द्रव्यवती सीवर फ्रंट:5 ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 170 एमएलडी, ट्रीट 125 MLD पानी ही हो रहा, सुशीलपुरा में 7 साल में भी एसटीपी नहीं बना

द्रव्यवती सीवर फ्रंट:5 ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 170 एमएलडी, ट्रीट 125 MLD पानी ही हो रहा, सुशीलपुरा में 7 साल में भी एसटीपी नहीं बना
अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तरह जयपुर में द्रव्यवती रिवर फ्रंट बनाने का सपना 8 साल बाद भी अधूरा है। 1700 कराेड़ रुपए खर्च करने के बाद भी नाहरगढ़ की पहाड़ियाें से शुरू होकर गाेनेर (47.5 किमी) ढूंढ नदी में मिलने वाली द्रव्यवती में गंदा और बदबूदार पानी ही बह रहा है। इसे साफ रखने के लिए 6 ट्रीटमेंट प्लांट स्वीकृत हैं, लेकिन अब तक 5 ही लगे हैं, वो भी पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं। इनकी क्षमता 170 एमएलडी की है, लेकिन 125 एमएलडी पानी ही साफ कर रहे हैं। सुशीलपुरा में सात साल में जेडीए ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा पाया है। जेडीए ने दो बार खातली जमीनों पर लगाने का प्रयास किया, लेकिन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी। ऐसे में यहां से निकलने वाला गंदा पानी सीधे द्रव्यवती में मिल रहा है। 1700 करोड़ खर्च फिर भी एसटीपी तक गंदा पानी पहुंचाने वाली ट्रंक लाइन नहीं डाली, रोज 1700 लाख लीटर सीवर मिल रहा हसनपुरा, सुशीलपुरा, सांगानेर, मानसरोवर, सुभाष कॉलोनी, गुलर बांध, बंबाला पुलिया और राणा सांगा मार्ग तक सैकड़ों कॉलोनियों के 300 छोटे-बड़े नालाें का पानी सीधा द्रव्यवती में छोड़ा जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार द्रव्यवती में रोज 1700 लाख लीटर सीवर मिल रहा है। यह गंदा पानी एसटीपी तक पहुंचाने के लिए जेडीए को 85 किमी लंबी ट्रंक लाइन डालनी थी, जो नहीं डाली। बता दें कि गाेनेर में 10 एमएलडी, बंबाला में 25, तरुछाया नगर में 100, देवरी मानसरोवर में 15 और पानी पानीपेच में 20 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं।