जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर की विदेश यात्रा विवादों में:बिना सरकारी अनुमति ब्राजील गईं, मंत्री ने दिए जांच के आदेश; विधि विशेषज्ञ बोले- अनुमति जरूरी

जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर की विदेश यात्रा विवादों में:बिना सरकारी अनुमति ब्राजील गईं, मंत्री ने दिए जांच के आदेश; विधि विशेषज्ञ बोले- अनुमति जरूरी
जयपुर के नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर का विदेश दौरा विवादों में घिर गया है। मेयर ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स एसोसिएशन ऑफ सिटीज की जनरल असेंबली में भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार से कोई अनुमति नहीं ली। नगर निगम ग्रेटर के नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने मामला उठाते हुए कहा कि सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, मंत्री या लोकसेवक को विदेश यात्रा के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। विशेषकर जब यात्रा दूसरे देश की सरकार या संस्था के खर्चे पर हो तो FCRA (विदेशी अनुदान विनियमन अधिनियम) के तहत मंजूरी आवश्यक है। यह पहला मौका नहीं है जब मेयर बिना अनुमति विदेश गई हैं। इससे पहले वे रूस में भी एक कार्यक्रम में शामिल हो चुकी हैं। जबकि 2017-18 में तत्कालीन मेयर अशोक लाहोटी को इसी तरह के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ी थी। मेयर के विदेश दौरे पर किसने क्या कहा... मेयर ने सोशल मीडिया पर साझा किया विदेश दौरे का अनुभव कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मेयर सौम्या गुर्जर ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने ब्रिक्स एसोसिएशन ऑफ सिटीज की जनरल असेंबली में भारत का प्रतिनिधित्व करने को गर्व का क्षण बताया। मेयर ने बताया कि बैठक में शहरी विकास और शहरों को अधिक रहने योग्य बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई। मेयर ने बैठक में भारतीय नागरिकों पर हुए आतंकी हमलों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने भारत की शांति के प्रति प्रतिबद्धता और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया। साथ ही ब्रिक्स सदस्य देशों से ऐसी आतंकी घटनाओं की कड़ी निंदा करने की अपील की। 1 मई को मिला निमंत्रण, 6 मई को दी सहमति सूत्रों के अनुसार, ब्राजील में 26 से 28 मई तक आयोजित कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र मेयर को 1 मई को प्राप्त हुआ था। आयोजकों ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए इसमें शामिल होने की पुष्टि मांगी थी। मेयर ने 6 मई को कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति दे दी। कार्यक्रम का समस्त खर्च, जिसमें यात्रा, आवास, भोजन और स्थानीय परिवहन शामिल है, आयोजक संस्था द्वारा वहन किया गया। विदेशी आमंत्रण पर सरकारी अनुमति जरूरी सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, किसी विदेशी संस्था या सरकार से कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण मिलने पर उसे स्वीकार करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है। विशेषकर जब यात्रा, आवास या अन्य सुविधाओं का खर्च विदेशी संस्था द्वारा वहन किया जा रहा हो, तो यह विदेशी अनुदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के अंतर्गत आता है। ऐसे मामलों में FCRA की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य है। लेकिन मेयर ने न तो सरकार से अनुमति ली और न ही कोई सूचना दी।