सेहत के लिए रामबाण है रात में हल्दी वाला दूध:नींद से लेकर इम्युनिटी तक में मिलेगा फायदा, जानें कब और क्यों पीना चाहिए

सेहत के लिए रामबाण है रात में हल्दी वाला दूध:नींद से लेकर इम्युनिटी तक में मिलेगा फायदा, जानें कब और क्यों पीना चाहिए
आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध को एक पूर्ण रात्रि रसायन माना जाता है। झालावाड़ आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टर रिंकेश यादवेंद्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद जब शरीर विश्राम की अवस्था में जाता है, तब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। हल्दी में कर्क्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है। चरक संहिता में हल्दी को त्वचा रोग नाशक और विष हरने वाला माना गया है। यह रक्त को भी शुद्ध करती है। वहीं, गाय का दूध सात्विक माना जाता है। यह वात-पित्त को शांत करता है। दूध ओजवर्धक और बलवर्धक भी है। हल्दी और दूध का संयोजन वात, पित्त और कफ - तीनों दोषों को संतुलित करता है। हल्दी दूध के फायदे - हल्दी वाले दूध के कई फायदे हैं। यह मस्तिष्क को शांत करता है। स्नायु प्रणाली को आराम देता है। इसमें मौजूद ट्रिप्टोफान नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है। यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। - यह पेय वायरल संक्रमण और खांसी-जुकाम में राहत देता है। दूध का कैल्शियम और हल्दी का वातशामक गुण जोड़ों की सूजन कम करते हैं। यह गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस और कमर दर्द में भी लाभकारी है। चर्म रोगों और मुंहासों में लाभ हल्दी रक्तशुद्धि करती है, इससे मुंहासे, एक्ने, खुजली, फोड़े-फुंसियों में राहत मिलती है। लिवर और पाचन सुधारक हल्दी लिवर को डीटॉक्स करती है और पाचन अग्नि को तेज करती है। गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज में आराम। तनाव में कारगर मानसिक तनाव और अवसाद से राहत। हल्दी मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन का स्तर संतुलित करती है। रात को मन शांत और विचार संयमित रहते हैं। महिलाओं के लिए भी फायदा महिलाओं में मासिक चक्र पूर्व लक्षण, ऐंठन, और मूड स्विंग में राहत देती है।साथ ही यह प्रजनन प्रणाली को भी संतुलित करती है। कैसे तैयार करें हल्दी वाला दूध एक कप गाय का गर्म दूध,1/2 चम्मच हल्दी, चुटकी भर काली मिर्च। स्वाद अनुसार शहद या गुड़ चीनी को दूध में हल्दी डालकर 3-5 मिनट धीमी आंच पर उबालें। गैस से उतारने के बाद शहद मिलाएं। ध्यान रखे कभी भी गर्म दूध में शहद ना डालें। सावधानी भी जरूरी पित्त प्रकृति वाले लोग मात्रा कम रखें 1/4 चम्मच से शुरू करें, जो गंभीर यकृत रोगी हैं, वे वैद्य की सलाह लें। गर्भवती महिलाएं सेवन से पूर्व परामर्श लें। हल्दी और दूध दोनों ही गरम प्रकृति के हैं – संतुलित मात्रा में ही लें। रात को करें सेवन हल्दी के दूध को रात को सोने से 30 मिनट पहले हल्के भोजन के बाद लें। खाली पेट न लें। किसे करना चाहिए नियमित सेवन? जिन्हें नींद नहीं आती, जिनके शरीर में बार-बार जुकाम, एलर्जी, गले की खराश रहती हो। हड्डियों में दर्द या जॉइंट प्रॉब्लम हो। जिनकी त्वचा बार-बार खराब होती हो। मानसिक तनाव या अवसाद से पीड़ित व्यक्ति पढ़ने वाले छात्र या वृद्धजन।