाड़ी में प्रवीण ने अपने परिवार के साथ जहर खाया, वह देहरादून के मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड है। गंभीर सिंह ने बताया कि उनकी मुलाकात प्रवीण मित्तल से एक NGO के काम के सिलसिले में हुई थी। प्रवीण "चाइल्ड लाइफ केयर मिशन" नाम से एक NGO चलाते थे। इसी सिलसिले में दोनों में दोस्ती हो गई थी और गंभीर सिंह ने अपने नाम पर गाड़ी फाइनेंस करवाकर प्रवीण को दी थी। टीचर बोले- एडमिशन के वक्त तनाव में नहीं दिखे प्रवीण का बेटा हार्दिक चंडीगढ़ के सेक्टर 28 स्थित सरकारी स्कूल में पंजाबी विषय का स्टूडेंट था। इसी स्कूल के टीचर मुकेश ने बताया कि 28 अप्रैल को ही हार्दिक का उनके स्कूल में एडमिशन हुआ था। इस दौरान बच्चों के माता-पिता से भी एडमिशन को लेकर बात हुई थी। वह किसी तरीके से तनाव में नहीं लग रहे थे, वह हर बात का शांति से जवाब दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी बहुत सरल लग रहे थे। स्कूल में सीट न होने के बावजूद सिर्फ शराफत देखकर हार्दिक को एडमिशन दिया गया था। दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों ने किया था सुसाइड इससे पहले, 1 जुलाई 2018 को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में परिवार के 11 लोगों के सुसाइड की घटना सामने आई थी। 10 लोगों के शव घर में फांसी पर लटके हुए थे, जबकि परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य, नारायणी देवी का शव दूसरे कमरे में मिला। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि परिवार के सदस्य ललित के पिता की 2007 में मौत हो गई थी। ललित दावा करता था कि पिता की आत्मा उसमें आती है और उसके निर्देश पर ही वे एक पूजा कर रहे थे। पिछले 11 सालों से परिवार डायरी में आत्मा के निर्देशों के अनुसार लिख रहा था। 30 जून की रात को उन्होंने उन निर्देशों का पालन करते हुए एक विशेष पूजा की। जिसमें सभी की मौत हो गई।