पोस्टिंग में गड़बड़ी, दिव्यांगों को 250 किलोमीटर दूर भेजा:संस्कृत शिक्षा विभाग में पदोन्नति के बाद पदस्थापन के आदेश

संस्कृत शिक्षा विभाग ने वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति के बाद पिछले दिनों पदस्थापन आदेश जारी किए थे। इनमें कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है। सूचियों में वरिष्ठता में वरिष्ठ अध्यापक को दूर-दराज स्थान पर भेज दिया, जबकि कनिष्ठ को नजदीकी स्थान पर पोस्टिंग दी गई। एक ही स्कूल में दो-दो वरिष्ठ अध्यापकों का नियम विरुद्ध पदस्थापन कर दिया गया। बाद में इनके आदेश निरस्त कर दिए गए। यही नहीं सूचियां जारी करने वालों को शिक्षकों के नाम तक पता नहीं है। कई नामों के आगे तो कुमारी है या नहीं, आचार्य है या नहीं तक भी लिख दिया गया। इस तरह की गड़बड़ियों पर शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है। राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम ) ने सीएम को पत्र लिखकर इन गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। संघ के मुख्य संरक्षक सियाराम शर्मा और प्रवक्ता मुकेश मीणा ने कहा कि सूचियों में ना वरिष्ठता का ध्यान रखा गया और ना ही दिव्यांग शिक्षकों का। आंख मूंद सूचियां तैयार की गई है। इस कारण कई वरिष्ठ और दिव्यांग शिक्षकों को 200 से 250 किमी दूर तक पोस्टिंग दे दी गई। विभाग को चाहिए कि इन सूचियों को लेकर शिक्षकों से परिवेदना ली जाए। इसके बाद उन परिवेदनाओं का नियमानुसार निस्तारण किया जाए, ताकि शिक्षकों को राहत मिल सके। इस तरह की गड़बड़ी सूची में क्रम संख्या 226 पर महिला शिक्षक के कॉलम में लिख दिया कि आचार्य है अथवा नहीं। इसको देखना है। क्रम संख्या 269 पर लिख दिया कि कुमारी है अथवा नहीं है। इसको देखना है। क्रम संख्या 90 व क्रम संख्या 94 को एक ही स्कूल में पद स्थापित कर दिया गया। एक शिक्षक के स्कूल में पद खाली है, लेकिन उसको 90 किमी दूर भेज दिया गया।