कोरोना साल 2021 में मौतों में 20 लाख का इजाफा:सरकारी रिपोर्ट में खुलासा; इसी साल दोगुना रेट से बढ़ी कोविड-हार्ट डिजीज से मरने वालों की संख्या

कोरोना साल 2021 में मौतों में 20 लाख का इजाफा:सरकारी रिपोर्ट में खुलासा; इसी साल दोगुना रेट से बढ़ी कोविड-हार्ट डिजीज से मरने वालों की संख्या
भारत में एक बार फिर कोरोना के एक्टिव मामले 1 हजार का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इस बीच 2 साल की देरी से 2021 (कोरोना काल) में मरने वालों का असली आंकड़ा सामने आया है। यह खुलासा मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ (MCCD) की रिपोर्ट, 2021 में हुआ है। इसे Registrar General of India (RGI) की ने 7 मई को https://censusindia.gov.in/ पर अपलोड किया है। यह 27 मई को मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई। इसके मुताबिक, 2021 में देश में 1.02 करोड़ मौतें हुईं, इसमें पिछले साल की तुलना में 21.08 लाख की बढ़ोतरी देखी गई। 2020 में 81.15 लाख मौतें हुईं थी। यह रिपोर्ट रिलीज होने में देरी की बड़ी वजह MCCD के प्रावधानों का सख्ती से इम्प्लीमेंटेशन न होना है। वहीं कई राज्यों में सभी अस्पतालों का MCCD में शामिल नहीं होने से मौतों का पूरा आंकड़ा समय से मिलने में देरी हुई। जैसे उत्तर प्रदेश में 2316 अस्पताल हैं, लेकिन सिर्फ 872 रिपोर्ट भेजते हैं। ऐसे ही तेलंगाना में 7371 अस्पतालों में से सिर्फ 706 रिपोर्ट करते हैं। 5-7 लाख की दर से बढ़ने वाला मौतों का आंकड़ा, 2021 में 21 लाख बढ़ा MCCD की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 से 2020 तक देशभर में मरने वालों की संख्या में 5 से 7 लाख तक का इजाफा देखा गया। 2021 में मौतों के आंकड़े में 21 लाख की बढ़त हुई। वहीं, 2021 में मौतों को मेडिकली सर्टिफाई करने का आंकड़ा 23.42% था, जो 2019 और 2020 की तुलना में सिर्फ 1 से 3% ही अधिक था। यानी 2021 में हर 10 में से 7 मौतों की वजह को मेडिकली सर्टिफाई नहीं किया गया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 21.08 लाख ज्यादा मौतें उस वक्त लॉकडाउन और रिपोर्टिंग की कमी की वजह से पता चला नहीं था। अब यह आंकड़ा सामने आया है। हालांकि RGI ने बढ़ी 21.08 लाख मौतों की वजह नहीं बताई है। मेडिकली सर्टिफाइड डेथ क्या होता है? ‘मेडिकली सर्टिफाइड डेथ’ मतलब ऐसी मृत्यु जिसकी वजह को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल ने प्रमाणित किया हो। दरअसल सभी मौतों को सर्टिफाइड करने से पता चलता है कि लोग किन बीमारियों से अधिक मर रहे हैं। इसके अलावा सर्टिफिकेशन से प्रमुख बीमारियों के लिए इलाज, जागरूकता और गंभीरता को समझने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, अगर कोरोना काल में अधिकतर मौतों को मेडिकली सर्टिफाई किया गया होता तो सरकार को इससे हेल्थ बजट और प्लानिंग करने में मदद मिलता। 2021 में 25-44 साल के मरने वालों में कोविड-हार्ट की बीमारी बड़ी वजह इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में हार्ट की बीमारी और कोविड से मौत देश में सबसे बड़ी वजह थी। 4 साल तक के बच्चों में कोविड का कोई खास इम्पैक्ट नहीं पड़ा था। 5 से 24 साल के लोगों में एक्सीडेंट, पॉइजन और चोट मौत की बड़ी वजह थी। वहीं इसी साल 15 से 24 उम्र के युवाओं में हार्ट की बीमारी से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। इधर 25-44 साल के लोगों में हार्ट की बीमारी के बाद कोरोना से मौत दूसरी बड़ी वजह साबित हुई। इसके अलावा 45+ उम्र वालों में 35% मौतें हार्ट डिजीस वालों की हुई। सरकार के दावों से अधिक निकला कोरोना से मौतों का आंकड़ा MCCD रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से मरने वालों की संख्या 5.74 लाख थी। लेकिन हेल्थ मिनिस्ट्री ने संसद में 5.33 लाख मौतों का दावा किया था। यह संख्या MCCD की रिपोर्ट से 40,533 मौत कम हैं। हालांकि रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2021 में 1 करोड़ कुल मौतें हुई, जिनमें सिर्फ 24 लाख को ही सर्टिफाई किया गया था। ऐसे में अधिकतर मौतें जो 2021 में अचानक बढ़ी, उनकी वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। 2021 में महिलाओं से करीब दोगुना पुरुषों की मौत MCCD की रिपोर्ट 2021 में देशभर में कुल 1 करोड़ मौतें हुईं, जिसमें 62 लाख पुरुष और 40 लाख महिलाएं थीं। महिलाओं(37.6%) की तुलना पुरुषों (62.4%) की मौत का आंकड़ा करीब दोगुना था। हालांकि डॉक्यूमेंटेड मौतों में पुरुषों की ज्यादा संख्या के पीछे महिलाओं की मौतों की कम रिपोर्टिंग मानी गई। ------------------------- यह खबर भी पढ़ें... देश में कोरोना के 1200 केस, अबतक 12 मौतें; UP-बिहार दौरे पर PM मोदी के नजदीक रहने वालों के टेस्ट होंगे देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 1200 पहुंच गई है। महाराष्ट्र एक्टिव केसेज के मामले में दूसरे नंबर पर है। यहां 325 मरीज हैं। इनमें से 316 मरीज सिर्फ मुंबई में हैं। इसके बाद केरल में सबसे ज्यादा 430 कोरोना पेशेंट हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र में 66, कर्नाटक में 36, गुजरात में 17, बिहार में 5 और हरियाणा में 3 नए मामले सामने आए हैं। पूरी खबर पढ़ें...