डग उपजिला अस्पताल में मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं:7 विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम तैनात, 24 घंटे इमरजेंसी सेवा उपलब्ध

झालावाड़ जिले का डग अस्पताल अब जिला उप चिकित्सालय के रूप में विकसित हो गया है। यह अस्पताल जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर स्थित है। यह राजस्थान का अंतिम विधानसभा मुख्यालय है। अस्पताल तीन दिशाओं से मध्यप्रदेश के रतलाम, उज्जैन, आगर और मंदसौर जिलों की सीमाओं से घिरा है। पहले यहां के मरीजों को जटिल प्रसव के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता था। अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गंभीर बीमारियों का इलाज और जटिल प्रसव भी यहीं कर रही है। इससे मरीजों को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह की राहत मिल रही है। 7 विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त अस्पताल में सात विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात हैं। इनमें वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास जैन, एमडी डॉ. राममनोहर कुशवाह, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. पन्नालाल शर्मा, दंत चिकित्सक डॉ. रजनी मीणा, एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. अमीन खान, चिकित्सा अधिकारी डॉ. बालकृष्ण जिंदल और आयुर्वेद डॉक्टर डॉ. हरीकिशन वर्मा शामिल हैं। सुव्यवस्थित व आधुनिक इमरजेंसी यूनिट जिला उप अस्पताल में प्रवेश करते ही सुव्यवस्थित और आधुनिक इमरजेंसी यूनिट स्थित है जो पहले की तुलना में अधिक साफ सुथरी, सुचारु, गुणवत्तापूर्ण, आइसोलेटेड है सभी बेड पर प्रतिदिन उच्च गुणवत्तापूर्ण वाली चादर का प्रयोग किया जा रहा है। डॉक्टर टीम इन दिनों 3 शिफ्टिंग में भी काम कर रही है। सिर्फ इमरजेंसी ही नहीं ओपीडी सेवाओं में भी बदलाव किया नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, शुगर व अन्य आवश्यक जांचे भी की जा रही है।
ओटी टीम बनी गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान जिला उप अस्पताल गर्भवती महिलाओँ के लिए इन दिनों वरदान बना हुआ है, पिछले 3 माह में 49 सिजेरियन प्रसव सफलतापूर्वक कराए जा चुके हैं, बुधवार को 49 वां सिजेरियन प्रसव प्रेम बाई पत्नी अर्जुन सिंह ग्राम भाटखेड़ी निवासी मध्यप्रदेश का कराया, मिली जानकारी के अनुसार बता दे की इस गर्भवती महिला के केवल एक ही अंडाशय था और अन्य जटिलताओं के चलते सफलतापूर्वक सिजेरियन किया गया, अन्यथा इस क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं को भवानीमंडी, झालावाड़, उज्जैन आदि शहरों में चक्कर लगाने पड़ते है, ऐसे में यह टीम गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान बनी हुई है।
नवजात की किलकारी से गूंजता न्यूबोर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट(एनबीएसयू ) जिला उप चिकित्सालय में इन दिनों न्यूबोर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट की स्थापना की गई जो इन दिनों नवजातों की किलकारी से गूंज रहा है। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास जैन ने बताया की प्रसव के बाद नवजात की अधिकांश समस्याओं के निराकरण के लिए इस यूनिट की स्थापना की गई थी। यूनिट में हर माह तकरीबन दो दर्जन से अधिक नवजात का सफल इलाज किया जाता है। इस यूनिट में प्रि-मेच्योर बेबी, कम वजन के शिशु, सांस की समस्या वाले शिशु, पीलिया और डायरिया से ग्रस्त नवजात व शिशुओं का इलाज किया जाता है, जिनके इलाज के लिए रेडिएंट वार्मर, फोटो थेरेपी यूनिट, वेंटिलेटर सहित अन्य सुविधाएं है।