नोबेल विजेता थनबर्ग जहाज से गाजा मदद ले जा रहीं:अमेरिका-ब्रिटेन से सुरक्षा मांगी; इजराइल बोला- घुसने नहीं देंगे, गिरफ्तारी हो सकती है

गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहीं स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग आज गाजा तट पर पहुंच सकती हैं। वे ‘मैडलीन’ नाम के एक जहाज पर सवार हैं, इसमें उनके साथ 11 और लोग हैं। ग्रेटा अपने साथ गाजा के लोगों के लिए दवा, अनाज, बच्चों के लिए दूध, डाइपर और वाटर प्यूरीफायर ले जा रही हैं। इस बीच, इजराइल सरकार ने कहा है कि वह जहाज को गाजा में घुसने नहीं देगी। जरूरत पड़ी तो इसे रोकेगी और उसमें मौजूद लोगों को गिरफ्तार भी कर सकती है। इजराइल की धमकी के बाद जहाज पर मौजूद लोगों ने अमेरिका और ब्रिटेन से मदद की गुहार लगाई है। ग्रेटा थनबर्ग की गाजा यात्रा से जुड़ी 5 फोटोज... चिट्ठी में लिखा- जहाज पर हमला कर सकता है इजराइल
इजराइल की धमकी के बाद फिलिस्तीनी मूल की अमेरिकी नेता रशीदा तलीब ने ट्रम्प प्रशासन को एक पत्र लिख अमेरिकी विदेश मंत्रालय से मैडलीन जहाज को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने की मांग की है। चिठ्ठी में रशीदा ने कहा कि इजराइल इस जहाज पर हमला या रोकटोक कर सकता है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा। इसके साथ ही इजराइल सरकार से गाजा पर लगी नाकाबंदी हटाने और फिलिस्तीनियों की भुखमरी को समाप्त करने की मांग की गई है। वहीं, फ्रीडम फ्लोटिला संगठन (FFC) ने UK से भी सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। यह यात्रा FFC नाम के इसी संगठन ने शुरू की है, जो पहले भी गाजा को मदद पहुंचाने की कोशिश कर चुका है। जहाज की लाइव लोकेशन ट्रैक की जा रही थनबर्ग अपनी टीम के साथ इटली के सिसली द्वीप से 1 जून को रवाना हुई थीं। ग्रेटा ने रवाना होने से पहले बयान दिया- अगर इंसानियत में उम्मीद बची है, तो हमें फिलिस्तीन के लिए आवाज उठानी होगी। यह मिशन मुश्किल और खतरनाक हो सकता है, लेकिन गाजा में जो हो रहा है, उस पर चुप रहना उससे भी ज्यादा बुरा है। मैडलीन की लोकेशन लाइव ट्रैक की जा रही है। अल-जजीरा के अनुसार मैडलीन जहाज सुबह 5 बजे के करीब ( भारतीय समयानुसार) मिस्र के तट से निकल चुका है। गाजा जा रहा मैडलीन मिशन क्या है? इजराइल ने 2 मार्च से गाजा में राहत सामग्री की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, जिससे वहां 23 लाख लोगों में से 93% भुखमरी का सामना कर रहे हैं। दर्जनों बच्चे भूख से मर चुके हैं। मैडलीन जहाज का मकसद इन लोगों तक मदद पहुंचाना है। यह यात्रा 'फ्रीडम फ्लोटिला संगठन' (FFC )नाम के एक संगठन ने शुरू की है, जो पहले भी गाजा को मदद पहुंचाने की कोशिश कर चुका है। ग्रेटा और उनका दल इजराइल की उस घेराबंदी का विरोध कर रहे हैं जो गाजा पर कई सालों से चल रही है। FFC ने इसे एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध बताया है। उनके मुताबिक, जहाज पर सवार सभी कार्यकर्ता और चालक दल के सदस्य अहिंसा के सिद्धांत में प्रशिक्षित हैं और यह मिशन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। इजराइल जहाज को क्यों रोक रहा है शुरुआत में इजराइल इस जहाज को गाजा में डॉक करने की अनुमति देने के लिए विचार कर रहा था, बशर्ते कि यह सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा खतरा न बने। लेकिन इजराइल की सरकारी ब्रॉडकास्टर KAN के मुताबिक, अब सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है। अब इजराइल का तर्क है कि अगर एक बार मैडलीन जैसे जहाज को मंजूरी दी गई, तो आगे चलकर इस तरह की कोशिशों को बढ़ावा मिलेगा। इससे इजराइल के समुद्री प्रतिबंध कमजोर पड़ सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ सकता है। इसलिए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि मैडलीन को गाजा तट से पहले ही रोक दिया जाएगा। इससे पहले भी FCC के कॉन्साइंस नाम के जहाज ने मई 2025 में एक और कोशिश की थी। हालांकि, इजराइल ने उसे परमिशन नहीं दी थी। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने ब्रिटेन से गाजा की ओर आ रहे जहाज को रोकने की अपील की थी। हालांकि ब्रिटेन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। एक अधिकारी के मुताबिक ब्रिटेन ने इजराइल से इन यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। इजराइली सेना ने गिरफ्तार करने की धमकी दी येरुशलम पोस्ट के मुताबिक इजराइली अधिकारियों ने कहा कि वे किसी भी हाल में मैडलीन को तट पर उतरने की इजाजत नहीं देंगे। यदि जहाज में बैठे लोग इजराइली सेना के आदेश को मानने से इनकार करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने आदेश न मानने की हालत में कड़ा कदम उठाने का आदेश दे दिया है। इजराइली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा- इस मामले में हम पूरी तरह तैयार हैं। हमे हाल के सालों में जो एक्सपीरियंस मिला है, हम उसी के मुताबिक काम करेंगे। 17 साल से गाजा को घेरे हुए है इजराइल इजराइल ने गाजा पट्टी 17 साल से नाकेबंदी कर रखी है। साल 2007 में जब हमास ने गाजा पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया था, तो इजराइल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गाजा की समुद्री सीमाओं, हवाई रास्तों और भूमि सीमाओं पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए।
इजराइल ने गाजा की समुद्री सीमाओं पर एक नौसैनिक घेरा बना रखा है। इसका मतलब यह है कि कोई भी जहाज या नाव बिना इजराइल की अनुमति के गाजा के समुद्र तक नहीं पहुंच सकती। इजराइल का कहना है कि यह नाकेबंदी उसकी सुरक्षा के लिए जरूरी है। अगर इसमें ढील दी गई, तो हमास जैसे आतंकी गुट समुद्र के रास्ते हथियार ला सकते हैं और इजराइली नागरिकों को खतरे में डाल सकते हैं। कई बार इजराइली नाकेबंदी तोड़ने की कोशिश हुई 2007 से अब तक कई बार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सहायता समूहों ने इस नाकेबंदी को तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन इजराइली नौसेना ने उन्हें रोक दिया या पकड़ लिया। साल 2010 में ‘फ्रीडम फ्लोटिला’ नाम का नावों काफिला गाजा की तरफ जा रहा था, जिसमें सहायता सामग्री थी और इसमें कई अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता सवार थे। इजराइली नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय पानी में इस पर हमला कर दिया था जिसमें 10 लोग मारे गए थे। इसे लेकर इजराइल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी। गाजा में 20 लाख लोगों पर भुखमरी का संकट गाजा इस समय गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहा है। अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजराइली हमलों में अब तक 54,600 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें से बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। 20 लाख से अधिक लोगों को भूख, दवाइयों और पीने के पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं बदले तो गाजा में भुखमरी की स्थिति और गंभीर हो सकती है। हाऊ डेयर यू भाषण से लोकप्रिय हुई थीं थनबर्ग ग्रेटा थनबर्ग पर्यावरण को बचाने के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं। साल 2018 में जब वो सिर्फ 15 साल की थीं, उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया और हर शुक्रवार स्वीडन की संसद के बाहर अकेले बैठने लगीं। उनके हाथ में एक तख्ती होती थी जिस पर लिखा था – "जलवायु के लिए स्कूल हड़ताल"।धीरे-धीरे दुनिया के कई बच्चों ने उनका साथ देना शुरू कर दिया और यह आंदोलन 'Fridays For Future' के नाम से दुनिया में फैल गया। साल 2019 में ग्रेटा ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में उन्होंने दुनिया के नेताओं को फटकार लगाई थी। उन्होंने गुस्से में कहा – "हाऊ डेयर यू?" यानी "आपकी हिम्मत कैसे हुई?"ग्रेटा ने कहा कि बड़े-बड़े वादों की वजह से बच्चों का बचपन और उनके सपने बर्बाद हो रहे हैं। ग्रेटा का यह भाषण बहुत फेमस हुआ और वे युवाओं के लिए एक मिसाल बन गईं। ग्रेटा खुद भी पर्यावरण का ध्यान रखती हैं। वो हवाई यात्रा नहीं करतीं और मांसाहार से दूर रहती हैं। उन्हें 2019 में 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' का सम्मान भी मिल चुका है। -------------------------------------- गाजा से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें..... अमेरिका ने गाजा में सीजफायर प्रस्ताव पर वीटो लगाया:कहा- इजराइल को अपनी रक्षा करने का हक; 14 देशों ने जंग रोकने के लिए वोट किया अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के गाजा में युद्धविराम कायम करने वाले प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है। UNSC में बुधवार को इसके लिए वोटिंग हुई जिसमें 15 में से 14 देशों ने गाजा में युद्ध विराम के पक्ष में वोटिंग की। पूरी खबर यहां पढ़ें...