उजड़ रहा डोल का बाढ़:100 एकड़ में ग्रीन एरिया उजाड़कर यूनिटी मॉल-मंडपम बना रहे, 200 पेड़ काटे, 2300 और उखाड़े जाएंगे, पक्षियों की 85 प्रजातियां बेघर होंगी

शहर का प्राकृतिक जंगल डोल का बाढ़ अब उजड़ने के कगार पर हैं। रीको करीब 100 एकड़ एरिया में प्राकृतिक रूप से विकसित इस ग्रीन एरिया को खत्म करके यूनिटी मॉल, मंडपम और बिल्डिंग्स बना रहा है। वहीं पर्यावरण प्रेमी जंगल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। टोंक रोड स्थित तरुछाया नगर के पीछे और द्रव्यवती नदी से लगते इस जंगल में 2500 पेड़ों को काटा जाएगा और इसमें रहने वाले पक्षियों की 85 प्रजातियां अपना बसेरा खोदेंगी। रीको ने यहां जमीन के एक हिस्से पर पीएम यूनिटी माल बनाने के लिए खुदाई शुरू कर दी है। इसके लिए 200 पेड़ काटे जा चुके हैं। इस प्रोजेक्ट में यूनिटी मॉल के अलावा राजस्थान मंडपम, फिनटेक बिल्डिंग्स, लिविंग स्पेस बनाने की प्लानिंग है। 100 एकड़ में फैले इस जंगल से करीब 35 अलग-अलग प्रजातियों के 2500 पेड़ और कई औषधीय पौधों को काटा जाएगा। जंगल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे शौर्य ने बताया कि हमने सरकार को यहां बायोडायवर्सिटी पार्क डवलप करने के साथ ही यहां क्लाइमेट एजुकेशन म्यूजियम, ईको टूरिज्म, बर्ड वाचिंग टावर, ईको फ्रेंडली बिल्डिंग्स डवलप करने का प्लान दिया था। इ ससे ढोल का बाढ़ जंगल भी नहीं उजड़ेगा। इसके लिए एक स्टडी रिपोर्ट बनाई इसके अनुसार जंगल में अलग-अलग प्रजाति के 2500 पेड़ काटने से ग्रीन एरिया घटेगा। एक पेड़ सालाना 21 किलो कार्बनडाइऑक्साइड लेकर 100 किग्रा ऑक्सीजन पैदा करता है। जंगल को उजाड़ने 2 से 6 डिग्री तापमान बढ़ेगा और सालाना 240 टन ऑक्सीजन के उत्पादन पर फर्क पड़ेगा। पक्षियों की 85 प्रजातियों का बसेरा है। इनमें एलेक्जेंडर पेरेकिट, गोल्डन ऑरिवल, रोज कलर्ड फिच, लेजर वाइट थॉर्ट, स्काई वार्बलर, ट्री पीपीट, ब्लैक रेड स्टार्ट, रोजी स्टार्लिंग, इंडियन वाइट आई, ये हैडेड फ्लाईकेचर, कॉमन आईवोरा सहित कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों का यह जंगल घर है। यह है मामला... साल 1988 में राज्य सरकार ने यहां जैम स्टोन औद्योगिक पार्क के लिए किसानों से जमीन अवाप्त की थी। लीज मनी जमा नहीं कराने पर आवंटन निरस्त कर दिया। मास्टर प्लान 2025 में आवासीय उपयोग के लिए भूमि को दर्शाया हुआ। इसके बाद रीको ने आपत्ति दर्ज कराई तो 2017 में इस औद्योगिक उपयोग के लिए अलॉट कर दिया। पूर्ववर्ती सरकार ने यहां फिनटेक पार्क डवलप करने का प्लान तैयार किया। पर्यावरण प्रेमी इस जंगल को बचाने के लिए 4 माह से आंदोलन कर रहे हैं।