एक्टर बोले- मैं किसी का गुलाम नहीं बनना चाहता:इसलिए सोशल मीडिया से दूर, मैं दिखने के लिए काम नहीं करता हूं

बॉलीवुड एक्टर राजीव खंडेलवाल शुक्रवार को जयपुर पहुंचे हैं। इस दौरान वे दैनिक भास्कर ऑफिस में अपनी काम पर खुलकर बात की।। यहां उन्होंने अपनी जर्नी, लाइफस्टाइल, प्रोजेक्ट के चयन और सोशल मीडिया से दूरी पर बात की। उन्होंने कहा- मैं दिखने के लिए काम नहीं करता हूं, राजीव खंडेलवाल बने रहने के लिए काम करता हूं। सोशल मीडिया से इसलिए दूर रहता हूं, क्योंकि मैं किसी का गुलाम नहीं बनना चाहता। आगे पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल: अपने होमटाउन आए हैं, कितना खास है? राजीव खंडेलवाल: जयपुर आना घर आने जितना ही खास है। जयपुर ताे मेरे नस-नस में बसा हुआ है। बहुत यादें जुड़ी हैं। इस लाइफ में इसे भूला पाऊंगा, ऐसा मुमकिन नहीं है। मैं यहां से पला-बढ़ा हूं। यहां ज्यादा समय नहीं गुजारा, क्योंकि पापा आर्मी में थे तो अलग-अलग जगह रहे। रिटायरमेंट के बाद वे यहां सेटल हुए। मेरी पैदाइश जयपुर की रही है, यहां गर्मियों की छुट्टियों में जरूर आता था। यहां मामी-नानी के घर पर जाना, उनके पास समय बिताना आज भी याद है। सवाल: 'सीक्रेट्स ऑफ शीलेदार' वेब सीरीज आपके लिए कितनी खास रही, इसमें चोट भी लगी? राजीव खंडेलवाल: यह सीरीज मेरे लिए बहुत खास एक्सपीरियंस वाली रही है। इस पर बहुत काम हुआ, खूब रिसर्च हुई। एक ट्रेजर हंट वाला अंदाज था, हमें खजाना ढूंढना था। यह पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया गया। पूरा कॉन्सेप्ट सेट पर ही तैयार हुआ। हम सेट देख रहे थे, वह नया था। बिल्कुल ऑरिजनल की तरह था। ऑन स्पॉट ही एक अलग तरह का एहसास हो जाता था। यह आसान नहीं था, बहुत चैलेंजिंग था। शूटिंग करते वक्त ही इंजरी हो गई थी, लेकिन पता तक नहीं था। इसकी शूटिंग काफी फिजिकल थी। माउंटिंग क्लाइंबिंग की। पता नहीं कहां-कहां से कूदना और गिरना था। इस दौरान जब इंजरी हुई तो एहसास नहीं हुआ। सिर्फ दर्द होता था। जब शूटिंग कंपलीट की और एमआरआई करवाई तो पता लगा कि यह एक्शन तो काफी भारी पड़ा। स्लिप डिस्क की समस्या हो गई थी। हालांकि अब चिंता की बात नहीं है, अब तो लद्दाख मैराथन भी दौड़ चुका हूं। सवाल: आमिर और सुजल को किस तरह याद करते हैं? राजीव खंडेलवाल: दोनों मेरे पहले प्रोजेक्ट थे। आमिर मेरी पहली फिल्म थी और सुजल मेरी पहली टीवी पर एंट्री थी। दोनों अलग थे और अनोखे एक्सपीरियंस थे। सुजल के लिए मैं तैयार नहीं था, जो सुजल के साथ हुआ, उसको लेकर तैयार नहीं था। रातों-रात इसके साथ ऐसा होने वाला है। वह एक अलग जर्नी थी। ऐसे ही आमिर फिल्म के साथ हुआ। उसके लिए भी तैयार नहीं था। वह कल्ट फिल्म बन गई। लोग सिनेमाहॉल में खड़े होकर तालियां बजाते थे। हम सिनेमाघरों में छुप-छुप कर देखा करते थे। हम ऑडियंस का माहौल देखने जाते थे। हम पहले स्टेंडिंग ओवेशन सुनते थे, मैंने अपनी फिल्म के लिए पहली बार देखा तो नर्वस हो गया। रोंगटे खड़े हो जाते थे। तब भी सामने नहीं आते थे। दोनों किरदार को मैं कभी नहीं भूला सकता। सवाल: आपका दो दशक का अनुभव रहा है, इसमें आप बहुत सलेक्टिव रहे हैं, यह कोई रणनीति का हिस्सा है क्या? राजीव खंडेलवाल: मैं चाहता हूं कि जब मैं अपना काम खत्म करूं तो यह लगना चाहिए कि यह राजीव खंडेलवाल था। मैं भीड़ में खोना नहीं चाहता था। मैं बना ही वैसा हूं। मुझे यदि कोई चार चीजें देंगा और उनमें तीन एक जैसी हैं। मैं चौथी को करना चाहूंगा, क्योंकि वह अलग है। मुझे ऐसा लगता है कि भीड़ जो कर रही है, वह तो कर ही रही है। क्या इसमें अपना कुछ क्रिएट नहीं कर सकते। यही सोच रहती है। घर, बंगला, लग्जरी गाड़ियों की तरफ मुख नहीं किया। मैं सिर्फ जगह बनाना चाहता था, जिसमें यदि मैं तीन साल भी नजर नहीं आउं तो लोग भूले नहीं। वह बहुत मीठा अहसास है। सवाल: आप सोशल मीडिया से भी दूर रहते हैं, इसका विशेष कारण नहीं है? राजीव खंडेलवाल: मैं इसलिए दूर रहता हूं कि जब सभी ये करते हैं तो मैं उसका हिस्सा नहीं बनना चाहता। मैं किसी का गुलाम नहीं बनना चाहता था, कोई भी माध्यम मुझे पर हावी नहीं हो सकता है। जब फिल्म की तो उसे अपना टाइम दिया, जब टीवी किया तो उसको समय दिया। अब ओटीटी के लिए भी वैसा ही माहौल है। मैंने किसी के लिए खुद को नहीं बदला है। मैं हर चीज करूंगा। मैं चाहता हूं कि मेरे काम को पसंद किया जाना चाहिए, इसलिए मैं हर चीज शिद्दत से करना चाहता हूं। मेरे काम को सराहना मिलनी चाहिए। मुझे ऐसा लगता है कि मुझमें यदि कोई काबिलियत है तो मैं चाहे जिस भी स्टेज पर खड़ा हूं। आपको मुझे देखकर अच्छा लगना चाहिए, यही सोच रहती है। सोशल मीडिया की बात की जाए तो इसके कई लोग गुलाम बन गए हैं। सुबह उठते ही यह देखते हैं कि क्या हो रहा है। इस दुनिया में और सोने से पहले भी यह परम्परा बरकरार है। आप गुलाम बन गए हैं। आपको अहसास भी नहीं हुआ। मैं कंफटेबल नहीं हूं। रोज अपनी तस्वीर डालने के लिए, अपने लिए बात करने के लिए। मुझसे पूछेंगे तो यदि किसी अखबार में दो खबर आ जाती है तो मैं चिंतित हो जाता हूं कि यह क्यों हो रहा है। मेरी टीम भी जानती है कि यदि मैंने कहीं इंटरव्यू दे दिया तो मेरे छह महीने का हो गया । बात करते करते मैं खुद बोर हो जाऊंगा तो दर्शकों को क्या एंटरटेनमेंट दे पाऊंगा। इसी वजह से सोशल मीडिया से दूर ही रहता हूं। अब मुझे लगता है कि यह मेरा बहुत अच्छा फैसला था। सवाल: आप अपनी फिटनेस को लेकर क्या सोचते हैं, आप खुद सब्जियां उगाते हैं, तीन साल से शुगर के हाथ नहीं लगाया? राजीव खंडेलवाल: यह मेरी मां की देन है। तीन भाइयों में मैं सिर्फ इकलौता ऐसा था जिसने मम्मी की बात सुनी। मां कहती थी कि स्प्राउट्स खाया करो, ऑर्गेनिक खाया करो। मैंने अपने सिस्टम में उसे डाल लिया। फिर मेरे बड़े भाई को भी इसका शौक पड़ गया, उसको लगा कि राजीव यह कर रहा है। वह भी इससे जुड़ गया। वह जहां-जहां रहा,जितनी भी जगह मिली, खुद की सब्जियां उगाने लगा। फिर करते-करते यह अहसास हुआ कि हम अपना उगाया हुआ भी खा सकते हैं। मेरा हेल्थ से इस तरह से नाता नहीं है कि एक्टर हूं। मैं सिर्फ यह सोचता हूं कि जब 50 का हूं, आज भी पहाड़ चढ़ सकूं। मैं अपने सपनों को पूरा कर सकूं। सपनों को पूरा करने के लिए मेरी हेल्थ बीच में नहीं आए। उस पर ध्यान देता हूं। सपनों की उम्र नहीं होती। इसमें हेल्थ बाधा बन जाएगी तो वह कभी पूरे नहीं होंगी। सवाल: बॉलीवुड को सॉफ्ट टारगेट किया जाता है, ऑपरेशन सिंदूर के लिए कहा गया कि इस पर बॉलीवुड ने कुछ नहीं कहा, राजीव खंडेलवाल भी चुप थे? राजीव खंडेलवाल: मुझे ऐसा लगता है कि देश में ऐसी कोई घटना होती है, जहां देश की सुरक्षा की बात हो। ऐसे समय में हमारी ड्यूटी होती है कि देश में एक किस्म की एकता बनाए रखें। उस समय सरकार अपना काम कर रही थी, सेना अपना काम कर रही थी। वह छोटा काम नहीं था। इतने बड़े देश में मिस इन्फॉर्मेशन फैलना बहुत आसान होता है। मुझे अपने देश से बहुत प्यार है। उस कार्रवाई का वेट कर रहे हैं कि वह खत्म हो जाए, उसके बाद जब समझ गए और सरकार भी कह रही है कि आप इस पर बात कर सकते हैं तो हम कर भी रहे हैं। सरकार भी उस वक्त यही कह रही थी कि सोशल मीडिया पर मिस इन्फॉर्मेशन नहीं फैलाएं। उसी को हम फॉलो कर रहे थे। आप उस वक्त के कुछ कमेंट्स पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि ये करने वाले आपके दुश्मन ही हैं। जिस तरह की लैंग्वेज यह यूज कर रहे थे, जिससे आग लगे। हमारे देश में यह दुश्मन के लिए यह वैपन बन सकता है। कोई हमारे देश में 20-25 साल से अपने क्षेत्र में सेवाएं दे रहा है। उस पर सवाल उठाओगे तो वह सही नहीं है। उस पर सवाल उठाने के लिए पहले उस लेवल पर आपको बनना होगा। आप उसकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा सकते। सवाल: आप फिर कब दिखेंगे, इस पर जवाब देना चाहें तो बताएं? राजीव खंडेलवाल: मुझे आज भी बहुत प्यार मिलता है। 20-22 साल से मिलता जा रहा है। रोज सोचता हूं कि अब थोड़ा कम हो जाएगा, लेकिन यह कम ही नहीं होता। यह मेरे लिए ऋण की तरह है। मेरी कोशिश है कि जितना जल्दी इस ऋण को अदा कर सकूं तो कर दूं, यह काम से ही कर सकता हूं। जयपुर आने से दो दिन पहले ही एक सीरीज को साइन करके आया हूं। इसी साल आप सभी के सामने आ पाएगी। जिसे देखकर कहें कि यदि तू ब्रेक के बाद ऐसे आएगा तो ब्रेक ले लिया कर।