समिति की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा, कलेक्टर ने दिए सुधार के निर्देश

समिति की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा, कलेक्टर ने दिए सुधार के निर्देश
भरतपुर। रोगियों के ऑनलाइन ओपीडी के इलाज के पर्चे डीडीसी पर शत प्रतिशत समय पर एंट्री नहीं होने या शून्य होने पर जिला कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इससे जहां दवाओं के स्टॉक का सही आंकलन होना मुश्किल तो होता ही है, वहीं जिले की रैंकिंग भी गिरती है। ये बात डॉ. अमित यादव ने शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य समिति की जिला कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न योजनाओं व स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तार से समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार कर जिले को अग्रणीय जिलों में लाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। जिला औषधि भंडार के प्रभारी डॉ. मनीष चौधरी ने बताया कि ब्लाक सेवर की जिरौली डीडीसी पर मई में 627 की ओपीडी का एक भी पर्चा ऑनलाइन फीडिंग नहीं हुआ। ऐसे ही मोरोली कला पर 526, भुसावर ब्लाक के सलेमपुर खुर्द पीएचसी पर 458 में से एक भी पर्चे को ऑनलाइन नहीं किया गया। ऐसे ही सिटी डिस्पेंसरी रणजीत नगर(प्रताप नगर) डीडीसी पर 27.88 प्रतिशत, नद​बई की लखनपुर पीएचसी पर 29.13 प्रतिशत, सेवर की जाटौली रथभान पीएचसी पर 42.33 प्रतिशत, भुसावर की सिरस पीएचसी पर 45.66 प्रतिशत, बयाना की बंधबारैठा पीएचसी पर 49.62 प्रतिशत व भुसावर की वैर उप जिला अस्पताल पर 56.96 प्रतिशत ही पर्चों की एंट्री की गई। यही वजह है कि इस सहित अन्य कारणों से जिले की रैंक जहां अप्रेल में 16 थी, वह गिरकर 12 ही रह गई।