पीएम मोदी से मिले चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी:बोले-हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर चुनौती है आतंकवाद, हमने अपनों को भी खोया

पीएम मोदी से मिले चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी:बोले-हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर चुनौती है आतंकवाद, हमने अपनों को भी खोया
पाकिस्तान की पोल पूरी दुनिया को बताने गए भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत और अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है। उन्होंने लिखा है, "हमारे लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई सैद्धांतिक या अकादमिक चर्चा का विषय नहीं है। बल्कि यह हमारे अस्तित्व के लिए एक गंभीर चुनौती है।" इस जंग में हमने अपनों को खोया है। मनीष तिवारी ने अपने अनुभव को मुख्य रूप से दो बिंदुओं में साझा किया है, जो इस प्रकार हैं - 1. आतंकवाद के समय राजनीति शुरू की थी 1980 के दशक के मध्य में, पंजाब में हिंसक उग्रवाद, अलगाववाद और आतंकवाद के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। उस समय हालात ऐसे थे कि यह यकीन करना मुश्किल होता था कि अगर आप सुबह घर से बाहर जाएंगे, तो शाम को सुरक्षित वापस लौटेंगे। यही संघर्ष हमारी पहचान है। 2. इस लड़ाई में अपने भी खोए 1980 से 1995 के बीच, पंजाब में आतंकवादियों के हमलों में 30 हजार से अधिक लोग मारे गए, जिनमें हमारे अपने भी शामिल थे। इन आतंकवादियों को पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित, संसाधनयुक्त और हथियारबंद किया गया था। हमारे लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई गूढ़ अकादमिक चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि यह हमारे अस्तित्व के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसलिए, यह स्वाभाविक था कि हमने पाकिस्तान की धोखेबाजी को उजागर करने में अपनी भूमिका निभाई, जैसा कि हमने पिछले 45 वर्षों में किया है। याद रहे कि 1984 में आतंकवादियों उनके पिता विश्वनाथ तिवारी की हत्या कर दी थी। वह पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। पंजाब चंडीगढ़ के 4 सांसद गए थे दल में ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार द्वारा विदेशों में भेजे गए सर्वदलीय डेलिगेशन में चंडीगढ़ के सांसद और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, पंजाब कांग्रेस के नेता और श्री फतेहगढ़ साहिब के सांसद डॉ. अमर सिंह, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू और आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल शामिल थे। ये चारों अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे।