नागौर में भाजपा पार्षदों को अनुशासनहीनता का नोटिस:सभापति की मनाही के बाद भी नगर परिषद की मीटिंग में गए थे

नागौर में भाजपा की गुटबाजी का मामला सामने आया है। भाजपा बोर्ड की सभापति मीतू बोथरा की मनाही के बावजूद नगर परिषद की मीटिंग में भाग लेने वाले भाजपा पार्षदों के खिलाफ अनुशासनहीनता का नोटिस जारी हुआ है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने जल्द से जल्द जवाब मांगा है। नागौर में सभापति मीतू बोथरा हैं। बोर्ड भाजपा का ही है। भाजपा के ही कुछ पार्षदों ने शुरुआत से सभापति मीतू बोथरा के खिलाफ माेर्चा खोला हुआ है। हाल ही में 19 दिसंबर 2024 की बैठक में हुए निर्णय की अनुपालना में 20 मई को नगर परिषद की साधारण सभा की बैठक रखी गई थी। लेकिन इससे ऐन पहले 19 मई को सभापति मीतू बोथरा ने बिना सूचना के प्रस्ताव लेने और भ्रष्टाचार का अंदेशा जताते हुए 20 मई की प्रस्तावित बैठक को स्थगित कर दिया था। लेकिन 20 मई को साधारण सभा हुई और सभापति के गैरमौजूद होने की स्थिति में भाजपा पार्षद ओमप्रकाश सांखला ने बैठक की अध्यक्षता की। स्थानीय भाजपा नेतृत्व ने जताई नाराजगी सभापति के बैठक स्थगित करने के बावजूद साधारण सभा करने को लेकर स्थानीय भाजपा नेतृत्व ने नाराजगी जताई और भाजपा जिलाध्यक्ष रामधन पोटलिया ने भाजपा पार्षद सरला सैन, ओमप्रकाश सांखला, ललित लोमरोड़, मनीष कच्छावा, रघुवीर भाटी, लूणकरण जांगिड़ व एक अन्य पार्षद को अनुशासनहीनता का दोषी मानते हुए स्पष्टीकरण मांगा। पार्टी संगठन प्रभारी पुखराज पहाड़िया ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्रदेश नेतृत्व को भी दी है। मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष रामधन पोटलिया ने कहा- आज सबने साथ बैठकर बातचीत की है। कारण बताओ नोटिस देना सामान्य प्रक्रिया है, आज सबने बैठकर बात की तो सब संतुष्ट हो गए। आपस में दूरियों जैसी कोई चीज नहीं है। सरकार के स्वच्छ भारत अभियान समेत अन्य कामों को लेकर नगर परिषद के सभी अंग लगे हुए हैं। भाजपा अनुशासित पार्टी है, एक परिवार में छोटे-बड़े विषय चलते रहते हैं। सब सक्षम हैं कि बातचीत से समाधान करें और सब मिलकर नागौर के विकास की बात करें। यहां संगठन से बड़ा कोई नहीं है। भाजपा पार्षदों ने आश्वस्त किया है कि अब सब मिलकर ही आगे बढ़ेंगे। पहले भी सामने आ चुकी नागौर भाजपा में गुटबाजी नागौर में कुछ दिन पहले खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा के सीएम को लिखे गए गोपनीय पत्र को सार्वजनिक करने के मामले में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा के समर्थक आमने-सामने हो गए थे। इससे पहले भाजपा जिलाध्यक्ष के चुनाव के समय भी गुटबाजी नजर आई थी।