मेट्रो सेकंड फेज की डीपीआर तैयार, फिर भी काम शुरू होने में लग जाएगा एक साल

15 साल बाद मेट्रो के सेकंड फेज की डीपीआर आखिर फाइनल हो गई। सरकार ने 12 हजार 260 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत कर दिया। इसके बावजूद भी मेट्रो के सेकंड फेज का काम शुरू होने में एक साल लग जाएगा, क्योंकि काम शुरू करने से पहले जयपुर मेट्रो के अधिकारियों को केंद्र सरकार से फाइनेंस और डीपीआर पर स्वीकृति लेनी होगी। ऐसे में डीपीआर और फाइनेंस मंजूरी में 5 महीने लग सकते हैं। यहां से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया में 6 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में 11 महीने का समय लग जाएगा यानी मेट्रो का काम 2026 में मार्च तक शुरू हो सकेगा। इस दौरान सरकार का कार्यकाल ढ़ाई साल का हो जाएगा। इसके बाद सरकार के पास ढ़ाई साल का कार्यकाल रहेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार के इस कार्यकाल में मेट्रो के सेकंड फेज पर मेट्रो का संचालन नहीं होगा। दिसंबर, 2028 में बनने वाली सरकार ही मेट्रो के सेकंड फेज को हरी झंडी दिखाएंगी। यूपी में सपा और बीजेपी ने दिखाई मेट्रो के काम पर एकता यूपी में सपा और बीजेपी ने मेट्रो के काम के प्रति मिसाल दिखाई है। लखनऊ में 23 किमी में चलने वाली मेट्रो की डीपीआर बसपा सरकार में वर्ष 2011 में बनी। सपा सरकार ने 2014 में मेट्रो की नींव रखी। वर्ष 2014 से 2017 में सपा सरकार में 23 किमी में से 9 किमी में मेट्रो का काम पूरा करके शुरू कर दी। 9 किमी में सभी 8 स्टेशन एलिवेटेड हैं। इसके बाद बीजेपी सरकार आ गई। सपा और बसपा में शुरू हुआ मेट्रो का काम बीजेपी ने भी नहीं रोका। बीजेपी के 2 साल के कार्यकाल में वर्ष 2019 में 14 किमी में मेट्रो चली। 14 किमी में कुल 13 स्टेशन बने। लखनऊ में 4 साल 5 महीने में 23 किमी काम पूरा हुआ, सेकंड फेज-43 किमी का मेट्रो के इतिहास में सबसे तेजी से इसका काम लखनऊ में हुआ है। लखनऊ में 4 साल 5 महीने में 23 किमी के बीच में मेट्रो का काम पूरा हुआ है। इसमें 17 स्टेशन एलिवेटेड और 4 स्टेशन अंडरग्राउंड हैं। यह अपने आप में सबसे तेजी से होने वाला मेट्रो का काम है। वहीं, मेट्रो का सेकंड फेज 43 किमी का है। इसमें 34 स्टेशन एलिवेटेड और 2 अंडरग्राउंड हैं। ऐसे में बीजेपी सरकार के सामने इसी कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना बड़ी चुनौती है। सरकार के पास इस काम को पूरा करने के लिए मात्र साढ़े तीन साल है। इसमें केंद्र से मंजूरी और टेंडर जारी करने तक का काम शामिल है। बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर की तरह फंस नहीं जाए मेट्रो का सेकंड फेज कांग्रेस सरकार की ओर से तैयार की गई मेट्रो के सेकंड फेज की डीपीआर को 15 साल बाद बीजेपी ने फाइनल किया। लेकिन मेट्रो का सैकंड फेज भी बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर की तरह राजनीति में नहीं फंस जाए। क्योंकि, बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच चलने वाली मेट्रो का काम कांग्रेस ने शुरू किया था। बीजेपी सरकार ने नवम्बर, 2024 में मेट्रो डीपीआर को नए सिरे से रिव्यू कराने को लेकर काम बंद कर दिया था। सरकार की उदासीनता की वजह से बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच चलने वाली मेट्रो का काम 6 महीने बाद भी शुरू नहीं हुआ। हालात यह हैं कि मेट्रो के सेकंड फेज की डीपीआर तो आ गई, लेकिन बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर की रिव्यू डीपीआर अभी तक नहीं आई। इस वजह से प्रोजेक्ट में देरी हो रही है। काम बंद होने की वजह से आए दिन ट्रैफिक जाम भी रहता है।