जयपुर में बनी मूर्तियां, भूपालसागर में हुई स्थापित:सीएम भजनलाल शर्मा ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा का किया लोकार्पण

जयपुर में बनी मूर्तियां, भूपालसागर में हुई स्थापित:सीएम भजनलाल शर्मा ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा का किया लोकार्पण
महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर चित्तौड़गढ़ जिले के भूपालसागर कस्बे में वीरता और स्वाभिमान का प्रतीक एक अनूठे ऐतिहासिक सर्किल का लोकार्पण हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को यहां बूल चौराहे पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। अब इसको महाराणा प्रताप सर्किल के नाम से भी जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने जैसे ही महाराणा प्रताप की चेतक पर सवार प्रतिमा का परदा हटाया, वातावरण ‘महाराणा प्रताप अमर रहें’ ' महाराणा प्रताप की जय' के जयघोष से गूंज उठा। यह समारोह प्रताप जयंती के दिन होने से और भी खास बन गया। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री और बड़ीसादड़ी विधायक गौतम दक, सांसद सीपी जोशी, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, बेगूं विधायक सुरेश धाकड़, कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर और बीजेपी जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडरी, पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष मिट्ठूलाल जाट, जिला प्रमुख गब्बर सिंह, भूपालसागर प्रधान हेमेंद्र सिंह मौजूद रहे। सीएम शर्मा बोले- 5 जून को मनाएंगे गंगा दशहरा इस मौकेपर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के बहुआयामी विकास कामों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले राज्य के भीषण जल संकट पर काम किया और कई योजनाओं के माध्यम से पानी की बचत और आपूर्ति को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई जल योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे पूरे राज्य में जल संकट को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़, कपासन और उदयपुर क्षेत्र के लिए एक विशेष स्कीम बनाई गई है जो शीघ्र ही धरातल पर उतरेगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा के अवसर पर 'जल पूजन' कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने प्रदेशभर की महिलाओं को अपने गांव के तालाबों, नदियों व सरोवरों की सफाई करने और मां गंगा के प्रतीक रूप में जल स्रोतों की पूजा करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम जल को देवता मानते हैं। यह अभियान सिर्फ सफाई का नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से पानी को सम्मान देने का प्रयास है। इसी दिन हम एक पौधा अपनी मां के नाम पर भी लगाएंगे।" उन्होंने बताया कि इस साल 11 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य तय किया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 7 करोड़ 35 लाख था। इसके लिए समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने पानी के फालतू में बहने को रोकने पर भी जोर देते हुए कहा कि “जहां भी पानी बहकर बर्बाद हो रहा है, वहां उसका संग्रह और प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। हमें हरियालो राजस्थान बनाना है।” किसानों को दिन में बिजली, युवाओं को रोजगार CM शर्मा ने बिजली समस्या पर बोलते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक प्रदेश के प्रत्येक किसान को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए विभिन्न चरणों में काम शुरू कर दिया गया है। युवाओं के भविष्य पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई महीने में "रोजगार उत्सव" आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक 67,000 युवाओं को रोजगार मिल चुका है, और 1.87 लाख नौकरियां पाइपलाइन में हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “जब हमने 4 लाख नौकरियां देने की बात कही थी, तो कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। लेकिन आज हम नतीजों के साथ खड़े हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले सालों में राजस्थान में कई नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे, जिनमें चित्तौड़गढ़ भी शामिल होगा। इससे युवाओं को निजी क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। कांग्रेस पर कसा तंज, बोले ट्वीट मास्टर बन गए कांग्रेस के बड़े नेता मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस पर तीखा तंज करते हुए कहा कि अब कांग्रेस नेताओं का काम केवल ट्वीट करना रह गया है। “जब उनकी सरकार थी, तब कोई ठोस काम नहीं किया। अब जब हम योजनाएं लाते हैं, तो वे ट्वीट कर विरोध जताते हैं। आज वे केवल ट्वीट मास्टर बन गए हैं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, लेकिन वे यह भी ट्वीट करें कि डेढ़ साल पहले उन्होंने क्या किया था।” मूर्तियों का अनावरण पर खुद को बताया सौभाग्यशाली कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप को मेवाड़ का मुकुट बताते हुए उन्हें कोटि-कोटि नमन किया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का नाम लेते ही शरीर में एक अलग ऊर्जा का संचार होता है। “मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज मुझे महाराणा प्रताप, मां पन्नाधाय और राणा पूंजा की मूर्तियों का अनावरण करने का सौभाग्य मिला।” उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ की माटी तपोभूमि है, जहां शक्ति और भक्ति दोनों का संगम होता है। “हल्दीघाटी का युद्ध हमारे इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। अकबर जैसे शासकों ने भी महाराणा प्रताप के शौर्य को स्वीकार किया।” मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आने वाले समय में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट के अंतर्गत कई योजनाएं चलाई जाएंगी। इसके साथ ही "महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी" की स्थापना की योजना भी सरकार के विचाराधीन है। नरेंद्र मोदी और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश ने वैश्विक पहचान बनाई है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया। मेवाड़ की गौरवगाथा को कर रही साकार इस सर्किल पर केवल महाराणा प्रताप ही नहीं, बल्कि उनके जीवन से जुड़े 4 लोग उनके पिता महाराणा उदयसिंह, धाय मां पन्नाधाय, उनके सहयोगी रहे वीर योद्धा राणा पूंजा और पन्नाधाय के पुत्र चंदन सिंह की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। यह देश और प्रदेश का पहला ऐसा चौराहा बन गया है, जहां मेवाड़ के इतिहास की इतनी महत्वपूर्ण शख्सियतों की मूर्तियां एक साथ स्थापित की गई हैं। इन मूर्तियों के जरिए महाराणा प्रताप की वीरता, उनके परिवार और सहयोगियों के योगदान को भी अमर किया गया है। यह सर्किल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा। महाराणा प्रताप की सवा 15 फीट ऊंची है प्रतिमा घन मेटल से बनी ये मूर्तियां जयपुर के कारीगरों ने महीनों की मेहनत से तैयार की। कुछ दिन पहले ये मूर्तियां भारी गाड़ियों से भूपालसागर लाई गई थीं और पहले से निर्मित प्लेटफार्म पर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ स्थापित की गईं। इस प्रकल्प में लगभग 21 लाख रुपए का खर्च आया, जिसे जनसहयोग से जुटाया गया। सबसे भारी मूर्ति महाराणा प्रताप की है, जिसका वजन करीब 3 टन है और सवा 15 फीट ऊंची है। चेतक पर सवार प्रताप की यह प्रतिमा क्षेत्र के इतिहास प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन रही है।