ऑपरेशन सिंदूर ने PAK एयरफोर्स को 5 साल पीछे धकेला:रिपोर्ट में दावा- भारतीय हमले के दौरान लाचार हो गई थी पाकिस्तानी वायुसेना

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तानी एयरफोर्स को हुआ है। ANI ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत के हमले के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना लाचार हो गई थी। उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि हमले का बचाव कैसे किया जाए। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने हवा से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइलों, लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों और अलग-अलग तरह के घूमते रहने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया। रक्षा सूत्रों ने ANI को बताया कि भारतीय वायुसेना ने लगातार चार दिन तक पाकिस्तान में बहुत सटीक हमले किए। इस हमले से पाकिस्तान को इतना नुकसान हुआ है कि उबरने में उसे कम से कम 5 साल लग जाएंगे। भारत ने PAK एयर डिफेंस पर सबसे पहला हमला किया भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी लड़ाई 9 और 10 मई की रात को हुई, जो 10 मई की दोपहर तक चली। भारत ने इस दौरान पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में बने एयरबेस को निशाना बनाया। भारत ने इस दौरान यह संदेश दे दिया वह कहीं भी जा सकता है और पाकिस्तान उसे रोक नहीं सकता। भारतीय वायुसेना ने तय किया था कि सबसे पहले पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म किया जाएगा। ये पाकिस्तान की पूरी सीमा पर तैनात था, इसमें पुराने अमेरिकी और चीनी रडार सिस्टम और चीन से मिली सतह से हवा में मार करने वाली HQ-9 मिसाइलें शामिल थीं, जिनकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर से ज्यादा थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी पंजाब में मौजूद रडार स्टेशनों पर हमला किया और इन्हें नष्ट करने के लिए हैरोप और हार्पी ड्रोन इस्तेमाल किया। करीब चार से पांच रडार स्टेशन और एक चीनी मिसाइल सिस्टम का लॉन्चर भारत ने तबाह कर दिया। लाहौर जैसे बड़े शहर में एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान की एयर फोर्स की निगरानी क्षमता काफी घट गई। आतंकियों के ठिकानों पर हमले से शुरुआत भारत ने पाकिस्तान पर हमले की शुरुआत 6 और 7 मई की रात से की। भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था। इन ठिकानों में पाकिस्तान के पंजाब राज्य के बहावलपुर और मुरीदके जैसे इलाके भी शामिल थे। इसके जवाब में 8 मई की शाम को पाकिस्तान ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला करने की कोशिश की। उसने तुर्किये और चीन के ड्रोन का इस्तेमाल किया, लेकिन इसमें उसे कामयाबी नहीं मिली। भारत की वायु रक्षा पूरी तरह से एक्टिव थी और छोटे हथियारों से लेकर बड़े एयर डिफेंस सिस्टम तक हर हथियार तैयार था। इन हथियारों ने पाकिस्तान के ड्रोन को काफी नुकसान पहुंचाया। भारतीय सेना ने भी सीमा के दूसरी तरफ भारी तोपों और रॉकेट लॉन्चरों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की सेना को बुरी तरह से उलझा कर रखा और उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया। भारत के हमले से कंट्रोल सेंटर से संपर्क टूटा 9 मई को भारतीय वायुसेना ने आक्रामक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के चकलाला, सरगोधा और मुरीद हवाई अड्डों पर हमला किया। इन ठिकानों पर मौजूद कमांड और कंट्रोल केंद्र (C2 सेंटर) नष्ट कर दिए गए। भारत ने इन ठिकानों को तीन प्रमुख हथियारों से निशाना बनाया – इनमें दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, रैम्पेज और स्कैल्प शामिल हैं। मिराज, राफेल, एसयू-30 और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों को पिछले कुछ सालों में इन मिसाइलों से लैस किया गया है। तीनों C2 सेंटरों के तबाह होने से पाकिस्तानी वायुसेना का संपर्क टूट गया। उनके विमान और ग्राउंड स्टेशनों के बीच कोई संपर्क नहीं रहा। इससे उनकी वायुसेना को गंभीर झटका लगा और वे कुछ भी तय नहीं कर पा रहे थे। बिना फटे भारतीय जमीन पर गिरीं PAK मिसाइलें सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने जो हथियार इस्तेमाल किए, उनकी गुणवत्ता बहुत खराब थी। कुछ मिसाइलें तो बिना फटे जमीन पर गिर गईं, जिन्हें बाद में स्थानीय लोगों ने ढूंढ कर भारतीय सेना को सौंप दिया। 10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने फिर से हमला किया। उसने सरगोधा, रफीकी, रहीमयार खान, जैकोबाबाद, भोलारी और कराची के पास एयरपोर्ट को निशाना बनाया। इन हमलों का मकसद था पाकिस्तान को फैसले लेने से रोकना और उसे भ्रम की स्थिति में डालना। भारत ने ये हमले अपने क्षेत्र से ही किए, जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाले सटीक हथियारों का इस्तेमाल हुआ। मिसाइलें सीधे अपने लक्ष्यों पर जाकर गिरीं और भारी तबाही मचाई। भोलारी में एक हैंगर को निशाना बनाया गया, जिसमें पाकिस्तान वायुसेना के कुछ लड़ाकू विमान और एक एयरबोर्न रडार विमान था। यह हमला इतना शक्तिशाली था कि पाकिस्तान अब तक वहां से मलबा हटाना शुरू नहीं कर पाया है। पंजाब के एक एयरबेस पर रनवे पर भी हमले किए गए, जिससे वहां से 8 घंटे तक कोई विमान उड़ान नहीं भर सका। इन हमलों की निगरानी भारत के उपग्रहों और एरियल वार्निंग सिस्टम (AWACS) विमानों से की गई। ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों को संदेश मिला ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में ही भारत के शीर्ष नेतृत्व ने सेना को संदेश दिया था कि हमले इतने जबरदस्त होने चाहिए कि पाकिस्तानी सेना में मौजूद आतंकवादियों के समर्थकों को साफ संदेश मिल जाए। सेना को शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि उन्हें सिर्फ हल्के या कम प्रभाव वाले हमलों से संतुष्ट नहीं होना है। उन्हें पूरी ताकत के साथ काम करने की छूट दी गई थी। मिसाइलों से जो तबाही मचाई गई, उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया और पाकिस्तानी नेटवर्क पर दिखीं। इससे साफ नजर आता है कि कैसे मिसाइलें छतों में एक छोटे से छेद के जरिए अंदर घुसती हैं और अंदर की इमारतों को पूरी तरह तबाह कर देती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण जैश-ए-मोहम्मद की उस इमारत में भी देखा गया, जिसे 2019 के बालाकोट हमले में भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया था। वहां भी छत में छोटा सा छेद था, लेकिन भीतर बहुत बड़ी तबाही हुई थी। भारतीय वायुसेना ने जो खास हथियार इस्तेमाल किए, उनमें खुद से लक्ष्य पहचानने और उन पर नजर रखने की क्षमता थी। इन्हीं हथियारों से मिले वीडियो फुटेज को सेना और सरकार के शीर्ष अधिकारियों को दिखाया गया है, जिससे हमले की सफलता की पुष्टि होती है। एयरबेस पर हुए नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरें… ये एयरबेस इंटरनेशनल बॉर्डर से करीब 200 किलोमीटर दूर है। भारत ने जैकोबाबाद एयरबेस के हैंगर को निशाना बनाया। हैंगर वो जगह होती है जहां एयरक्राफ्ट की मरम्मत और रखरखाव होता है। 11 मई की इस तस्वीर में दिखता है कि हैंगर को नुकसान पहुंचा और उसके पास मलबा पड़ा है। 30 अप्रैल की पुरानी तस्वीर में स्ट्रक्चर ठीक-ठाक दिख रहा था। ये पाकिस्तान का नया एयरबेस है जो 2017 में चालू हुआ था। भारत ने स्ट्राइक के दौरान भोलारी एयरबेस के हैंगर पर हमला किया, जिससे उसकी छत को बड़ा नुकसान हुआ। 27 अप्रैल की सैटेलाइट फोटो में ये हैंगर पूरी तरह सही-सलामत दिख रहा था। ये एयरबेस सिंध प्रांत में है और पाकिस्तान की साउदर्न एयर कमांड इसे ऑपरेट करती है। 10 मई की तस्वीरों में साफ दिखता है कि स्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ और आसपास मलबा फैला है। इसके पास में जली हुई घास और जमीन पर काले निशान हैं, जो शायद हमले के बाद लगी आग के कारण हुए। ये एयरबेस रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बीच है। रावलपिंडी में पाकिस्तान की मिलिट्री का हेडक्वार्टर है और इस्लामाबाद पॉलिटिकल सेंटर है। 1971 की जंग में भी भारत ने इसे निशाना बनाया था। सैटेलाइट तस्वीरों में कई इमारतें तबाह दिखती हैं। 25 अप्रैल की तस्वीरों में सभी इमारतें सही हालत में थीं। ये एयरबेस पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है और बहावलपुर से करीब 200 किलोमीटर साउथ में है। बहावलपुर वही जगह है जहां भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की पहली स्ट्राइक की थी। एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस एयरबेस के रनवे को हुए नुकसान का वीडियो दिखाया था। सैटेलाइट फोटो में रनवे के किनारे एक बड़ा गड्ढा दिख रहा है, जो स्ट्राइक की वजह से बना है। ये एयरबेस पाकिस्तान एयरफोर्स के लिए स्ट्रैटजिक रूप से बहुत अहम है। ये लाहौर के पश्चिम में और पंजाब बॉर्डर से करीब 200 किलोमीटर दूर है। 1965 और 1971 की जंग में भी भारतीय वायुसेना ने इसे टारगेट किया था। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने यहां दो जगह रनवे को निशाना बनाया- एक इंटरसेक्शन पर और दूसरा मेन रनवे। 10 मई की तस्वीरों में दोनों जगह रनवे पर बड़े गड्ढे दिखाई देते हैं। 30 अप्रैल और 10 मई की तस्वीरों में फर्क साफ देखा जा सकता है। ...................................................... ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... पाकिस्तान के ध्वस्त एयरबेसों की सैटेलाइट PHOTOS:ड्रोन अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तानी एयरफील्ड पर एयरस्ट्राइक की थी; रनवे और बिल्डिंग तबाह किए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेस पर हमला किया, जिसमें रनवे, हैंगर और इमारतों को नुकसान पहुंचा। इनमें सरगोधा, नूर खान (चकलाला), भोलारी, जैकोबाबाद, सुक्कुर और रहीम यार खान एयरबेस शामिल हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...