समरावता में हिंसा मामले की सुनवाई अब 16 को:APP नहीं होने से टली, नरेश मीणा फिर टोंक जेल में शिफ्ट

समरावता में विधानसभा उपचुनाव के दौरान आगजनी, उपद्रव, हिंसा तथा एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में SC/ST कोर्ट टोंक में सुनवाई होनी थी। समरावता में आगजनी, उपद्रव, हिंसा के मामले में गुरुवार को नरेश मीणा की वारंट पेशी हुई। कोर्ट में इस मामले में चार्ज बहस के आदेश और अगली सुनवाई अब 16 जून को होगी। नरेश मीणा के एडवोकेट फतेह लाल मीणा ने बताया कि नगर फोर्ट थाने में दर्ज FIR को लेकर गुरुवार को SC/ST कोर्ट टोंक में सुनवाई होनी थी। इसमें नरेश मीणा के पक्ष की ओर से पहले ही चार्ज बहस हो गई थी, लेकिन सरकारी पक्ष की ओर से बहस नहीं हुई थी। आज सरकारी पक्ष की ओर से अपना पक्ष रखा जाना था, लेकिन APP कोर्ट में उपलब्ध नहीं हुए। वे जरूरी कार्य से आज कोर्ट नहीं आ पाए। इसलिए उनका पक्ष कोर्ट में न्यायाधीश के सामने नहीं आ पाया। इस मामले में कोर्ट से अब अगली सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख दी गई है। वहीं SDM को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा की हाईकोर्ट से गत दिनों जमानत हो चुकी है। इस मामले में आज 2 अगस्त तारीख दी है। उधर, एडवोकेट मीणा ने बताया कि नरेश मीणा को उसकी इच्छा पर दो दिन पहले वापस टोंक जेल में शिफ्ट कर दिया है। पोलिंग बूथ पर एसडीएम को मार दिया था थप्पड़ 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर था। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उसने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उसे रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया। रात को नरेश मीणा को पकड़ने आई पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गांव में हिंसा हुई। दूसरे दिन 14 नवंबर को दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। नरेश मीणा पर चार मुकदमे लगाए गए थे। कोर्ट के आदेश पर नरेश मीणा को 15 नवंबर को जेल भेज दिया था। इस मामले में पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां से जमानत खारिज हो चुकी है। अप्रैल में इस केस को नरेश मीणा के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर SC-ST कोर्ट टोंक में ट्रांसफर करवा लिया।