इंडिगो के को-फाउंडर गंगवाल ने कंपनी में 5.7% हिस्सेदारी बेची:₹11,615 करोड़ में हुई डील; अब कंपनी में इनकी 7.8% हिस्सेदारी बची

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (इंटरग्लोब एविएशन) के को-फाउंडर राकेश गंगवाल ने आज यानी मंगलवार, 27 मई को ब्लॉक डील के जरिए एयरलाइन में 5.7% हिस्सेदारी बेच दी है। यह डील करीब 11,615 करोड़ रुपए (1.33 बिलियन डॉलर) में हुई है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील से पहले गंगवाल के पास इंडिगो में लगभग 13.5 फीसदी हिस्सेदारी थी। ब्लॉक डील में 5,230 रुपए प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस पर 2.2 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे गए हैं। खबर के बाद इंडिगो का शेयर करीब 2% गिरकर ₹5,307 पर का बंद हुआ। गंगवाल परिवार पहले भी बेच चुका बड़ी हिस्सेदारी गंगवाल ने 2022 में इस्तीफा दिया था गंगवाल ने 2022 में इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्होंने कहा था कि वे थोड़ा-थोड़ा करके (फेज वाइज) कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम कर लेंगे। बोर्ड से हटने के बावजूद गंगवाल इंडिगो के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक बने हुए हैं। एयरलाइन को 3000 करोड़ का मुनाफा हुआ इंडिगो का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी में 3,068 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ। सालाना आधार पर यह 62% ज्यादा है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,895 करोड़ रुपए रहा था। एयर ट्रैवल में बढ़ती डिमांड के चलते कंपनी को यह मुनाफा हुआ है। जनवरी-मार्च तिमाही में इंडिगो के ऑपरेशन से रेवेन्यू सालाना आधार पर 24% बढ़कर 22,152 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 17,825 करोड़ रुपए रहा था। इंडिगो ने बुधवार (21 मई) को जनवरी-मार्च तिमाही और सालाना नतीजे जारी किए थे। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है इंडिगो मार्केट शेयर के लिहाज से इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है। भारतीय एयरलाइन मार्केट में कंपनी का शेयर करीब 64% है। इसकी स्थापना 2006 में राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने की थी। ये रोजाना 2000 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती है। 80 से ज्यादा डोमेस्टिक डेस्टिनेशन और 30 से ज्यादा इंटरनेशनल डेस्टिनेशन पर इंडिगो की फ्लाइट चलती है। ये 110+ डेस्टिनेशन को जोड़ती है। एयरलाइन की 320 से ज्यादा एयरक्राफ्ट की फ्लीट है। इसके 50 करोड़ से ज्यादा कस्टमर हैं।