चित्तौड़गढ़ में वन्य जीव गणना पूरी:बस्सी सेंचुरी में पहली बार दिखा स्टार कछुआ, वन्य प्रेमियों के लिए रोमांचक रहा यह अनुभव

चित्तौड़गढ़ जिले में 24 घंटे तक चली वन्य जीव गणना पूरी हो गई। यह गणना जिले के तीन प्रमुख क्षेत्रों बस्सी वन्यजीव अभयारण्य (सेंचुरी), सीता माता सेंचुरी और चित्तौड़गढ़ टेरिटोरियल फॉरेस्ट एरिया में की गई। कुल 155 वॉटर हॉल पॉइंट्स (जल स्रोत) पर वन्यजीवों की उपस्थिति और गतिविधियों को रिकॉर्ड किया गया। बस्सी सेंचुरी में दिखे कई तरह के वन्यजीव बस्सी सेंचुरी में इस बार वन्यजीवों की अच्छी खासी विविधता देखने को मिली। यहां 14 पैंथर (लेपर्ड) कैमरे में कैद हुए। इसके अलावा चिंकारा, चीतल, जंगली सूअर, बंदर, नीलगाय, मोर, सेही, मगरमच्छ, जंगली बिल्ली, नेवला जैसे अनेक वन्यजीव देखे गए। वन विभाग का अनुमान है कि बंदर, मोर, नीलगाय, चिंकारा और चीतल की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि वन्यजीवों के लिए यह क्षेत्र सुरक्षित और उपयुक्त बना हुआ है। पहली बार दिखा स्टार कछुआ वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग के लिए इस बार का सबसे खास अनुभव बस्सी सेंचुरी में पहली बार स्टार कछुआ दिखाई देना रहा। यह दुर्लभ प्रजाति का कछुआ है जो आमतौर पर दिखाई नहीं देता। इसे देखना वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक उत्साहजनक संकेत माना जा रहा है। हिरण और मगरमच्छ की दिलचस्प झलक वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर शैलेन्द्र जोशी ने बताया कि उन्होंने कई बार तालाब के किनारे हिरणों को पानी पीते देखा और उसी तालाब के पास एक मगरमच्छ को शिकार की घात में बैठे हुए भी कैमरे में कैद किया। ये दृश्य वन्यजीवों की प्राकृतिक जीवनशैली को दर्शाते हैं और फोटोप्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक रहे। कैमरों में कैद हुए पैंथर रेंजर नरेंद्र ने बताया कि कई पैंथर वाटर हॉल पर पानी पीते हुए ट्रैप कैमरों में दिखाई दिए, जबकि कुछ पैंथर वहीं आसपास घूमते भी देखे गए। यह देखकर यह समझा जा सकता है कि ये क्षेत्र पैंथरों के लिए एक स्थायी निवासस्थल के रूप में काम कर रहा है। सीता माता सेंचुरी में भी दिखा लेपर्ड का मूवमेंट वहीं, सीता माता सेंचुरी के ACF राम मोहन मीना ने बताया कि यहां लेपर्ड, चौसिंगा और उड़न गिलहरी जैसी दुर्लभ प्रजातियों की भी उपस्थिति देखी गई। इन जीवों की सक्रियता से यह क्षेत्र भी जैव विविधता की दृष्टि से समृद्ध साबित हुआ है। इसके अलावा धरियावद रेंज पीपला नाला, आरामपुरा नाका में लेपर्ड के मूवमेंट को देखा गया है। उसके मूवमेंट को कैमरे में भी कैद किया गया। हालांकि यह लेपर्ड किसी वाटर हॉल के पास नहीं बल्कि जंगलों में घूमता हुआ दिखा।