वर्ल्ड अपडेट्स:पानी की कमी से जूझते पाकिस्तान ने भारत को 4 लैटर लिखे, सिंधु जल संधि को बहाल करने की मांग की

वर्ल्ड अपडेट्स:पानी की कमी से जूझते पाकिस्तान ने भारत को 4 लैटर लिखे, सिंधु जल संधि को बहाल करने की मांग की
पानी की कमी से जूझते पाकिस्तान ने भारत को सिंधु जल संधि को दोबारा बहाल करने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद ने भारत से इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए 4 लैटर भेजे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने ये चार खत भारत के जल शक्ति मंत्रालय को भेजे, जिसे फिर विदेश मंत्रालय के पास भेजा गया। भारत ने यह संधि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दी थी, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया। भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसे के साथ खत्म नहीं करता, तब तक यह संधि निलंबित ही रहेगी। भारत सरकार की कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने भी इस फैसले को मंजूरी दी है। भारत का साफ कहना है कि आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ें... जापान का मून मिशन फिर फेल, आईस्पेस का रेजिलिएंस लैंडर चांद पर क्रैश हुआ; लगातार दूसरी नाकामी जापान की निजी स्पेस कंपनी आईस्पेस (ispace) का चंद्रयान Resilience (रेजिलिएंस) शुक्रवार को चांद की सतह पर उतरने से चंद सेकंड पहले क्रैश हो गया। लैंडिंग से करीब दो मिनट पहले लैंडर का संपर्क टूट गया और मिशन फेल घोषित कर दिया गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि लैंडर की ऊंचाई मापने वाली लेजर प्रणाली ठीक से काम नहीं कर पाई और लैंडर बहुत तेजी से नीचे आ गया, जिससे वह चांद पर जोर से टकरा गया। यह ispace की चांद पर दूसरी कोशिश थी। इससे पहले साल 2022-23 में कंपनी का पहला लूनर मिशन भी क्रैश हो गया था। रेजिलिएंस नाम का यह लैंडर 2.3 मीटर लंबा था और इसे इस साल जनवरी में फ्लोरिडा (अमेरिका) से लॉन्च किया गया था। पिछले महीने यह चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। लैंडिंग के लिए चांद के उत्तरी हिस्से मारे फ्रिगोरिस में एक समतल जगह को चुना गया था, जो गड्ढों और पुराने लावा से भरा इलाका है। पतंजलि योगपीठ-नेपाल जमीन घोटाला- पूर्व PM माधव नेपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप, चार्जशीट में रामदेव-बालकृष्ण का जिक्र नहीं नेपाल की एंटी करप्शन एजेंसी ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल पर पतंजलि योग-पीठ-नेपाल से जुड़े भूमि हेराफेरी मामले में आरोप लगाया। दुरुपयोग जांच आयोग (CIAA) ने माधव कुमार नेपाल के खिलाफ काठमांडू से लगभग 40 किलोमीटर योग केंद्र और हर्बल खेती स्थापित करने के लिए पतंजलि योग-पीठ को भूमि खरीद में मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इसमें माधव कुमार नेपाल और 93 अन्य लोगों का नाम हैं। मुकदमा दायर होने के बाद, वर्तमान सांसद माधव नेपाल की संसदीय सदस्यता निलंबित हो गई है। नेपाल के कानून के अनुसार, भ्रष्टाचार के आरोप में सभी सार्वजनिक पदाधिकारियों को मामले के पूरी तरह हल होने तक निलंबित कर दिया जाता है। माधव नेपाल, जो मई 2009 से फरवरी 2011 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे, ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। चार्जशीट के मुताबिक, माधव नेपाल जब नेपाल के प्रधानमंत्री थे, उस दौरान उनकी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी और इस बैठक में लैंड सीलिंग लॉ को हटा दिया गया था। इसके बाद पतंजलि को जमीन खरीदने की इजाजत दे दी गई थी। इसके अलावा दो महीने बाद एक और फैसला लिया गया था और इससे पतंजलि को जमीन की कॉमर्शियल बिक्री करने की इजाजत मिल गई थी। CIAA का कहना है कि इससे देश को भारी नुकसान हुआ। संस्था ने माधव नेपाल से 18.6 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की है। चार्जशीट में पतंजलि-नेपाल के संस्थापक निदेशक शालीग्राम सिंह का नाम शामिल है, लेकिन पतंजलि के प्रमुख बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का कोई उल्लेख नहीं है। ट्रम्प ने कहा- यूक्रेन और रूस को थोड़ा लड़ने देना बेहतर होगा, जर्मन चांसलर ने रूस पर दबाव बढ़ाने की मांग की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता शुरू करने के बजाय, उन्हें थोड़ा लड़ने देना चाहिए। ओवल ऑफिस में हुई एक बैठक में ट्रम्प ने कहा कि वह शांति वार्ता की सफलता को लेकर आशंकित हैं। ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत में यूक्रेन और रूस को पार्क में झगड़ते दो छोटे बच्चों की तरह बताया। पुतिन की प्रतिक्रिया स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि वह अमेरिका के इस रुख का स्वागत करेंगे, क्योंकि वह पहले भी अमेरिका से इस संघर्ष से दूर रहने और यूक्रेन को सैन्य सहायता बंद करने की मांग कर चुके हैं। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इस बैठक में ट्रम्प से रूस पर और दबाव डालने की अपील की। मर्ज ने ट्रम्प को याद दिलाया कि यूक्रेन में हिंसा रूस के आक्रमण का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जर्मन लोग द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी को हराने के लिए अमेरिका के आभारी हैं। मर्ज ने ट्रम्प से कहा, "अमेरिका एक बार फिर यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए मजबूत स्थिति में है। हमें रूस पर दबाव बढ़ाने की बात करनी चाहिए।" इस बीच, रूस ने यूक्रेन के एक साहसिक ड्रोन हमले का जवाब देने की धमकी दी है। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा SBU ने पिछले सप्ताहांत रूस के चार हवाई अड्डों पर ड्रोन हमला किया था, जिसमें 20 रूसी युद्धक विमानों को नुकसान पहुंचा। रूस ने कहा है कि वह इसका जवाब अपने तरीके और समय पर देगा। डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग की फोन पर डेढ़ घंटे बातचीत, ट्रम्प पत्नी के साथ चीन का दौरा करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की और कहा कि वह जल्द ही अपनी पत्नी के साथ चीन का दौरा करेंगे। ट्रम्प ने शी को व्हाइट हाउस आने का न्योता भी दिया, लेकिन इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। यह बातचीत गुरुवार को हुई और यह दोनों नेताओं के बीच फरवरी में शुरू हुए व्यापार युद्ध के बाद पहली कॉल थी। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर बताया कि डेढ़ घंटे की बातचीत में व्यापार पर चर्चा हुई और यह दोनों देशों के लिए सकारात्मक रही। चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार, शी ने ट्रम्प से कहा कि अमेरिका को चीन के खिलाफ उठाए गए नकारात्मक कदम वापस लेने चाहिए। शी ने यह भी कहा कि हाल ही में जिनेवा में हुए व्यापार समझौते का दोनों पक्षों को पालन करना चाहिए। इस समझौते में अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर टैरिफ 145% से घटाकर 30% किया, जबकि चीन ने अमेरिकी आयात पर टैरिफ 10% किया और महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का वादा किया। हालांकि, दोनों देश एक-दूसरे पर समझौता तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। अमेरिका का कहना है कि चीन ने महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति शुरू नहीं की, जबकि चीन का दावा है कि अमेरिका ने चिप्स पर नए प्रतिबंध लगाकर समझौता तोड़ा। ट्रम्प ने कहा कि चीनी छात्र अमेरिका आ सकते हैं, लेकिन उनकी जांच होगी। वहीं, शी ने ताइवान मुद्दे पर अमेरिका को सावधानी बरतने की चेतावनी दी। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसने बल प्रयोग की संभावना से इनकार नहीं किया है। यह कॉल लंबे समय बाद हुई है, क्योंकि ट्रम्प ने पहले कहा था कि शी के साथ डील करना मुश्किल है। चीन सौदों के लिए अपनी टीम भेजना पसंद करता है, जबकि ट्रम्प खुद बातचीत में शामिल होना चाहते हैं। ------------------------------- 5 जून के वर्ल्ड अपडेट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...