मणिपुर हिंसा- नेशनल हाईवे बंद, दवाएं तक नहीं मिल रहीं:चुराचांदपुर-इंफाल में चीजों के दाम बढ़े; जिसकी गिरफ्तारी का विरोध, वह पुलिस में हेड कांस्टेबल था

CBI ने जिस मैतेई नेता को एक दिन पहले गिरफ्तार किया, वह अशेम कनन सिंह मणिपुर पुलिस में हेड कांस्टेबल था। मणिपुर पुलिस ने सोमवार को बताया कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण कनन सिंह को मार्च में सस्पेंड कर दिया गया था। मैतेई संगठन अरम्बई टेंगोल (एटी) का सदस्य कनन सिंह पुलिस में रहते हुए बॉर्डर पार हथियारों की तस्करी करता था। 2023 से चल रही मणिपुर हिंसा के दौरान कनन सिंह एडिशनल एसपी अमित के घर पर हमले का मुख्य आरोपी था, जहां उनका अपहरण कर उनके साथ मारपीट की गई थी। बंदूक तस्करी में अशेम कनन सिंह को पहली बार 2020 में सस्पेंड किया गया था। 27 फरवरी 2024 को उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई। 3 मार्च 2025 को सस्पेंड किया गया, CBI ने कई महीनों की जांच के बाद ठोस सबूतों के आधार पर 7 जून को गिरफ्तार किया। कनन की गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क गई। इंफाल के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी, सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर भी जलाए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल डालकर खुद को जलाने की भी कोशिश की। 3 मई 2023 को कुकी-मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। इस दौरान 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं। जरूरी चीजों के दाम बढ़े मणिपुर में हिंसा के बाद हाईवे ब्लॉकेज और ट्रांसपोर्ट रूट्स प्रभावित होने से आम लोगों को महंगाई का सामना कर पड़ रहा है। खास तौर पर चुराचांदपुर और राजधानी इंफाल में खाने-पीने की चीजें और दवाइयों की भारी कमी हो गई है। जरूरी सामानों के दाम बढ़ गए हैं। हिंसा प्रभावित कई इलाकों में दवाइयां तक नहीं मिल रही हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया- अब सारी चीजें मिजोरम के रास्ते आ रही हैं, इसलिए महंगी हो गई हैं। पहले जैसी स्थिति नहीं रही है। चुराचांदपुर कुकी समुदाय का गढ़ माना जाता है। यह नेशनल 2 और 37 पर निर्भर है, जो असम और नगालैंड को मणिपुर से जोड़ते हैं। अब ये रास्ते बंद हैं, जिससे ट्रकों को लंबा रास्ता मिजोरम से होकर लेना पड़ रहा है। इससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ रही है। इंफाल समेत 5 जिलों में इंटरनेट बंद, 2 में कर्फ्यू लगा हिंसा-प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने 7 जून की रात 11:45 बजे से पांच दिनों के लिए 5 जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस सस्पेंड कर दी है। इनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर शामिल हैं। इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर में कर्फ्यू भी लगाया गया है। बीरेन सिंह और लीसेम्बा सनाजाओ को दिल्ली बुलाया पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यसभा सांसद लीसेम्बा सनाजाओ को सोमवार को दिल्ली बुलाया गया है। दिल्ली जाते समय बीरेन सिंह ने कहा कि वह लीसेम्बा सनाजाओ के साथ केंद्रीय नेताओं को राज्य की स्थिति से अवगत कराने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। बीरेन सिंह ने लोगों से राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने तथा लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। 7 जून की रात हुई हिंसा की 3 तस्वीरें... 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन, नई सरकार 15 जून तक बनने की संभावना
मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन है, लेकिन मौजूदा विधानसभा भंग नहीं हुई है। सिर्फ निलंबित है। हालांकि, 30 अप्रैल को 21 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर राज्य में तत्काल लोकप्रिय सरकार बनाने की मांग की थी। पत्र पर भाजपा के 14 विधायकों ने साइन किए हैं। इसके बाद इंफाल राजभवन में 28 मई को NDA के 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की थी। इनमें से एक विधायक ने भास्कर को बताया था, 'नई सरकार के ढांचे पर चर्चा हुई है। उम्मीद है कि 15 जून तक एक सरकार बन जाएगी।' 4 पॉइंट्स में समझिए मणिपुर हिंसा की वजह...
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। ------------- ये खबर भी पढ़ें... मणिपुर में हिंसा भड़काने में पाकिस्तान का कनेक्शन आया सामने, ISI के निशाने पर कुकी-मैतेई समुदाय मणिपुर में हिंसा भड़काने के पीछे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इसकी साजिश रच रही है। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा 15-20 फेसबुक अकाउंट बनाए गए हैं। इसके माध्यम से कुकी और मैतेई समुदाय को भड़काने वाले कंटेंट-वीडियो डाले जा रहे हैं। ऐसे तमाम अकाउंट्स की डिटेल दैनिक भास्कर के पास है। पूरी खबर पढ़ें...