शुभांशु शुक्ला की ISS रवानगी फिर टली:NDA क्लियर कर IAF पायलट बने, 2019 में गगनयान मिशन के लिए चुने गए; जानें कंप्‍लीट प्रोफाइल

शुभांशु शुक्ला की ISS रवानगी फिर टली:NDA क्लियर कर IAF पायलट बने, 2019 में गगनयान मिशन के लिए चुने गए; जानें कंप्‍लीट प्रोफाइल
ISRO के एस्ट्रोनॉट और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवानगी फिर टल गई है। उन्हें आज भारतीय समयानुसार शाम 5:52 बजे पर ISS के लिए उड़ान भरनी थी। स्पेसक्राफ्ट से लिक्विड ऑक्सीजन लीक होने की वजह से यह लॉन्चिंग टालनी पड़ी है। अभी नई तारीख की जानकारी सामने नहीं आई है। शुभांशु शुक्ला उस चार सदस्यों के क्रू का हिस्सा हैं, जो एक्सिओम मिशन के लिए ISS जा रहा है। इस क्रू को करीब 28 घंटे का रास्ता तय करके 12 जून की रात 10 बजे ISS पहुंचना था। शुभांशु इस मिशन में पायलट की भूमिका में थे। उनका ये मिशन 14 दिन का था। पहली बार कोई भारतीय नागरिक ISS की यात्रा करेगा अंतरिक्ष इतिहास में पहली बार कोई भारतीय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाला है।इससे पहले राकेश शर्मा में स्‍पेस जाने वाले पहले भारतीय थे। यह मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी NASA के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च किया जाना था। NDA क्लियर करके IAF पायलट बने शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। इनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई अलीगंज, लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी हुई। 12वीं के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर किया और यहीं से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। NDA भारत में सशस्त्र बलों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) के लिए ऑफिसर कैडेट्स को प्रशिक्षण देने वाली एक प्रमुख संस्था है। ये ट्रेनिंग के साथ-साथ एकेडमिक डिग्री भी देती है, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से एफिलिएटेड होती है। 2,000 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस शुभांशु को 17 जून, 2006 को भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में शामिल किया गया। वे एक अनुभवी फाइटर और टेस्ट पायलट हैं। उनके पास 2,000 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। उन्होंने सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाया है। मार्च 2024 में शुभांशु को ग्रुप कैप्टन के पोस्ट पर प्रमोट किया गया। वे एक फाइटर कॉम्बैट लीडर भी हैं। साल 2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना। अन्य तीन में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप शामिल हैं। गगनयान मिशन में शामिल होने के बाद उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में 2019-2021 के बीच कठिन एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग ली। फिर भारत वापस लौटकर शुभांशु ने बेंगलुरु में ISRO के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी सेंटर में भी ट्रेनिंग ली। पीएम मोदी ने एस्ट्रोनॉट विंग्स दिए थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी, 2024 को 1,800 करोड़ रुपए के 3 स्पेस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने के लिए केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने देश के पहले मैन्ड स्पेस मिशन गगनयान का रिव्यू किया। साथ ही गगनयान मिशन पर भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का ऐलान भी किया और उन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स दिए। 27 फरवरी 2024 को शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) के लिए आधिकारिक तौर पर चयन की घोषणा हुई। यह घोषणा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और एक्सिओम स्पेस के बीच सहयोग के तहत की गई थी। NASA और SpaceX के सहयोग से आयोजित है एक्सिओम मिशन एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए एक निजी अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। इसे अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया जा रहा है। ये मिशन NASA और SpaceX के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है और यह एक्सिओम स्पेस का चौथा मिशन है। इससे पहले Ax-1, Ax-2, और Ax-3 मिशन पूरे हो चुके हैं। इसे मार्च से जून, 2025 के बीच लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन को फ्लोरिडा, अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर (LC-39A) या केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन (SLC-40) से फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा। ये मिशन 14 दिनों का होगा। शुभांशु शुक्ला के अलावा एक्सिओम मिशन में 3 सदस्य शामिल हैं- 1. पेगी व्हिटसन (Peggy Whitson) - अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जो नासा की पूर्व सदस्य और एक्सिओम स्पेस की ह्यूमन स्पेस फ्लाइट डायरेक्टर हैं। ये मिशन की कमांडर के रूप में जाएंगी। 2. स्लावोज उज्नान्सकी-विज्निएव्स्की (Sławosz Uznański-Wiśniewski) - पोलैंड के यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरिक्ष यात्री। ये पोलैंड का पहला ISS मिशन होगा। ये मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में जाएंगे। 3. टिबोर कपु (Tibor Kapu) - हंगरी के अंतरिक्ष यात्री। यह हंगरी का भी पहला ISS मिशन होगा। ये भी मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में जाएंगे। ये भारत का पहला ISS मिशन होगा। साथ ही, 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाला दूसरा भारतीय मिशन है। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... खत्‍म हो रहा IITs का जादू?:रिसर्च, स्‍कॉलरशिप के लिए JEE टॉपर्स चुन रहे IISc, MIT; कैसे बदल रहा एस्पिरेंट्स का ट्रेंड JEE एड्वांस में ऑल इंडिया रैंक 8 हासिल करने वाले देवेश भईया ने IIT न जाने का फैसला किया है। इसी तरह AIR 5 हासिल करने वाले उज्जवल केसरी को भी IIT जाने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। तो आखिर वो करना क्या चाहते हैं? पूरी खबर पढ़ें...