संगीत आश्रम संस्थान में संगीत समारोह का आगाज:बाल व युवा कलाकारों ने साधे विभिन्न राग-रागनियों के सुर, किया बंदिशों का शृंगार

संगीत आश्रम संस्थान में संगीत समारोह का आगाज:बाल व युवा कलाकारों ने साधे विभिन्न राग-रागनियों के सुर, किया बंदिशों का शृंगार
संगीत आश्रम संस्थान का दो दिवसीय संगीत समारोह का आगाज शास्त्रीनगर स्थित संस्थान परिसर में हुआ। कार्यक्रम में 15 से अधिक बाल व युवा कलाकारों ने विभिन्न शास्त्रीय राग-रागनियों के सुर साधे और अपनी तैयारी पक्ष की खूबसूरत बानगी दर्शायी। तमाम कलाकारों ने सुरों के खूबसूरत लगाव, ठहराव से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। कलाकार भूमिका राठौर ने राग भैरव में बंदिश जागो मोहन प्यारे, खुशबू कंवर ने राग अहिर भैरव की रचना रैना जागी अब, ममता शर्मा व रजनी कुमावत ने राग बैरागी भैरव की बंदिश हरि को नाम भजले को सुर, लय और ताल में पिरोकर प्रशंसा पाई। इसके अलावा कलाकार आरना, रुद्रांश, निष्का मोदी ने राग भूपाली की बंदिश जाऊं तोरे चरण कमल पर, कशिश कंवर ने दरबारी कान्हड़ा की बंदिश घर जाने दे छाड़ मोरि को सुरीले सुरों में पिरोया। इसी प्रकार हिमांशु वर्मा ने राग बागेश्री की बंदिश कौन बरत तोरी विनती, नितेश कुमावत, नीत खत्री और आलिया ने गिटार साज पर राग देस की बंदिश को सुरों से सजाया। वहीं अंजलि शर्मा ने राग बिहाग की रचना मेरो मन अटक्यो और कलाकार वरुण व लक्ष्य शर्मा ने राग पूरिया धनाश्री की बंदिश पायलिया झंकार मोरि को पूरी तन्मयता से पेश कर माहौल में रागों की माधुर्यता का रस घोल दिया। तबले पर वरुण जांगिड़, हारमोनियम पर हरीश नागौरी और तानपूरे पर कशिश कंवर ने प्रभावी संगत की। संचालन प्रिया अग्रवाल ने किया।